छत्तीसगढ़ में प्ले स्कूल का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी, 3 साल से कम उम्र के बच्चों को नो एंट्री

छत्तीसगढ़ सरकार ने प्ले स्कूलों के लिए नई गाइडलाइनों की घोषणा की है, जिसमें प्ले स्कूलों का पंजीयन, आयु सीमा, शारीरिक दंड से प्रतिबंध और पालक-शिक्षक समिति के गठन जैसी बातें शामिल हैं।

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Arun Tiwari
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Cg new play school policy

Photograph: (the sootr)

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RAIPUR. छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी प्ले स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। यह गाइडलाइन बिलासपुर उच्च न्यायालय में दायर व लंबित जनहित याचिकाओं को लेकर जारी की गई है। इन दिशा-निर्देशों के तहत अब प्रदेश के सभी प्ले स्कूल, जिनमें कक्षा एक से नीचे की कक्षाएं संचालित होती हैं, को तीन महीने में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। जिले के जिला शिक्षा अधिकारी इन संस्थाओं की मॉनिटरिंग करेंगे। सभी प्ले स्कूल अपने रजिस्ट्रेशन जिला शिक्षा अधिकारी के सामने प्रस्तुत भी करेंगे।

पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे

पंजीयन प्रक्रिया में संस्थान का नाम और विवरण देना होगा। शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता संबंधी दस्तावेज़ भी जमा करने होंगे। अन्य आवश्यक दस्तावेज़ जमा करना अनिवार्य है। स्कूल संचालन की गुणवत्ता सुनिश्चित करना आवश्यक है। पूर्व-प्राथमिक विद्यालयों को सभी निर्धारित मानकों का पालन करना होगा। ये मानक अनुसूची-एक में स्पष्ट रूप से दिए गए हैं। 

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छत्तीसगढ़ में प्ले स्कूल के लिए नई गाइडलाइन को ऐसे समझें 

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  • छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी प्ले स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं, जो उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत लागू की गई हैं।
  • सभी प्ले स्कूलों को तीन महीने के भीतर पंजीकरण करवाना होगा, जिसमें शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता और अन्य जरूरी दस्तावेज शामिल होंगे।
  • तीन वर्ष से कम आयु के बच्चों का प्ले स्कूलों में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा, और आयु सत्यापन वैध सरकारी दस्तावेजों से किया जाएगा।
  • बच्चों पर शारीरिक दंड या मानसिक उत्पीड़न निषिद्ध है, और स्कूलों में सुरक्षित, स्वच्छ और खेल-आधारित वातावरण सुनिश्चित किया जाएगा।
  • पालक-शिक्षक समिति का गठन अनिवार्य होगा, जिसमें 75% पालक और 25% शिक्षक सदस्य होंगे, और यह समिति हर तीन माह में बैठक करेगी।

तीन वर्ष से कम आयु के बच्चों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित

प्रवेश के लिए विभाग ने आयु सीमा स्पष्ट कर दी है। नर्सरी, केजी-1 और केजी-2 में प्रवेश के नियम लागू होंगे। ये नियम राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अनुसार होंगे। तीन वर्ष से कम आयु के बच्चों का प्रवेश प्रतिबंधित है। पूर्व-प्राथमिक विद्यालय में ये प्रतिबंध सख्ती से लागू होगा। आयु सत्यापन केवल वैध सरकारी दस्तावेजों से किया जाएगा।

बच्चों को शारीरिक दंड देना  पूर्णतः निषिद्ध

शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार किसी भी बच्चे पर शारीरिक दंड देना या मानसिक उत्पीड़न करना पूर्णतः निषिद्ध होगा। विद्यालयों में बच्चों के लिए सुरक्षित, स्वच्छ, स्वास्थ्यकर एवं खेल-आधारित सीखने का वातावरण सुनिश्चित करना होगा। इससे बच्चों का समग्र विकास सुचारू रूप से हो सके।

पालक-शिक्षक समिति का गठन अनिवार्य

पूर्व-प्राथमिक विद्यालयों के पारदर्शी तथा प्रभावी संचालन के लिए पालक-शिक्षक समिति का गठन अनिवार्य किया गया है। विद्यालय शुरू होने के एक माह के भीतर यह समिति गठित की जाएगी, जिसमें 75 प्रतिशत पालक और 25 प्रतिशत शिक्षक सदस्य होंगे। समिति के अध्यक्ष का चयन पालकों के मध्य से किया जाएगा। इसमें 75 प्रतिशत महिलाएं शामिल होंगी। प्रत्येक कक्षा से एक-एक पालक सदस्य लिया जाएगा। 

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बैठक प्रत्येक तीन माह में एक बार अनिवार्य होगा

समिति का कार्यकाल एक वर्ष का होगा और इसकी बैठक प्रत्येक तीन माह में अनिवार्य रूप से आयोजित की जाएगी। बैठकों से संबंधित समस्त विवरण रजिस्टर में संधारित किया जाना आवश्यक होगा। समिति विद्यालय में बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और खेल-खेल में शिक्षा की व्यवस्था पर निगरानी रखेगी।

पंजीयन तीन माह के भीतर कराना होगा:

राज्य शासन ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने जिले में संचालित सभी पूर्व-प्राथमिक विद्यालयों का पंजीयन आदेश जारी होने की तिथि से तीन माह के भीतर सुनिश्चित करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि विद्यालयों में निर्धारित मानकों और नियमों का पालन नियमित रूप से हो।

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