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Raipur. छत्तीसगढ़ ने जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में एक बार फिर देशभर में अपनी खास पहचान बनाई है। जल शक्ति मंत्रालय द्वारा घोषित छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों (National Water Awards 2024) में राज्य को तीन अलग-अलग श्रेणियों में सम्मान मिलने जा रहा है। इस साल राजनांदगांव जिला को पूर्वी जोन में सर्वश्रेष्ठ जिला, कांकेर जिले की डूमरपानी ग्राम पंचायत को श्रेष्ठ ग्राम पंचायत श्रेणी में तीसरा स्थान, और रायपुर के कृष्णा पब्लिक स्कूल को श्रेष्ठ स्कूल श्रेणी में पुरस्कार दिया जाएगा।
ये पुरस्कार 18 नवंबर 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों प्रदान किए जाएंगे।
तीन पुरस्कारों से छत्तीसगढ़ को नई पहचान
छत्तीसगढ़ के तीन क्षेत्रों जिला प्रशासन, ग्राम पंचायत और शैक्षणिक संस्थान को एक साथ सम्मानित किया जाना राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है।
- राजनांदगांव जिला को जल प्रबंधन के नवाचारों, तालाबों के पुनर्जीवन और वर्षा जल संचयन के लिए सम्मान मिलेगा।
- कांकेर की डूमरपानी पंचायत ने ग्रामीण स्तर पर जल संरक्षण को सामुदायिक आंदोलन बनाया, जिसकी सराहना केंद्र सरकार ने की है।
- रायपुर का कृष्णा पब्लिक स्कूल अपने छात्रों के माध्यम से जल संरक्षण जागरूकता अभियान चलाने के लिए पुरस्कृत होगा।
पुरस्कार समारोह 18 नवंबर को
राष्ट्रीय जल पुरस्कार वितरण समारोह 18 नवंबर 2025 को सुबह 11:30 बजे आयोजित होगा। मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू उपस्थित रहेंगी। विजेताओं को प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी, और कुछ श्रेणियों में नकद पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
राष्ट्रीय जल पुरस्कारों का उद्देश्य
राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को जल संरक्षण, पुनर्भरण और बेहतर उपयोग के लिए प्रेरित करना है। अब तक पाँच संस्करण पूरे हो चुके हैं, और यह छठा संस्करण है। कोविड महामारी के चलते वर्ष 2021 में यह पुरस्कार नहीं दिए गए थे। इस साल कुल 751 आवेदन आए थे, जिनमें से 46 विजेताओं का चयन किया गया है। चयन प्रक्रिया में केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय भूजल बोर्ड ने जमीनी स्तर पर जांच की।
उद्देश्य — 'हर बूंद की कीमत समझना'
जल शक्ति मंत्रालय इन पुरस्कारों के माध्यम से यह संदेश देना चाहता है कि जल सिर्फ एक संसाधन नहीं, बल्कि जीवन की नींव है। इसका लक्ष्य है लोगों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना। साझा प्रयासों से जल संसाधनों का प्रबंधन मजबूत करना। जल को बचाने के लिए नवाचार और जनभागीदारी को बढ़ावा देना।
छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी प्रेरणा
छत्तीसगढ़ में लगातार तालाबों के संरक्षण, नालों के पुनर्जीवन, और ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरचनाओं के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। राज्य के कई जिलों ने “जनसहभागिता आधारित मॉडल” पर काम करते हुए यह दिखाया है कि स्थानीय प्रयासों से बड़ा बदलाव संभव है।
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