छत्तीसगढ़ में पालतू कुत्तों को मुंह बांधकर घुमाना अनिवार्य, वरना देना होगा 1,000 रुपये जुर्माना

छत्तीसगढ़ में अब अपने पालतू कुत्ते को सार्वजनिक जगह पर बिना मुखबंदनी (मास्क) के घुमाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। यह नियम जनविश्वास (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम 2025 का हिस्सा है।

author-image
Krishna Kumar Sikander
New Update
In Chhattisgarh it is mandatory to walk pet dogs with their muzzled the sootr
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

छत्तीसगढ़ में पालतू जानवरों, खासकर कुत्तों को लेकर एक नया नियम लागू किया गया है, जो जनविश्वास (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम 2025 का हिस्सा है। इस कानून के तहत, अगर कोई व्यक्ति अपने कुत्ते को बिना मुखबंदनी (मास्क या मफलर) के सार्वजनिक स्थान पर घुमाता है या खुला छोड़ता है, तो उस पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।

यह कानून हाल ही में राज्यपाल की मंजूरी के बाद लागू हुआ है और इसमें कुत्तों के अलावा हाथी, घोड़े और अन्य पशुओं से संबंधित नियम भी शामिल हैं। यह कदम न केवल जनसुरक्षा को बढ़ावा देता है, बल्कि छोटे अपराधों के लिए जेल की सजा को जुर्माने में बदलकर अपराधमुक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

ये खबर भी पढ़ें... कुत्ता पालना अब आसान नहीं : नए नियम दुनिया में सबसे सख्त, जानें नए बदलाव

जनविश्वास अधिनियम 2025 का उद्देश्य और प्रावधान

राज्य सरकार ने जुलाई 2025 में विधानसभा सत्र के दौरान जनविश्वास (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम 2025 को पारित किया था, जिसे अब राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद कानून के रूप में लागू कर दिया गया है। यह अधिनियम 'ईज ऑफ लिविंग' और 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।

इसका लक्ष्य विश्वास-आधारित शासन को मजबूत करना, छोटे अपराधों को अपराधमुक्ते करना और सजा को तर्कसंगत बनाना है। पहले जहां छोटे-मोटे अपराधों के लिए जेल की सजा का प्रावधान था, अब उनकी जगह जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, कुछ मामलों में जुर्माने की राशि में भी संशोधन किया गया है।

ये खबर भी पढ़ें... रायपुर में कुत्ता खरीदने के लिए बेटे ने की मां की हत्या की, पत्नी पर भी किया हमला

कुत्तों और पशुओं पर नए नियम

नए कानून में पालतू और अन्य जानवरों से संबंधित कई प्रावधान शामिल किए गए हैं, जो सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बनाए गए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नियम इस प्रकार हैं। 

बिना मुखबंदनी कुत्ते घुमाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना।

अनधिकृत स्थान पर पशु बांधने पर 500 रुपये का जुर्माना।

अप्राधिकृत स्थान पर पशु वध करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना।

हाथी, घोड़े या अन्य पशुओं को खुला छोड़ने पर 1,000 रुपये का जुर्माना।

पशु की देखरेख में लापरवाही से मृत्यु होने पर 100 रुपये का जुर्माना।

ये खबर भी पढ़ें... इस भारतीय ने खरीदा दुनिया का सबसे महंगा कुत्ता, 7 एकड़ में बनवाया शानदार घर, कीमत सुन उड़ जाएंगे होश

अन्य उल्लंघनों पर भी जुर्माना

कानून में पशुओं से इतर कई अन्य गतिविधियों के लिए भी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उदाहरण के लिए

कर देनदारी में झूठी जानकारी देने या छिपाने पर 5,000 रुपये का जुर्माना।

सड़क या सार्वजनिक स्थान पर मल बहाने, बिना अनुमति जल निकास का निर्माण करने या मुख्य केबल/पाइप से अनधिकृत कनेक्शन करने पर भी 5,000 रुपये का जुर्माना।

