छत्तीसगढ़ में डायबिटीज की दवा पर रोक, मेटफार्मिन-ग्लिमिप्राइड की गुणवत्ता पर उठे सवाल

छत्तीसगढ़ में शुगर मरीजों के लिए बड़ा झटका — राज्य स्वास्थ्य विभाग ने लोकप्रिय मधुमेह की दवा पर तत्काल रोक लगा दी है। रायपुर और बलौदाबाजार से आई शिकायतों के बाद हीलर्स लैब की एक पूरी बैच को संदिग्ध घोषित कर दिया गया है।

author-image
Harrison Masih
New Update
metformin-glimepiride-ban-chhattisgarh-health-department-order the sootr
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Raipur. छत्तीसगढ़ में मधुमेह (शुगर) रोगियों को दी जाने वाली लोकप्रिय दवा ‘मेटफार्मिन 500mg + ग्लिमिप्राइड 2mg’ के उपयोग पर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने अस्थायी रोक लगा दी है। यह निर्णय रायपुर और बलौदाबाजार जिलों से मिली दवा की गुणवत्ता संबंधी शिकायतों के बाद लिया गया है। दवा निगम ने सभी जिलों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि फिलहाल इस दवा का वितरण और उपयोग तुरंत बंद करें।

किस कंपनी और बैच पर लगी रोक

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि यह रोक “हीलर्स लैब” कंपनी की निर्मित दवा के बैच नंबर MGC-506 पर लगाई गई है।

  • निर्माण तिथि: जुलाई 2024
  • एक्सपायरी तिथि: जून 2026

इस बैच की गुणवत्ता पर संदेह जताया गया है। रायपुर दवा निगम मुख्यालय ने 31 अक्टूबर 2025 को जारी आदेश में इसे संदिग्ध बैच घोषित करते हुए सभी जिलों को इसे मरीजों को न देने का निर्देश दिया है।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ में एल्बेंडाजोल टैबलेट के 6 बैच बैन, CGMSC ने जारी किया आदेश

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ में दवाओं की सप्लाई अब होगी हाईटेक निगरानी में,CGMSC की गाड़ियां GPS सिस्टम से लैस

स्वास्थ्य केंद्रों को मिले सख्त आदेश

राज्य के सभी सीएमएचओ, सिविल सर्जन, बीएमओ और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी को आदेश दिया गया है कि- इस बैच की दवा का वितरण तत्काल बंद करें। दवा का शेष स्टॉक रायपुर स्थित औषधि भंडार में वापस भेजें। मरीजों को फिलहाल वैकल्पिक दवाओं से उपचार जारी रखें। यह आदेश विशेष रूप से रायपुर और बलौदाबाजार जिले के सभी सरकारी अस्पतालों, शहरी स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य इकाइयों पर लागू होगा।

सुरक्षा जांच रिपोर्ट तक रहेगा प्रतिबंध

स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि मेटफार्मिन-ग्लिमिप्राइड बैन करने का फैसला सावधानी और सुरक्षा के दृष्टिकोण से एहतियातन लिया गया है। दवा की तकनीकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय होगा कि इसका उपयोग दोबारा शुरू किया जा सकता है या नहीं।

रीतेश अग्रवाल, महाप्रबंधक (राज्य औषधि निगम, रायपुर) ने कहा - “प्राथमिक जांच में दवा की गुणवत्ता संदिग्ध पाई गई है। परीक्षण रिपोर्ट आने तक इसका उपयोग पूरी तरह बंद रहेगा।”

पहले भी लग चुकी है रोक

यह पहली बार नहीं है जब इस दवा पर सवाल उठे हों। विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान भी कुछ जिलों से दुष्प्रभाव और गुणवत्ता की शिकायतें सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ में डायबिटीज की दवा पर रोक लगाई गई थी। उस समय भी स्वास्थ्य विभाग ने इसे वितरण सूची से हटा दिया था।

ये खबर भी पढ़ें... अब दवा कंपनियों का बिना निरीक्षण नहीं होगी दवा खरीदी, CGMSC बनाएगी व्यवस्था

ये खबर भी पढ़ें... 400 करोड़ के CGMSC स्कैम में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दो अधिकारियों की जमानत खारिज

क्या करती है यह दवा?

  • ‘मेटफार्मिन + ग्लिमिप्राइड’ का यह संयोजन मधुमेह टाइप-2 के मरीजों में रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) को नियंत्रित करने के लिए दिया जाता है।
  • मेटफार्मिन शरीर में शुगर के उत्पादन को कम करता है।
  • ग्लिमिप्राइड इंसुलिन की कार्यक्षमता बढ़ाकर रक्त शर्करा को नियंत्रित रखता है।

हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसी बैच की गुणवत्ता संदिग्ध हो, तो मरीजों की सुरक्षा के लिए उसका तुरंत वितरण रोकना जरूरी होता है।

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग मेटफार्मिन-ग्लिमिप्राइड बैन CGMSC छत्तीसगढ़ में डायबिटीज की दवा पर रोक
Advertisment