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Raipur. छत्तीसगढ़ में एसआईआर पर विवाद शुरु हो गया है। कांग्रेस ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि बीस साल में 60 लाख वोटर कहां से आ गए। प्रदेश में एसआईआर निष्पक्षता से होना चाहिए। वहीं बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। बीजेपी का कहना है कि एसआईआर से सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। जो घुसपैठिए हैं वही कांग्रेस के वोटर हैं।
छत्तीसगढ़ समेत देश के 12 राज्यों में अब बिहार की तर्ज पर विशेष इंटेंसिव रिवीजन (SIR) सर्वे शुरू हुआ है। लेकिन इसके शुरु होने के साथ ही इस प्रक्रिया पर सवाल,जवाब का खेल शुरु हो गया है। मु्ख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस प्रक्रिया का स्वागत किया है तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर सवाल उठाए है।
एसआईआर पर शुरु हुआ विवाद :
छत्तीसगढ़ समेत देश के 12 राज्यों में अब बिहार की तर्ज पर विशेष इंटेंसिव रिवीजन (SIR) सर्वे शुरू किया जा रहा है। सोमवार रात से ही वोटर लिस्ट फ्रीज कर दी गई है और 28 सितंबर से यह प्रक्रिया शुरु हो गई। यानी अब मतदाता सूची में बदलाव या नया नाम जुड़ना केवल इस विशेष प्रक्रिया के तहत ही संभव होगा।
इस दौरान वोटर लिस्ट के हर विवरण की जांच की जाएगी। नए वोटरों के नाम जोड़े जाएंगे, वहीं गलत प्रविष्टियों को सुधारने का काम होगा। छत्तीसगढ़ में एसआईआर शुरु होने के साथ ही विवाद भी शुरु हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, एसआईआर की घोषणा छत्तीसगढ़ में हुई है, लेकिन निर्वाचन आयोग को यह बताना चाहिए कि बिहार में कितने बांग्लादेशी मिले हैं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी कई पाकिस्तानी रह रहे हैं, लेकिन गृह मंत्रालय यह नहीं बता पाया कि उनकी संख्या कितनी है। भूपेश बघेल ने कहा कि अमित शाह ने तीन दिन में पाकिस्तानियों की संख्या बताने की बात कही थी, लेकिन अब तक इसका जवाब नहीं मिला है। वहीं कांग्रेस ने साल 2003 से 2023 तक इन बीस साल में प्रदेश में 60 लाख वोटर बढ़ने पर सवाल उठाए हैं।
बीजेपी ने किया पलटवार :
वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के सवालों पर पलटवार किया है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि घुसपैठिए ही तो कांग्रेस के वोटर होते हैं। शर्मा ने कहा कि एसआईआर लागू होने के बाद कांग्रेस की बेचैनी साफ नजर आ रही है, क्योंकि यह प्रक्रिया फर्जी वोटरों के नाम हटाने का काम करेगी। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने सालों तक घुसपैठियों के वोट बैंक के सहारे राजनीति की है, और अब जब वही वोट बैंक खतरे में है, तो कांग्रेस घबरा गई है।
घर-घर जाएंगे बीएलओ:
बीएलओ (BLO) यानी बूथ लेवल अधिकारी हर घर तीन बार पहुंचकर मतदाताओं से जानकारी लेंगे। आवश्यकता पड़ने पर दस्तावेज भी मांगे जाएंगे ताकि रिकॉर्ड में दर्ज जानकारी का मिलान किया जा सके। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार, SIR सर्वे को लेकर छत्तीसगढ़ में टेबल टॉप एक्सरसाइज (पुरानी और नई वोटर लिस्ट का मिलान) पहले ही पूरी हो चुकी है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में करीब 2 करोड़ 80 लाख मतदाता हैं।
वहीं 1 जनवरी 2025 की मतदाता सूची के अनुसार, प्रदेश में 2 करोड़ 11 लाख 5 हजार 391 मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें 1 करोड़ 4 लाख 27 हजार 842 पुरुष 1 करोड़ 6 लाख 76 हजार 821 महिला और 728 तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं। राज्य का लिंगानुपात 1024 दर्ज किया गया है, जो देश के औसत से बेहतर है। आयोग का मानना है कि SIR सर्वे से मतदाता सूची की सटीकता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता में बड़ा सुधार होगा। इससे डुप्लीकेट, मृत और स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जा सकेंगे और आने वाले चुनावों के लिए सही और अद्यतन वोटर लिस्ट तैयार होगी। लेकिन ये तो सियासत है जो हर मुद्दे पर शुरु हो जाती है, छत्तीसगढ़ में भी यही सियासत शुरु हो गई है।
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