छत्तीसगढ़ के सरकारी कॉलेजों की बदहाली, 109 कॉलेज बिना भवन, लैब, न लाइब्रेरी, छात्रों का भविष्य अधर में

छत्तीसगढ़ के सरकारी कॉलेजों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। राज्य के 335 सरकारी कॉलेजों में से 109 के पास अपना भवन तक नहीं है। इन कॉलेजों में न तो प्रयोगशाला (लैब) है और न ही पुस्तकालय (लाइब्रेरी) की सुविधा।

author-image
Krishna Kumar Sikander
New Update
Chhattisgarh government colleges in a bad state the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ के सरकारी कॉलेजों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। राज्य के 335 सरकारी कॉलेजों में से 109 के पास अपना भवन तक नहीं है। इन कॉलेजों में न तो प्रयोगशाला (लैब) है और न ही पुस्तकालय (लाइब्रेरी) की सुविधा। कई कॉलेजों में कक्षाएं स्टोर रूम या किराए के भवनों में चल रही हैं, जिसके कारण छात्रों को प्रैक्टिकल के लिए अन्य कॉलेजों का रुख करना पड़ रहा है।

यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है, जब ये कॉलेज हर साल करीब 20 हजार ग्रेजुएट्स तैयार कर रहे हैं। इन छात्रों के के पास डिग्री तो है, लेकिन रोजगार की मांग के अनुरूप योग्यता नहीं है। ये कॉलेज मुख्य रूप से 2018 से 2023 के बीच खुले, जब राज्य में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार सत्ता में थी।

ये खबर भी पढ़ें... रावतपुरा मेडिकल कॉलेज घोटाला में रावतपुरा सरकार और भक्तों पर गिरफ्तारी की तलवार, CBI की कार्रवाई तेज

बुनियादी सुविधाओं का अभाव

छत्तीसगढ़ के 335 सरकारी कॉलेजों में से 109 कॉलेज बिना अपने भवन के संचालित हो रहे हैं। इनमें से कई कॉलेज सात-आठ साल पुराने हैं, लेकिन इन्हें अभी तक स्थायी भवन, लैब, या लाइब्रेरी जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिली हैं। कुछ कॉलेजों में कक्षाएं स्टोर रूम, बरामदों, या किराए के भवनों में चल रही हैं। प्रयोगशाला और पुस्तकालय के अभाव में छात्रों को प्रैक्टिकल और शोध कार्यों के लिए अन्य कॉलेजों या संस्थानों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे उनकी पढ़ाई में बाधा उत्पन्न होती है।

ये खबर भी पढ़ें... हायर एजुकेशन: सरकारी कॉलेजों को आईआईटी की तर्ज पर विकसित करेगी सरकार

प्रैक्टिकल के लिए भटकते छात्र

विज्ञान और तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रैक्टिकल का विशेष महत्व होता है, लेकिन इन कॉलेजों में प्रयोगशालाओं की कमी के कारण छात्रों को प्रैक्टिकल करने के लिए दूर-दराज के कॉलेजों में जाना पड़ता है। इससे न केवल उनका समय और पैसा बर्बाद होता है, बल्कि उनकी पढ़ाई की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। एक छात्र ने बताया, "हमें प्रैक्टिकल के लिए अपने कॉलेज से करीब 30 किलोमीटर दूर दूसरे कॉलेज जाना पड़ता है। कई बार तो वहां भी उपकरण पुराने या खराब होते हैं और कठिनाई होती है।

ये खबर भी पढ़ें... उच्च शिक्षा विभाग में 8 साल से अटकी बीयू की मांग

"डिग्री तो, योग्यता नहीं

इन कॉलेजों से हर साल निकलने वाले लगभग 20 हजार ग्रेजुएट्स के सामने एक बड़ी चुनौती है। डिग्री तो उनके पास होती है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अभाव में उनकी योग्यता बाजार की मांग के अनुरूप नहीं होती। नौकरी के लिए जरूरी कौशल और ज्ञान की कमी के कारण ये ग्रेजुएट्स रोजगार के अवसरों से वंचित रह जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अपर्याप्त सुविधाएं और शिक्षकों की कमी इस समस्या को और गंभीर बना रही है।

ये खबर भी पढ़ें... एडमिशन स्कूल में, पढाई कोचिंग में, डमी स्कूलों की व्यवस्था ने बढ़ा दिया छोटे बच्चों की कोचिंग का मर्ज

कांग्रेस सरकार के दौरान खुले कॉलेज

छत्तीसगढ़ के अव्यवस्थित कॉलेज साल 2018 से 2023 के दौरान खोले गए थे। उस समय प्रदेश भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। ये कॉलेज शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार के नाम पर खोल तो दिए गए, मगर बुनियादी ढांचे और संसाधनों की कमी ने इनकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। आलोचकों का कहना है कि इन कॉलेजों को शिक्षा के विस्तार और सुविधा के लिए खोला गया, लेकिन कॉलेजों के खोलने में जल्दबाजी दिखाई गई। इन कॉलेजों पर्याप्त संसाधन और बुनियादी ढांचा सुनिश्चित नहीं किया गया। 

सरकार का रवैया और भविष्य की चुनौतियां

वर्तमान सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लेने का दावा किया है, लेकिन अभी तक ठोस कदमों की कमी दिखाई देती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन कॉलेजों में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर निवेश, शिक्षकों की भर्ती, और बुनियादी ढांचे के विकास की जरूरत है। इसके बिना, इन कॉलेजों से निकलने वाले ग्रेजुएट्स की डिग्री केवल एक कागज का टुकड़ा बनकर रह जाएगी।

तत्काल सुधार की आवश्यकता 

छत्तीसगढ़ के सरकारी कॉलेजों के मौजूदा हालात यह बताते हैं कि उच्च शिक्षा के स्तर पर तत्काल और व्यापक सुधार जरूरत है। बिना भवन, लैब, और लाइब्रेरी के कॉलेज गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तो दूर छात्रों का भविष्य भी नहीं सकते हैं। सरकार को इस दिशा में ठोस और त्वरित कदम उठाने होंगे, ताकि इन 20 हजार ग्रेजुएट्स अपनन भविष्य संवार सकें, सुरक्षित हो सके और आत्मनिर्भर भी बन सकें।

thesootr links

 सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

 

छत्तीसगढ़ सरकारी कॉलेज बदहाली | कॉलेज बिना भवन छत्तीसगढ़ | शिक्षा का अभाव छत्तीसगढ़ | छात्र भविष्य अधर में | भूपेश बघेल कॉलेज | Chhattisgarh Government College Plight | Colleges without building Chhattisgarh | Lack of education Chhattisgarh | Students' future in limbo | Bhupesh Baghel College

छत्तीसगढ़ सरकारी कॉलेज बदहाली कॉलेज बिना भवन छत्तीसगढ़ शिक्षा का अभाव छत्तीसगढ़ छात्र भविष्य अधर में भूपेश बघेल कॉलेज Chhattisgarh Government College Plight Colleges without building Chhattisgarh Lack of education Chhattisgarh Students' future in limbo Bhupesh Baghel College