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Photograph: (the sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ में 10,463 स्कूल अब इतिहास बन जाएंगे। इन स्कूलों का अस्तित्व केवल जमीन पर नहीं, बल्कि कागजों से भी खत्म किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने डीपीआई के आदेश पर इन पुराने स्कूलों के यू-डाइस कोड को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसका मतलब है कि अब इन स्कूलों का कोई डिजिटल रिकॉर्ड नहीं बचेगा। राज्य के सभी जिलों में यह प्रक्रिया जारी है।
विभाग के मुताबिक, पहले चरण में वे स्कूल शामिल हैं जो पिछले कई सालों से बंद हैं या जिनका विलय पास के स्कूलों में कर दिया गया था। इनमें कई प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं, जिनमें कभी 10 से भी कम छात्र पढ़ते थे।
डीपीआई द्वारा गाइडलाइन जारी की गई है। इस गाइ़ड लाइन के अनुसार, जिन स्कूलों के भवन जर्जर हो गए है, या जहां पढ़ाई पिछले कई वर्षों से बंद हैं, उनके यू-डाइस कोड स्थायी रूप से हटाए जाएं। इस प्रक्रिया के बाद इन स्कूलों की पहचान किसी भी सरकारी पोर्टल या रिपोर्ट में नहीं होगी।
कागज से हटेंगे अनुपयोगी स्कूल :
छत्तीसगढ़ में अब बंद पड़े स्कूलों का नाम सिर्फ दीवारों और जर्जर भवनों पर नहीं, बल्कि सरकारी रिकॉर्ड से भी मिट जाएगा। छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग ने 10,463 पुराने स्कूलों का यू-डाइस कोड (U-DISE Code) हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसका मतलब है कि अब ये स्कूल विभाग के पोर्टल पर पूरी तरह से गायब हो जाएंगे।
समग्र शिक्षा संचालनालय (डीपीआई) की नई गाइडलाइन के मुताबिक, यह कदम डेटा को साफ-सुथरा और वास्तविक बनाने के लिए उठाया जा रहा है। इन स्कूलों में कई वर्षों से न तो पढ़ाई हो रही थी और न ही कोई शिक्षक पदस्थ था। अब विभाग इन स्कूलों को “नॉन-फंक्शनल” श्रेणी से हटाकर सीधे रिकॉर्ड से डिलीट कर रहा है।
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कैसे मिटेगा अस्तित्व :
यू-डाइस कोड रद्द: यह कोड स्कूल की डिजिटल पहचान होता है। इसे हटाने के बाद उस स्कूल का कोई ऑनलाइन रिकॉर्ड नहीं रहेगा।
शाला प्रबंधन समिति (एसएमसी): पुराने स्कूलों की एसएमसी को भंग किया जाएगा।
भवन और सामग्री: स्कूल परिसर में जो भी भवन या शिक्षण सामग्री है, उसे पास के स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा।
मध्याह्न भोजन: पुराने स्कूलों में संचालित रसोई या बर्तन भी पास के स्कूलों को दिए जाएंगे।
पुस्तकालय व फर्नीचर: जो भी सामग्री शेष है, उसे विभागीय रिकॉर्ड में ट्रांसफर किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में स्कूलों के यूडाइस कोड हटाने की प्रक्रिया को ऐसे समझें
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यहां इतने स्कूल बंद होंगे :
राज्य में जिन जिलों में सबसे ज्यादा स्कूल बंद होंगे, उनमें कांकेर पहले स्थान पर है जहां 596 स्कूलों का अस्तित्व खत्म होगा। रायपुर में 389, दुर्ग में 467, राजनांदगांव में 557 और जांजगीर-चांपा में 366 स्कूल सूची में हैं। कुल मिलाकर राज्य के ग्रामीण इलाकों में लगभग 10 हजार से ज्यादा स्कूल ऐसे हैं जो अब बंद दिखाए जाएंगे।
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, वर्षों से बंद स्कूलों के यू-डाइस कोड बने रहने से डेटा में भ्रम पैदा हो रहा था। कई बार योजनाओं के आंकड़ों में गिनती बढ़ी हुई दिखती थी, जबकि हकीकत में वहां शिक्षण नहीं हो रहा था। इसलिए अब ऐसे स्कूलों को "नॉन-फंक्शनल" घोषित कर पूरी तरह सिस्टम से हटाया जा रहा है।
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट :
जानकारों के अनुसार स्कूल बंद करने का अंतिम चरण यू-डाइस कोड रद्द करना ही होता है। जब किसी स्कूल में कई सालों से बच्चे नहीं हैं या स्टाफ नहीं है, तो उसे डेटा में बनाए रखना केवल रिकॉर्ड को बोझिल बनाता है। विभाग का यह कदम प्रशासनिक दृष्टि से सही है, लेकिन इससे यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि नए स्कूल कहां खोले जाएंगे।