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Photograph: (thesootr)
BHOPAL. जल संरक्षण के क्षेत्र में मध्यप्रदेश के प्रयासों को एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। मध्य प्रदेश ने एक बार फिर जलशक्ति मंत्रालय के दो जल पुरस्कार अपने खाते में दर्ज कराए हैं।
मंगलवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय द्वारा की गई घोषणा में खरगोन जिले को पूर्वी क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ जिले का, जबकि खंडवा की कावेश्वर पंचायत को सर्वश्रेष्ठ पंचायत की श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है।
यह राष्ट्रीय सम्मान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु 18 नवम्बर को दिल्ली में आयोजित समारोह में प्रदान करेंगी। मध्य प्रदेश ने जल संचय- जन भागीदारी पहल में भी वेस्टर्न जोन की श्रेणी-1 में प्रथम पुरस्कार के साथ श्रेष्ठ 50 शहरों में भी बेहतर प्रदर्शन किया है।
देश के 50 प्रमुख शहरों में गुना जिले ने पहली रैंक हासिल की है। वहीं श्रेणी-3 में गुना के साथ ही बैतूल, धार, देवास, सिवनी और खरगोन जिलों ने भी जगह बनाई है।
जिला और पंचायत श्रेणी में अव्वल
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल द्वारा जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के अंतर्गत जल संरक्षण के कार्यों के प्रोत्साहन के लिए छठवे जल पुरस्कारों की घोषणा मंगलवार को की गई है।
जल पुरस्कार अलग-अलग श्रेणियों में 46 विजेताओं को दिए जाएंगे। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा ये पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ राज्य, सर्वश्रेष्ठ जिला, ग्राम पंचायत, शहरी निकाय, सर्वश्रेष्ठ स्कूल- कॉलेज, उद्योग, जल उपभोक्ता संघ, सर्वश्रेष्ठ संस्थाओं और पानी के संरक्षण- संवर्धन के निजी प्रयासों के लिए व्यक्ति विशेष को दिए जाते हैं। साल 2018 में जल संरक्षण के प्रति जागरुकता के उद्देश्य से इन पुरस्कारों की शुरूआत की गई थी।
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जल पुरस्कारों ने बढ़ाई जागरुकता
मंगलवार को वर्ष 2024 में किए गए प्रयासों के लिए 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की घोषणा की गई। इसका शुभारंभ केंद्रीय गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल पर 23 अक्टूबर 2024 को की गई थी। जिस पर अलग- अलग श्रेणियों के लिए प्राप्त हुए 751 आवेदनों की समीक्षा की गई। चयनित आवेदनों का परीक्षण करने के बाद केंद्रीय जल आयोग और भूजल बोर्ड द्वारा तैयार रिपोर्ट के आधार पर देश भर से 46 विजेताओं के नाम की घोषणा की गई है।
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वर्षा जल सहेजने में भी रहे बेहतर
राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 के लिए देश के राज्यों को 5 जोन में बांटा गया है। जिलों को न्यूनतम 10,000 कृत्रिम भू-जल पुनर्भरण एवं संचयी संरचना बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
पूर्वोत्तर और पर्वतीय प्रदेश के जिलों में 3,000 जल संरचनाओं का लक्ष्य रखा गया था। इनमें वर्षा जल संचय के लिए रूफटॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, झील, तालाब और बावड़यों के पुर्ननिर्माण के कार्यां को भी शामिल गया गया था। मध्य प्रदेश ने बरसात के पानी को सहेजने के इन प्रयासों में बेहतर प्रदर्शन किया है।
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जल संचय में एमपी की नई पहचान
मध्य प्रदेश ने राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में बेहतर प्रदर्शन कर जल संरक्षण में नई पहचान कायम की है। कैच द रेन के तहत जल संचय जन भागीदारी का पहला पुरस्कार ईस्ट निमाड़ यानी खरगोन जिले को मिला है।
इसी श्रेणी में देश के श्रेष्ठ 50 निकायों में गुना ने जगह बनाई है। वहीं जिला श्रेणी में भी गुना को दूसरी रैंक मिली है। इसके साथ ही बैतूल, धार, देवास, सिवनी और खरगोन भी इस रैंक पर चुने गए हैं।
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