Silent attack: मैदान में क्रिकेटर की तो भुट्टा खाते लड़की की मौत

'He is no more'... डॉक्टर द्वारा बोला गया यह वाक्य हर एक के लिए किसी सदमे से कम नहीं होता है। ऐसा ही मध्यप्रदेश के तीन शहरों में हुआ, जब एक ही दिन में साइलेंट अटैक नाम की बीमारी से तीन लोग काल के गाल में समा गए। इन सभी की उम्र 17 से 30 साल बताई जाती है।

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Jitendra Shrivastava
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साइलेंट अटैक से एक दिन में तीन की मौत।

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BHOPAL. मध्य प्रदेश के गुना के बमोरी में क्रिकेटर को अपनी बारी का इंतजार करते-करते अचानक Silent Attack से सीने में दर्द उठा और मौत हो गई। वहीं यहां से करीब 200 किमी दूर इंदौर के कायस्थ खेड़ी में रहने वाली 9वीं क्लास की छात्रा के सिर में अचानक तेज दर्द हुआ और उसने भी दम तोड़ दिया। राजगढ़ में भी नवोदय स्कूल में पढ़ने वाली 17 साल की छात्रा को अटैक आया और उसे भी बचाया नहीं जा सका। तीनों जिलों के डॉक्टर्स मौतों का कारण साइलेंट अटैक को ही बता रहे हैं।      

Silent attack से ऐसे हुई स्पोर्ट्समैन दीपक की मौत

गुना जिले के बमोरी में क्रिकेट मैच के दौरान मैदान के बाहर बैठा दीपक अपनी बल्लेबाजी का इंतजार कर रहा था। तभी अचानक Silent Attack से उसके सीने में तेज दर्द उठा। दोस्त उसे निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक दीपक की मौत हो चुकी थी। डॉक्टरों ने बताया कि दीपक को दिल का दौरा पड़ा था, लेकिन कार्डियक अरेस्ट के कारण सब कुछ अचानक ही खत्म हो गया। दीपक की उम्र महज 30 साल थी, उसकी शादी भी दो महीने पहले ही गुना कैंट की रहने वाली लड़की से हुई थी। शारीरिक तौर पर एकदम फिट दीपक अच्छा स्पोर्टमैन था। दीपक एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने के लिए दीपक फतेहगढ़ आया था, लेकिन मैदान में ऐसा गिरा कि हमेशा के लिए सो गया। दीपक के पिता खेती करते हैं। रहस्यमय हार्ट अटैक से जब दीपक के सीने में दर्द हुआ तो उसके साथी उसे लेकर सरकारी और फिर प्राइवेट अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने जवाब दिया- "ही इस नो मोर"। यह मौत परिवार और दोस्तों के लिए किसी गहरे सदमे से कम नहीं है। 

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छात्रा को भुट्टे खाते समय आया अटैक, मौत

राजगढ़ जिले के जवाहर नवोदय केंद्रीय विद्यालय कचनारिया में दोपहर 17 वर्षीय बालिका रिंकू 12वीं क्लास की छात्रा थी। वह अपनी सहेलियों के साथ बैठकर भुट्टा खा रही थी। इस दौरान अचानक नीचे गिर पड़ी तो सहेलियां मेट्रन के साथ नीचे लेकर आईं और स्कूल प्रबंधन को बुलाया। इसके बाद रिंकू को खुजनेर अस्पताल लेकर आए तो डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। रविवार अपने परिजनों से मिलने के दौरान किसी बालिका के परिजन के मोबाइल से रिंकू ने अपनी बड़ी बहन से घर पर बात की। घर पर रिंकू ने बताया कि वह पायलट बनने के फॉर्म डालने जा रही है। इसके कुछ देर बाद ही संभवत: उसे अटैक आया और स्कूल प्रबंधन कुछ समझ पाता उसके पहले ही रिंकू की मौत हो गई। सहेली श्रेया पालीवाल ने बताया, हम रिंकू को तत्काल अस्पताल लेकर आ गए थे, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इस पूरे मामले में खुजनेर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर विशाल सिसोदिया ने बताया, इसे प्रथम दृष्टया कार्डियक अटैक ही कह सकते हैं। कोई चोट का निशान भी नहीं मिला है। 

सिर में तेज दर्द होने के बाद मौत

इंदौर के बाणगंगा में रहने वाली हेमलता की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि 9वीं क्लास में पढ़ने वाली उनकी बेटी हेमलता के सिर में अचानक तेज दर्द उठा था। उसे तुरंत एमवाय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। कायस्थ खेड़ी में रहने वाली 17 साल की हेमलता के सिर में दोपहर करीब 2 बजे अचानक तेज दर्द हुआ। पिता राकेश बेटी को नजदीक के अस्पताल ले गए, लेकिन यहां हालत बिगड़ती देख डॉक्टरों ने एंबुलेंस से उसे एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया। बड़े अस्पताल में पहुंचे तब तक हेमलता की धड़कनें थम चुकी थीं। सीपीआर के बाद भी हेमलता के शरीर में हलचल नहीं हुई तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

डॉक्टरों का कहना..

साइलेंट हार्ट अटैक बेहद खतरनाक और जानलेवा है। इसमें न चेस्ट पेन होता है और ना ही सांस से जुड़ी किसी तरह की समस्या, यानी यह ऐसा हार्ट अटैक है, जिसमें लक्षण न के बराबर ही नजर आते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, साइलेंट हार्ट अटैक (Silent Heart Attack) का कारण वही होता है जो हार्ट अटैक के लिए होता है। साइलेंट हार्ट अटैक आने से पहले शरीर कुछ संकेत देता है, इन्हें कभी भी इग्नोर नहीं करना चाहिए। 

साइलेंट हार्ट अटैक के ये है लक्षण...

 

1. बिना कारण थकान होनाः छोटा-मोटा काम करने के बाद ही अगर थकान महसूस हो रही है तो सावधान हो जाइए, क्योंकि ये साइलेंट हार्ट अटैक का हल्का संकेत हो सकता है। दिल की सेहत खराब होने पर शरीर को सही ऊर्जा नहीं मिलने से थकान जल्दी होने लगती है।

 

2. सांस लेने में दिक्कतेंः ऐसे लोग जिन्हें शारीरिक तौर पर कठिन काम न करने के बावजूद भी अचानक से सांस लेने में दिक्कतें महसूस हो तो साइलेंट हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में सचेत रहना चाहिए.

 

3. शरीर के ऊपरी हिस्से में परेशानीः अगर शरीर के ऊपरी हिस्से जैसे बांह, गर्दन, जबड़े या पीठ में बेचैनी सी महसूस हो जो सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि ये साइलेंट हार्ट अटैक का लक्षण हो सकते हैं। ये समस्याएं थोड़ी-थोड़ी देर में हो सकती हैं।

 

4. मतली और चक्कर महसूस होनाः अगर किसी को लगातार मतली और हल्का सिरदर्द या चक्कर आने जैसा फील हो रहा है तो इसका मतलब दिल सही तरह काम नहीं कर रहा है। वह ब्लड को सही तरह पंप नहीं कर पा रहा है। ऐसी स्थिति में साइलेंट हार्ट अटैक आ सकता है।

 

5. ज्यादा पसीना निकलनाः शरीर से ज्यादा पसीना निकलना भी हार्ट से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है। पसीना दिल पर तनाव के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया हो सकता है। बेवजह पसीना आने पर बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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