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Photograph: (the sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अब अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। सुरक्षा बलों और पुलिस के जवान पूरी मुस्तैदी से मिशन पर लगे हैं। हम मार्च 2026 तक प्रदेश को नक्सलमुक्त कर देंगे।
यह बातें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार सुबह आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड के दौरान कहीं। उन्होंने बताया कि अब प्रदेश के दो-चार जिलों तक ही नक्सलवाद सिमट कर रह गया है। आने वाले दिनों में यहां से भी सफाया हो जाएगा। स्मृति दिवस कार्यक्रम में शहीद जवानों के परिवारों का सम्मान किया गया।
स्मृति दिवस पर परेड
हर वर्ष 21 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में पुलिस स्मृति दिवस (Police Memorial Day) मनाया जाता है। मंगलवार को राजधानी रायपुर के 4वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल परिसर में परेड और पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस विशेष मौके पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा, डीजीपी अरुण देव गौतम उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य
पुलिस स्मृति दिवस परेड का उद्देश्य उन वीर जवानों को नमन करना है जिन्होंने ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी। समारोह में छत्तीसगढ़ सहित देश के शहीद जवानों को पुष्पांजलि अर्पित की गई। शहीद जवानों के नामों का सार्वजनिक वाचन कर उनके परिवारजनों को सम्मानित भी किया गया।
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शहीद परिवारों को मिला सम्मान
परेड के दौरान प्रशासन और राज्य सरकार की ओर से शहीद परिवारों को मंच पर आमंत्रित किया गया। उन्हें शाल एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा—
जवानों के साहस और समर्पण ने छत्तीसगढ़ को नई शक्ति दी है। राज्य सरकार शहीद परिवारों के साथ सदैव खड़ी है।
छत्तीसगढ़ पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम की प्रमुख झलकियां
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पुलिस स्मृति दिवस क्यों मनाते हैं?
पुलिस स्मृति दिवस 21 अक्टूबर 1959 की घटना के सम्मान में मनाया जाता है।
लद्दाख में भारत-तिब्बत सीमा पर गश्त कर रहे CRPF के 10 जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था।
उसी दिवस की स्मृति में हर साल परेड, पुष्पांजलि और शहादत को सलाम किया जाता है।