बिना अनुमति दीवारों पर पोस्टर चिपकाने पर 5,000 रुपये का जुर्माना।

ये खबर भी पढ़ें... Chhattisgarh News : कुत्ता के काटने से गायों की मौत , पूरे गांव वालों ने दूध खाया, अब जान बचाने करना पड़ रहा ये काम

कानून का व्यापक प्रभाव

जनविश्वास अधिनियम 2025 में शामिल ये प्रावधान न केवल पशु प्रबंधन, बल्कि सार्वजनिक स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। कुत्तों को बिना मुखबंदनी के घुमाने पर जुर्माना लगाने का नियम विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के समय में कुत्तों के हमलों की घटनाएं देशभर में चर्चा में रही हैं।

सुप्रीम कोर्ट से लेकर आम नागरिकों तक, इस मुद्दे पर गंभीर बहस चल रही है। छत्तीसगढ़ का यह कानून ऐसी घटनाओं को रोकने और पालतू जानवरों के मालिकों को जिम्मेदार बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

कानून लागू करने की प्रक्रिया

नए कानून के तहत स्थानीय प्रशासन और पुलिस को इन नियमों को लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है। उल्लंघन के मामलों में त्वरित कार्रवाई और जुर्माना वसूलने की प्रक्रिया को सुगम बनाया गया है। साथ ही, यह कानून छोटे अपराधों के लिए जेल की सजा को हटाकर जुर्माने पर जोर देता है, जिससे अपराधमुक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।

सामाजिक जागरूकता की जरूरत

इस कानून के लागू होने के बाद अब नागरिकों, खासकर पालतू जानवरों के मालिकों को और अधिक जिम्मेदारी से व्यवहार करना होगा। कुत्तों को बिना मास्क के घुमाने या अन्य पशुओं को अनियंत्रित छोड़ने से न केवल जुर्माना लग सकता है, बल्कि इससे सार्वजनिक सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है। सरकार ने इस कानून के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी कदम उठाने की योजना बनाई है, ताकि लोग नए नियमों का पालन करें और अनजाने में जुर्माने से बच सकें।

FAQ

छत्तीसगढ़ में कुत्तों को बिना मुखबंदनी के घुमाने पर क्या दंड निर्धारित किया गया है?
छत्तीसगढ़ में अगर कोई व्यक्ति अपने कुत्ते को बिना मुखबंदनी (मास्क या मफलर) के सार्वजनिक स्थान पर घुमाता है, तो उस पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
जनविश्वास अधिनियम 2025 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
जनविश्वास अधिनियम 2025 का मुख्य उद्देश्य 'ईज ऑफ लिविंग' और 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को बढ़ावा देना, छोटे अपराधों को अपराधमुक्त करना, और सजा को तर्कसंगत बनाना है। इसके तहत छोटे अपराधों के लिए जेल की सजा की जगह जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
पालतू और अन्य जानवरों से संबंधित नए नियमों के तहत किन कार्यों पर जुर्माना लगाया जाएगा?
नए नियमों के तहत निम्नलिखित कार्यों पर जुर्माना लगाया जाएगा: बिना मुखबंदनी कुत्ते को घुमाने पर ₹1,000 अनधिकृत स्थान पर पशु बांधने पर ₹500 अप्राधिकृत स्थान पर पशु वध करने पर ₹5,000 हाथी, घोड़े या अन्य पशुओं को खुला छोड़ने पर ₹1,000 पशु की देखरेख में लापरवाही से मृत्यु होने पर ₹100

thesootr links

द सूत्र कीt खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃 🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

छत्तीसगढ़ पालतू जानवर कानून | कुत्ते को घुमाने का नया नियम | पालतू कुत्ते के लिए जुर्माना | कुत्ते का मुखबंदनी

छत्तीसगढ़ पालतू जानवर कानून कुत्ते को घुमाने का नया नियम पालतू कुत्ते के लिए जुर्माना जनविश्वास (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम 2025 कुत्ते का मुखबंदनी