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Photograph: (The Sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ के बसवराजू सहित माओवादियों के बड़े नेताओं की मौत और सरेंडर के बाद सीपीआई (माओवादियों) में खलबली है। लेकिन पार्टी के नवगठन की हलचल ये बता रही है कि माओवादी अभी शस्त्र संग्राम रोकने के मूड में नहीं हैं। सीपीआई (माओवादी) इसे लेकर इंद्रावती क्षेत्र समिति के वरिष्ठ नेताओं की बड़ी बैठक करने वाले हैं। जिसमें साठ वर्षीय थिप्पिरी तिरुपति उर्फ देवजी को पार्टी का नया महासचिव की घोषित किया जा सकता है।
बैठक में लिया गया है फैसला
बस्तर के पत्रकारों और पीएचक्यू के बड़े पुलिस अधिकारी के अनुसार नक्सली देवजी शीर्ष पद पर पहुंचने वाला तीसरा तेलुगु नेता है। सीपीआई (माओवादी) पार्टी के गठन के बाद से, 21 सितंबर 2004 से, पार्टी का नेतृत्व तेलुगु नेताओं के हाथ में रहा है। देवजी, बसवराजू की जगह लेगा। जिसे 21 मई को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जंगलों में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था।
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माओवादी संगठन में देवजी के प्रभाव को ऐसे समझेंदेवजी को महासचिव बनने की संभावना: सीपीआई (माओवादी) पार्टी में नए महासचिव के रूप में थिप्पिरी तिरुपति उर्फ देवजी का नाम सामने आ रहा है। माओवादी संघर्ष जारी रहेगा: हाल ही में माओवादी नेताओं की मौत और सरेंडर के बावजूद, पार्टी का रुख शस्त्र संघर्ष को लेकर सख्त है। देवजी की माओवादी की भूमिका: देवजी, जो पहले पोलित ब्यूरो के सदस्य थे, 2010 के दंतेवाड़ा हमले के मास्टरमाइंड माने जाते हैं और उनके सिर पर एनआईए ने 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया है। पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन: इंद्रावती क्षेत्र समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि देवजी को पार्टी महासचिव बनाया जा सकता है, जबकि मंडवी हिडमा को दंडकारण्य विशेष जोनल समिति का सचिव नियुक्त किया जाएगा। पार्टी के पुनर्गठन की प्रक्रिया: माओवादी पार्टी के भीतर बड़े बदलाव हो रहे हैं, और यह संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी अपने आंतरिक नेतृत्व को मजबूत करने के लिए बड़े कदम उठा रही है। |
बैठक में लिया गया है निर्णय
एक अन्य केंद्रीय समिति सदस्य मंडावी हिडमा को दंडकारण्य विशेष जोनल समिति (डीकेएसजेडसी) का सचिव बनाया गया है। पार्टी के सबसे शक्तिशाली निर्णय लेने वाले निकायों में से एक है। इंद्रावती क्षेत्र समिति की एक बैठक में वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया, जिसमें देवजी के पदोन्नति के बारे में चर्चा की गई।
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1 करोड़ का इनामी माओवादी है देवजी
देवजी पार्टी में धीरे-धीरे एक कैडर सदस्य से कमांडर और फिर केंद्रीय समिति के सदस्य और माओवादी पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य बना। वह केंद्रीय मिलिशिया आयोग के सदस्य, पीएलजीए की पहली सशस्त्र पलटन के निर्माता भी है। देवजी को 2010 के दंतेवाड़ा मामले का मास्टरमाइंड माना जाता है। इसके अलावा वह 2007 के गीदम पुलिस स्टेशन पर हमले में शामिल था। NIA ने उसके सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया है।
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