छत्तीसगढ़ पुलिस ने 2 साल में चला लिए किराए के 1.5 लाख वाहन, 300 करोड़ का चुका दिया किराया

छत्तीसगढ़ पुलिस ने सवा 2 साल में करीब डेढ़ लाख किराए की गाड़ियों का इस्तेमाल कर लिया है। सरकार इसके लिए 300 करोड़ से ज्यादा का किराया चुका दिया है। यह देखकर लगता है कि यहां की पुलिस घर में कभी रहती ही नहीं,गाड़ियों में ही घूमती रहती है,वो भी किराए की।

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Arun Tiwari
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रायपुर : छत्तीसगढ़ में किराए की गाड़ियों का गोरखधंधा चल रहा है। इसे पुलिसिया कमाल भी कह सकते हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने सवा 2 साल में करीब डेढ़ लाख किराए की गाड़ियों का इस्तेमाल कर लिया है। सरकार इसके लिए 300 करोड़ से ज्यादा का किराया चुका दिया है। यह देखकर ऐसा लगता है कि यहां की पुलिस घर में कभी रहती ही नहीं,गाड़ियों में ही घूमती रहती है,वो भी किराए की। यह स्थिति हम जून 2025 तक की दिखा रहे हैं। द सूत्र के पास सभी 33 जिलों में चले किराए के इस गोरखधंधे के पूरे दस्तावेज हैं। 85 करोड़ से ज्यादा तो इस दौरान वीआईपी कार्यक्रम में किराए पर लगे वाहनों पर खर्च हो गया। पुलिस के पास अपने करीब 8 हजार सरकारी वाहन हैं जिसमें मोटरसाइकिल भी शामिल हैं। हम आपको किराए के इस खेल की सिलसिलेवार परतें खोलने जा रहे हैं। देखिए किराए की गाड़ियों के गोरखधंधे का पहला भाग।   

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किराए की गाड़ियों का गोरखधंधा 

छत्तीसगढ़ में सरकारी महकमों में किराए की गाड़ियों का बड़ा खेल चल रहा है। सबसे ज्यादा ये खेल छत्तीसगढ़ पुलिस खेल रही है। द सूत्र इस खेल का पूरा खुलासा कर रहा है। द सूत्र ने अपनी पड़ताल में यह जाना है कि किराए की गाड़ियों का इस्तेमाल कितना और कहां कहां किया गया है। द सूत्र ने सभी 33 जिलों के आंकड़े खंगाले हैं जिनके पूरे दस्तावेज हमारे पास हैं। सबसे पहले तो आपको बताते हैँ कि छत्तीसगढ़ पुलिस का किराए का ये गोरखधंधा है कितना बड़ा। किराया चुकाने में सरकार की जेब कट रही है और पुलिस धड़ाधड़ किराए की गाड़ियों में सफर कर मौज कर रही है। द सूत्र ने साल 2023-24, साल 2024-25 और जून 2025 तक के यानी सवा दो साल के आंकड़े जुटाए हैं। इन सवा दो सालों में पूरे छत्तीसगढ़ में पुलिस 1 लाख 43 हजार गाड़ियों को किराए पर ले चुकी है। इन वाहनों के किराए के रुप में 310 करोड़ रुपए चुकाए गए हैं। है ना हैरानी की बात। इससे तो ये लगता है कि पुलिस का नक्सल ऑपरेशन, अपराधों का इन्वेस्टीगेशन और वीआईपी कार्यक्रम की व्यवस्था जैसा सारा काम किराए की गाड़ियों के ही भरोसे है। यदि 10 लाख की एक गाड़ी भी मानी जाए तो किराए के इस पैसे पुलिस अपनी खुद की 3 हजार गाड़ियां खरीद सकती थी। 

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वीआईपी कार्यक्रम में किराए की गाड़ियों पर इतना खर्च 

 रुटीन पुलिसिंग के अलावा वीआईपी कार्यक्रम तो बड़ा मौका होते हैं जब किराए की गाड़ियों का इस्तेमाल कर किराया चुकाने में खेला किया जाता है। इन सवा दो सालों में छत्तीसगढ़ में जितने वीआईपी कार्यक्रम हुए उनमें 12 हजार से ज्यादा किराए की गाड़ियों का इस्तेमाल हुआ। इन गाड़ियों पर किराए के रुप में करीब 85 करोड़ रुपए खर्च हुए। आइए हम आपको बताते हैं कि किस साल कितनी किराए की गाड़ियां वीआईपी कार्यक्रमों में इस्तेमाल हुईं और उन पर कितना पैसा खर्च किया गया।  

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वीआईपी कार्यक्रम के लिए किराए पर ली गई गाड़ियां और उस पर खर्च 

 2023-24   किराए पर ली गई गाड़ियां 34069      इन गाड़ियों पर खर्च 42 करोड़ 
2024-25   किराए पर ली गई गाड़ियां 25702      इन गाड़ियों पर खर्च 36 करोड़ 
जून 2025   किराए पर ली गई गाड़ियां 6289       इन गाड़ियों पर खर्च 7 करोड़ 

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पुलिस के पास इतने वाहन 

 वाहनों के मामले में पुलिस की हालत नाजुक है। ताज्जुब की बात है कि क्राइम इन्वेस्टीगेशन के लिए पुलिस के खुद के पास वाहन ही नहीं हैं। अपराधों पर नियंत्रण करने की कोशिश किराए की गाड़ियों के सहारे ही चल रही है। वर्तमान में पुलिस के पास करीब 8 हजार वाहन हैं। जिनमें साढ़े चार हजार तो मोटर साइकिल ही हैं। आइए आपको बताते हैं पुलिस के वाहनों की साल 2023-24 से जून 2025 तक की स्थिति। 

- 2023-24  पुलिस के पास  हल्के वाहन 2061, मध्यम वाहन 659,भारी वाहन 403, मोटर साइकिल 3656, वाहनों की कुल संख्या 6779 
- 2024-25 में  हल्के वाहन 2380, मध्यम वाहन 636,भारी वाहन 364, मोटर साइकिल 4461, वाहनों की कुल संख्या 7841
- जून 2025 यानी वर्तमान स्थिति में  हल्के वाहन 2381, मध्यम वाहन 631, भारी वाहन 365, मोटर साइकिल 4596,वाहनों की कुल संख्या 7923

गाड़ियों के नाम पर पुलिस महकमें में बड़ा खेला

इस पूरे गोरखधंधे से आप समझ गए होंगे कि किराए की गाड़ियों के नाम पर पुलिस महकमें में कितना बड़ा खेला चल रहा है। और यह अकेले विष्णु सरकार के समय की बात नहीं है बल्कि भूपेश सरकार में भी यही हालात थे। यानी यहां पर सरकार नहीं सिस्टम काम कर रहा है। सरकार किसी की भी हो साहबों की किराए के नाम पर मोटी कमाई जारी है। यह थी पहली कड़ी,अगली कड़ी में हम आपको दिखाएंगे कि आखिर वो कौन से 5 जिले हैं जिनमें किराए की गाड़ियों की संख्या छत्तीसगढ़ की कुल संख्या से करीब करीब आधी है। 

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