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RAIPUR. छत्तीसगढ़ शराब घोटाले ( liquor scam ) मामले में न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद अनवर ढ़ेबर ( Anwar Dhebar ) की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है। आबकारी घोटाले में आज यानी शनिवार ( 04.05.24 ) को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हुई दोनों पक्षों के बीच लंबी बहस के बाद कोर्ट ने अनवर ढे़बर की याचिका को खारिज कर दिया है । गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अनवर ढेबर, अरविंद सिंह और अरुणपति त्रिपाठी को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।16 मई तक तीनों आरोपी जेल में रहेंगे।
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शराब घोटाले मामले में जांच कर रही है। वही ED ने आबकारी मामले में रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। वही EOW की टीम भी लगातार आबकारी मामले में शराब करोबारियों और घोटाले से से संबंधित लोगो को समंस जारी कर दफ्तर तलब कर रही है।
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प्रदेश में 2000 करोड़ के आबकारी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की। एजेंसी ने कारोबारी अनवर ढेबर, रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा, आबकारी के पूर्व अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी, नवीन केडिया, आशीष सौरभ केडिया समेत अन्य आरोपियों की 205 करोड़ की संपत्तियां अटैच (कुर्क) की हैं। संपत्तियों में होटल, कॉम्प्लेक्स, जमीनें, मकान, ज्वेलरी, गाड़ी समेत 18 चल और 161 अचल संपत्तियां शामिल हैं। अटैच करने का मतलब होगा कि आरोपी इन संपत्तियों का उपयोग कर सकेंगे। कारोबारी संपत्ति में बिजनेस चलता रहेगा, लेकिन वे उसे बेच नहीं सकेंगे।
ढेबर की 116.16 करोड़ की 115 संपत्तियां अटैच। इसमें होटल वेलिंग्टन कोर्ट, शंकर नगर स्थित एकॉर्ड बिजनेस टावर, जमीन, मकान समेत उनकी 115 संपत्तियां शामिल। ईडी के अनुसार रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा की 15.82 करोड़ की 14 संपत्तियां अटैच की गईं हैं। इसमें मकान, खाली जमीन और काम्प्लेक्स शामिल हैं।
अनवर ढेबर की जमानत अर्जी पर काफी लोगों की निगाहें थीं, क्योंकि ईओडब्लू की एफआईआर में आबकारी अफसरों को मिलाकर 71 आरोपी हैं। ईओडब्लू की ओर से ही इस मामले में अनवर के आलावा 5 और लोगों की गिरफ्तारी की चुकी है, जिसमें कुछ रिमांड पर हैं तो कुछ जेल भेजे जा चुके हैं। अनवर की याचिका पर बचाव पक्ष के वकीलों ने यह तर्क भी दिया कि जब इस केस में ईडी ने गिरफ्तारी की थी, तब स्वास्थ्यगत कारणों से अनवर को अदालत से जमानत दी गई थी। स्वास्थ्यगत समस्याएं अब भी हैं, इसलिए जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए। ईओडब्लू ने इस आधार पर जमानत का विरोध किया कि ईओडब्लू अभी इस केस में जांच जारी रखे हुए है।