छत्तीसगढ़ में पहली बार सुशासन पर क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। आज यानी (21 नवंबर गुरुवार) से शुरू हो रहे इस दो दिवसीय सम्मेलन में कई राज्यों के अधिकारी शामिल होंगे। सम्मेलन का उद्देश्य सुशासन की बारीकियों को साझा करना और प्रशासनिक सुधारों पर चर्चा करना है। इसमें छत्तीसगढ़ समेत विभिन्न राज्यों के 30 आईएएस अधिकारी अपने अनुभव साझा करेंगे और बताएंगे कि बिगड़ी व्यवस्थाओं को कैसे सुधारा गया।
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डीएआरपीजी और अन्य मंत्रालयों की पहल
यह सम्मेलन प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) और कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार-2024 के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए प्रयासों पर आधारित एक ई-बुकलेट भी जारी की जाएगी। सम्मेलन में नवाचार, ग्रामीण विकास, महिला नेतृत्व, संतृप्ति दृष्टिकोण और जिलों के समग्र विकास जैसे पांच प्रमुख विषयों पर चर्चा होगी। यह सम्मेलन सुशासन की दिशा में राज्यों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करेगा।
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डिजिटल प्लेटफॉर्म से सुशासन की पहल
छत्तीसगढ़ में सुशासन को बढ़ावा देने के लिए कई डिजिटल और प्रशासनिक सुधार किए गए हैं। इनमें ई-ऑफिस प्रणाली, खनिज परमिशन ऑनलाइन प्रक्रिया, सिंगल विंडो सिस्टम, एचआरएमएस पोर्टल, और रजिस्ट्री के लिए मोबाइल एप्लिकेशन शामिल हैं। राज्य में लेआउट और बिल्डिंग परमिशन को ऑनलाइन किया गया है, जबकि अटल मॉनिटरिंग पोर्टल के जरिए केंद्र और राज्य की योजनाओं की प्रगति का आकलन किया जा रहा है।
ई-गवर्नेंस से बदल रहा है राज्य का प्रशासन
राज्य के प्रशासनिक विभागों में तकनीकी नवाचारों ने सुशासन की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। वन विभाग में लकड़ी की बिक्री ऑनलाइन की जा रही है और सीएसआईडीसी की जगह जेम पोर्टल का उपयोग कर सरकारी खरीदी हो रही है। इन प्रयासों ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाया है, जिससे जनता को बेहतर सेवाएं मिल रही हैं। सम्मेलन में इन सफल पहलों को साझा किया जाएगा ताकि अन्य राज्य भी इसका लाभ उठा सकें।
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