Chhattisgarh GST Scam : छत्तीसगढ़ में अफसरों - सप्लायर के बीच अच्छी ट्यूनिंग से प्रदेश के उद्यानिकी विभाग की नेटहाउस स्कीम में 95 करोड़ की GST चोरी की गई है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन, नाबार्ड और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत हर राज्य में नेटहाउस लगाने पर किसानों को 50% सब्सिडी दी जा रही है। इसकी शर्त है कि जो भी बिल लगेगा, उस पर सरकार को 18% जीएसटी देनी होगी।
ये है मामला
नियम ये कहता है कि अगर प्रति एकड़ 28 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं, तो 18% के हिसाब से 5 लाख 30 हजार रुपए जीएसटी के रूप में सरकार को मिलने चाहिए। छत्तीसगढ़ में पिछले पांच साल से नेटहाउस स्कीम के तहत प्रति एकड़ 14 लाख रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। इस मामले में अफसरों और सप्लायर की मिलीभगत से की जा रही जीएसटी चोरी की जा रही थी। पिछले 8 साल में तीन हजार से अधिक नेट हाउस लगाए गए हैं। इस तरह 95 करोड़ रुपए से ज्यादा की जीएसटी चोरी की गई। स्कैम का मामला सामने आने के बाद दोनों विभाग एक-दूसरे पर पल्ला झाड़ रहे हैं।
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GST से बचने के लिए बिल को बांटा टुकड़ों में
उद्यानिकी विभाग की नेटहाउस स्कीम के तहत एक एकड़ पर 28 लाख रुपए खर्च कर सकते है। इस पर किसान को 14 लाख रुपए ( 50 प्रतिशत ) की सब्सिडी दी जाती है। किसान जिस फर्म से नेटहाउस लगवाता है, उसे पूरे बिल यानी 28 लाख पर 18% जीएसटी देनी होती है लेकिन जीएसटी बचाने के लिए फर्म ने बिल को कई टुकड़ों में बांट दिया।
बिल की कॉपी से खुलासा हुआ कि प्रति एकड़ केवल 2 लाख 11 हजार रुपए जीएसटी के रूप में दिए। मतलब प्रति एकड़ लगने वाले एक नेट हाउस में 3 लाख 19 हजार रुपए कम भुगतान किया गया। कुल तीन हजार नेटहाउस के हिसाब से राशि 95 करोड़ 70 लाख रुपए से ज्यादा होती है। शेडनेट हाउस एसेंबली सेट के नाम पर 9 लाख 24 हजार रुपए बताए गए और जीएसटी 1 लाख 66 हजार रुपए ( 18% ) दी गई। इसके अलावा शेडनेट 50% के नाम पर 3 लाख 23 हजार रुपए पर 5% जीएसटी 16,170 रुपए दिए, माइक्रो स्प्रिंक्लर के नाम पर 2 लाख 44 हजार पर 12% जीएसटी 29,280 रुपए और 11.36 लाख रुपए को 5 टुकड़ों में मजदूर और अन्य खर्चे में दिखाया। इसमें जीएसटी नहीं दिया।
GST चोरी के मामले में जिग्नेश मास्टरमाइंड
उद्यानिकी विभाग की नेटहाउस स्कीम में GST चोरी मामले में सबसे ज्यादा 80% काम किसान एग्रोटेक ने किया। इसके मालिक जिग्नेश पटेल पर मप्र के अलावा छत्तीसगढ़ के महासमुंद में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। विभाग के अनुसार, जिग्नेश ने एक मामले में सब्सिडी के लिए अपनी फर्म का बिल लगाया, जबकि किसान ने दूसरी कंपनी से काम कराया था। बाद में मामला पकड़ में आया तो थाने में केस दर्ज हुआ। जीएसटी चोरी के मामले में भी जिग्नेश ही मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। उसकी फर्म को ही सबसे ज्यादा काम दिया गया।
Nethouse Scheme | छत्तीसगढ़ जीएसटी घोटाला