RAIPUR. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से चौंकाने वाली खबर है। यहां राज्य का सबसे बड़ा डीकेएस शासकीय सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल ( DKS Government Super Specialty Hospital ) स्थित है। अब यह विवादों में आ गया है । यहां की तीन नर्सों ( Nurses ) ने अस्पताल के अंदर यूनिफॉर्म में ‘वाय दिस कोलावरी डी’ ( Y dis kolavari d ) गाने पर रील बनाई। पहले तो अस्पताल प्रबंधन को इसकी भनक नहीं लगी, लेकिन, जैसे ही उनका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ तब अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया। प्रबंधन ने तुरंत तीनों नर्सों को नौकरी से हटा दिया, और अस्पताल प्रबंधन ने इसके जांच के आदेश दिए हैं।
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नर्सों के डांस की कैसी मिली जानकारी ?
पूरे घटनाक्रम की जानकारी तब लगी जब सोशल मीडिया ( social media ) में इनका वीडियो वायरल हो गया। आईसीयू ( ICU ) में इस तरह की हरकत देख अस्पताल प्रबंधन भी हैरान हो गया । आनन फानन में पूरे मामले की जानकारी ली गई । उसके बाद तीनों नर्सों को बर्खास्त कर दिया गया है । नर्स पुष्पा साहू, तेजकुमारी साहू और तृप्ति की अस्पताल के आपात चिकित्सा विभाग (ICU) में नाइट ड्यूटी लगाई गई थी, यहां ये नर्सें काम छोड़कर ऑपरेशन थियेटर के अंदर फिल्मी गानों पर रील बनाती और नाचती दिखाई दीं।
अस्पताल के उप अधीक्षक डॉ हेमंत शर्मा ने क्या कहा ?
Specialty Hospital के उप अधीक्षक डॉ हेमंत शर्मा ( Dr. Hemant Sharma ) ने बताया कि मामला सामने आने के बाद सिस्टर इंचार्ज ने भी पत्र लिखकर अनुशासनहीनता ( Indiscipline ) की जानकारी दी थी। अस्पताल प्रबंधन की ओर से सभी विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई गई, जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ऑपरेशन थियेटर सेंसेटिव स्थान होता है, और अगर बीएससी नर्सिंग करने के बाद भी यदि जानबूझकर ऐसा कार्य करता है तो उन्हें तत्काल नौकरी से बर्खास्त किया जाना उचित होगा। डीकेएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के उप अधीक्षक ने कहा, तीनों दैनिक वेतनभोगी को हटा दिया गया है । डॉ हेमंत शर्मा ने कहा उन्हें बार-बार हिदायत दी जा रही थी, इसके बाद भी रील्स और वीडियो बनाने से बाज नहीं आ रही थीं।
कर्मचारियों के काम पर उठे सवाल
छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री अश्वनी गुडेकर प्रबंधन को पत्र लिखकर यह बता रहे हैं कि नाइट ड्यूटी के बाद ऑपरेशन थियेटर में वीडियो बनाया गया है. लेकिन उन्हें नौकरी पर रखा जाना चाहिए. अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में बड़ी लापरवाही को जिस तरह से संरक्षण मिल रहा है, उससे स्वास्थ्य कर्मचारियों के कामकाज पर भी अब प्रश्न चिन्ह लगने लगा है।