कॉलेज की पढ़ाई में शामिल होगा रक्षक कोर्स, युवाओं को दी जाएगी बाल संरक्षण की शिक्षा

छत्तीसगढ़ में युवाओं को बाल अधिकार और संरक्षण की पढ़ाई कराई जाएगी। कॉलेजों में यह कोर्स शामिल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों के बीच “रक्षक पाठ्यक्रम” के लिए एमओयू हुआ है।

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Arun Tiwari
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Raipur. छत्तीसगढ़ में युवाओं को बाल अधिकार और संरक्षण की पढ़ाई कराई जाएगी। कॉलेजों में यह कोर्स शामिल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों के बीच “रक्षक पाठ्यक्रम” के लिए एमओयू हुआ है। बाल अधिकार एवं संरक्षण पर आधारित यह पाठ्यक्रम देश में अपनी तरह का पहला शैक्षणिक कोर्स है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि “रक्षक पाठ्यक्रम छात्रों के सुरक्षित और जिम्मेदार भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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ताकि भ्रमित न हों बच्चे:

सीएम ने कहा कि यह पाठ्यक्रम युवाओं को न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करेगा, बल्कि बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में आवश्यक विशेषज्ञता भी विकसित करेगा। उन्होंने कहा कि कई बार बच्चे भूलवश या भ्रमित होकर गलत दिशा में चले जाते हैं क्योंकि वे अबोध होते हैं। ऐसे बच्चों को सही मार्ग पर लाना हम सभी का सामूहिक दायित्व है। रक्षक पाठ्यक्रम को रिकॉर्ड समय में तैयार करने और विश्वविद्यालयों में इसे लागू किया जा रहा है।

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Protector will protect children

1 साल का रक्षक कोर्स:

यह एक वर्षीय स्नातकोत्तर “पीजी डिप्लोमा इन चाइल्ड राइट्स एंड प्रोटेक्शन” पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय, सरगुजा, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर, आंजनेय विश्वविद्यालय, रायपुर, एमिटी विश्वविद्यालय, रायपुर और श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई-दुर्ग में प्रारम्भ होगा।

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क्या है रक्षक पाठ्यक्रम:

प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में अब तक ऐसा पाठ्यक्रम उपलब्ध नहीं था, जो युवाओं को बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में प्रशिक्षित करते हुए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए। इस आवश्यकता को देखते हुए आयोग द्वारा “रक्षक – बाल अधिकार संरक्षण पर एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम” को विकसित किया गया है। इस पाठ्यक्रम से युवाओं को सैद्धांतिक एवं विधिक ज्ञान, विभागीय योजनाओं, संस्थाओं और प्रायोगिक प्रक्रियाओं की गहरी समझ, बाल संरक्षण इकाइयों आदि के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध होगी।

संवेदनशीलता, जागरूकता और बाल-अधिकारों की आत्मिक समझ विकसित करने वाला यह पाठ्यक्रम युवाओं को इस क्षेत्र में कुशल, समर्पित और प्रभावी मानव संसाधन के रूप में तैयार करेगा। आयोग द्वारा पाठ्यक्रम के संचालन, प्रशिक्षण, परामर्श और मार्गदर्शन की संपूर्ण सुविधा विश्वविद्यालयों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।

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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ रक्षक कोर्स छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग
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