छत्तीसगढ़ हो रहा डिजिटल, 83 आदिवासी गांवों को मिलेगी इंटरनेट की 4G सेवा
छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती और आदिवासी बहुल भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र के 83 गांवों को अब हाई-स्पीड 4G इंटरनेट सेवाओं से जोड़ा जाएगा। यह फैसला केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा लिया गया। यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन के तहत उठाया गया है।
रायपुर : छत्तीसगढ़ अब डिजिटल हो रहा है। आदिवासी गांवों में अब इंटरनेट की 4G सुविधा मिलने जा रही है। छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती और आदिवासी बहुल भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र के 83 गांवों को अब हाई-स्पीड 4G इंटरनेट सेवाओं से जोड़ा जाएगा। यह फैसला केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा लिया गया। यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन के तहत उठाया गया है। केंद्रीय संचार मंत्री ने दूरसंचार विभाग को इसके सर्वेक्षण के निर्देश दिए थे। सर्वेक्षण के आधार पर भरतपुर-सोनहत क्षेत्र के 83 गांवों को 4G सैचुरेशन योजना और LWE Phase-1 Upgradation परियोजना में शामिल कर लिया गया है।
इस कनेक्टिविटी विस्तार से क्षेत्र के ग्रामीणों को कई फायदे होंगे। विद्यार्थियों को जहां ऑनलाइन शिक्षा की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी, वहीं किसानों को सरकारी योजनाओं और कृषि संबंधी जानकारियों तक पहुंच प्राप्त होगी। इसके साथ ही स्थानीय व्यापारियों को डिजिटल भुगतान प्रणाली और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़ने का मौका भी मिलेगा। सरकार कहती है कि यह डिजिटल सशक्तिकरण न केवल सूचना तक पहुंच को सरल बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी नई गति प्रदान करेगा।
डिजिटल कनेक्टिविटी की अगली सूची में आनंदपुर, घटमा, भुमका, नारायणपुर, कछाड़ी, मेंड्रा और पटपरटोला जैसे गांवों को शामिल किए जाने की संभावनाएं हैं। क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार भविष्य में और भी गांवों को इस परियोजना से जोड़ा जाएगा। केंद्र सरकार देश के हर कोने में डिजिटल कनेक्टिविटी पहुँचाने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। यह कदम इसी योजना के तहत उठाए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार का फोकस इन दिनों छत्तीसगढ़ पर ज्यादा है। नक्सल विरोधी मुहिम के तहत लगातार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दौरा हो रहा है। इसके अलावा उनका नक्सल क्षेत्रों के विकास को लेकर भी केंद्र सरकार फंड मुहैया करा रही है। अब आदिवासी गांवों में 4जी कनेक्टिविटी पहुंचाकर सरकार उनके जीवन को आसान बनाना चाहती है।