मध्यप्रदेश में OBC के 13% आरक्षित पदों के रिजल्ट पर रोक, 27 में से 14 % पर ही होगी शिक्षकों की भर्ती

सरकार ने ओबीसी (OBC) वर्ग को साधने के लिए आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27% किया। इससे प्रदेश में आरक्षण 73% हो गया। कोर्ट ने बढ़े आरक्षण के साथ भर्ती की मंजूरी नहीं दी पर विभाग 27% आरक्षण के साथ भर्ती विज्ञापन जारी कर रहे हैं।

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Pooja Kumari
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BHOPAL. सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में फिलहाल ओबीसी (OBC) के 27 में से 13 फीसदी आरक्षित पदों पर रोक लगा दी है। ऐसे में मध्यप्रदेश के बेरोजगारों के लिए आरक्षण नीति एक उलझन बन गई है। सरकार ने ओबीसी (OBC) वर्ग को साधने के लिए आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27% किया। इससे प्रदेश में आरक्षण 73% हो गया। कोर्ट ने बढ़े आरक्षण के साथ भर्ती की मंजूरी नहीं दी पर विभाग 27% आरक्षण के साथ भर्ती विज्ञापन जारी कर रहे हैं। कुछ भर्तियों में 13% होल्ड कर 87% पदों पर रिजल्ट जारी जा रहे हैं, पर कुछ में 100% पदों पर रिजल्ट जारी किए गए। 

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2995 से ज्यादा उम्मीदवारों की नियुक्ति है अटकी 

बता दें कि ये मामला कोर्ट में है। मेरिट लिस्ट में आने के बावजूद भी 2995 से ज्यादा उम्मीदवारों की नियुक्ति अटकी है। MPPSC & ESB की 41 भर्तियों में 13% पद होल्ड हुए। जानकारी के मुताबिक इनके रिजल्ट आ चुके हैं। आरक्षण विवाद के कारण होल्ड पद अगली भर्ती परीक्षा के विज्ञापन में शामिल नहीं होंगे। जिन उम्मीदवारों का 13% पदों पर प्रोविजन लिस्ट में सिलेक्शन होगा, उन्हें नियुक्ति भी नहीं मिलेगी। 

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ओबीसी (OBC) को 14 प्रतिशत आरक्षण देकर की जाएं भर्ती 

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि ओबीसी (OBC) को 14 प्रतिशत से एक प्रतिशत भी ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता। जब हाईकोर्ट ने 14 प्रतिशत आरक्षण की बात कही है तो सरकार 13 प्रतिशत और कैसे बढ़ा सकती है। ऐसा होने लगे तो पूरे देश में कोई रोजगार नहीं दे सकता। इसका हल यही है कि सरकार हाईकोर्ट के अक्षरश: आदेश का पालन करें और ओबीसी (OBC) को 14 प्रतिशत आरक्षण देकर भर्ती की जाएं। इसके लिए अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को कोर्ट में अपनी बात मजबूती के साथ रखनी चाहिए।

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ओबीसी हो रहे हैं रोजगार से वंचित

मध्य प्रदेश संशोधन आरक्षण अधिनियम 2019 के प्रवर्तन पर हाईकोर्ट का स्थागन नहीं हैं। यदि शासन स्तर पर भर्तियों में ओबीसी ओबीसी (OBC) को 14% आरक्षण देकर 13% पद होल्ड किए जा रहे हैं, तो ये नियम विरुद्ध प्रक्रिया है। इससे ओबीसी (OBC) अभ्यर्थी रोजगार से वंचित हो रहे हैं। ओबीसी (OBC) के लिए 27 प्रतशित आरक्षण कोई भी सरकार लागू नहीं करना चाहती। इसलिए वर्तमान सरकार भी ओबीसी (OBC) आरक्षण का मामला कोर्ट में लंबित रखना चाहती।

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सरकार भर्ती प्रकिया पूरी करे

सरकार यदि ओबीसी (OBC) को 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं देना चाहती, तो ऐसी स्थिति में ओबीसी (OBC) को 14 प्रतिशत आरक्षण देकर 100 प्रतिशत पदों पर ही सशर्त भर्ती की जानी चाहिए, ताकि रिक्त पदों को भरा जा सके। और कम से कम मेरिट होल्डर उम्मीदवारों को नौकरी मिल सके। आगे कोर्ट का जो भी फैसला है, उसके अनुसार कार्रवाई हो। जीएडी की गाइडलाइन है कि मुख्य भाग में 87%, प्रावधिक भाग में 13% पद में बांटकर रिजल्ट घोषित करने हैं। MPPSC 87% पदों पर सिलेक्शन कर नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट भेज रही है। MPPSC ने 1 नवंबर 2022 से अब तक राज्य सेवा परीक्षा-2019 सहित 35 भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट घोषित किए हैं। 5077 पद विज्ञापित किए गए। इनमें से 87% मुख्य भाग में करीब 4451 पद के लिए रिजल्ट घोषित किए गए हैं। वहीं, 13% यानी 599 पद पर नियुक्ति होल्ड की गई हैं।

1381 पदों पर नहीं हो पा रही है नियुक्ति           

उच्च माध्यमिक भर्ती में 27% आरक्षण दिया गया। 4 विषयों के उम्मीदवार कोर्ट पहुंचे। ऐसे में 12 विषयों में तो ओबीसी (OBC) को 27% आरक्षण, 4 में 14% आरक्षण दिया। करीब 499 पदों पर नियुक्ति अटकी है। इसके अलावा प्राथमिक शिक्षक भर्ती में ओबीसी (OBC) के 13% यानी 882 पदों पर चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति अटकी है। कुल 1381 पदों पर नियुक्ति नहीं हो पा रही है।

कोर्ट का फैसला अब क्या ?

सरकार की वर्तमान नीति से स्पष्ट है कि ओबीसी (OBC) को 27% आरक्षण दिया जा रहा है, लेकिन कोर्ट के आने वाले फैसले की संभावना को देखते हुए 13% पद की नियुक्ति होल्ड हो रही है। यह न्यायसंगत नहीं है। कोर्ट क्या फैसला देगा, यह किसी को नहीं मालूम। इसके कारण अनारक्षित वर्ग के साथ ही ओबीसी (OBC) उम्मीदवार भी प्रभावित हो रहे हैं। होल्ड किए गए पदों पर मेरिट होल्डर कैंडीडेट्स को भी नौकरी नहीं मिलेगी। चाहे वो ओबीसी (OBC) का हो या अनारक्षित वर्ग का।

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