कागजों में क्लास शुरू, हकीकत में एडमिशन की रफ्तार सुस्त, उच्च शिक्षा विभाग का आदेश अव्यवहारिक

उच्च शिक्षा विभाग ने एक जुलाई से कॉलेजों में कक्षाएं शुरू करने का फरमान जारी किया है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बावजूद कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया की रफ्तार धीमी है।

author-image
Krishna Kumar Sikander
New Update
Higher Education Department order impractical the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

उच्च शिक्षा विभाग ने एक जुलाई से कॉलेजों में कक्षाएं शुरू करने का फरमान जारी किया है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बावजूद कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया की रफ्तार इतनी धीमी है कि अभी तक मात्र 10 फीसदी सीटें ही भर पाई हैं। ऐसे में कक्षाएं शुरू करना कॉलेजों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।

कॉलेज प्रशासन का कहना है कि प्रवेश प्रक्रिया हाल ही में शुरू हुई है और कुछ ही छात्रों ने नामांकन करवाया है। इस स्थिति में एक जुलाई से कक्षाएं शुरू करने का आदेश पूरी तरह अव्यवहारिक है। जानकारों का अनुमान है कि यूजी फर्स्ट इयर की कक्षाएं 20 जुलाई के बाद ही शुरू हो पाएंगी।

ये खबर भी पढ़ें... BA.B.Ed और B.Sc.B.Ed में 12वीं से होगा एडमिशन, व्यापमं नहीं लेगी परीक्षा

 

एकेडमिक कैलेंडर कागजी खानापूरी या गंभीर लापरवाही?

उच्च शिक्षा विभाग ने सत्र 2025-26 के लिए हाल ही में एकेडमिक कैलेंडर जारी किया है, जिसमें प्रवेश, पढ़ाई और परीक्षाओं का पूरा रोडमैप दिया गया है। कैलेंडर के मुताबिक, यूजी फर्स्ट इयर में कॉलेज स्तर पर प्रवेश 16 जून से 31 जुलाई तक होंगे, जबकि कुलपति की विशेष अनुमति से 14 अगस्त तक नामांकन की प्रक्रिया चलेगी। इसके बावजूद, कैलेंडर में एक जुलाई से कक्षाएं शुरू करने का उल्लेख है, जो मौजूदा हालात में हास्यास्पद लगता है।

पिछले कुछ वर्षों का रिकॉर्ड भी यही बताता है कि कक्षाएं शुरू करने के निर्देश तो हर साल जारी होते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इन्हें लागू करना मुश्किल होता है। आमतौर पर कक्षाएं 20 जुलाई के बाद ही शुरू हो पाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि एकेडमिक कैलेंडर शैक्षणिक सत्र का आधार होता है।

इसके आधार पर ही प्रवेश, पढ़ाई और परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस बार कैलेंडर तैयार करने में गंभीरता का अभाव साफ नजर आ रहा है। सवाल यह है कि जब प्रवेश प्रक्रिया ही पूरी नहीं हुई, तो कक्षाओं में कौन पढ़ने आएगा और शिक्षक किसे पढ़ाएंगे?

ये खबर भी पढ़ें... नियम न होने के बावजूद छात्रों से एडमिशन और टाई-बेल्ट के नाम पर की वसूली, प्रिंसिपल सस्पेंड

एडमिशन की स्थिति, 10% से भी कम सीटें भरीं

यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। रविवि से संबद्ध गैर-स्वायत्त कॉलेजों के लिए पहली मेरिट लिस्ट 25 जून को जारी की गई थी, जिसके आधार पर 8 जुलाई तक प्रवेश पूरे होने हैं। लेकिन ज्यादातर कॉलेजों में अब तक 10 फीसदी से भी कम सीटें भरी हैं। दूसरी ओर, छत्तीसगढ़, साइंस और डिग्री कॉलेज जैसे स्वायत्त (ऑटोनोमस) कॉलेजों ने अपने पोर्टल के जरिए आवेदन मंगवाए थे और दो-तीन मेरिट लिस्ट भी जारी कर दी हैं।

फिर भी इन कॉलेजों में कई सीटें खाली पड़ी हैं। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि प्रवेश प्रक्रिया में देरी के कई कारण हैं। कुछ छात्र देर से आवेदन करते हैं, तो कुछ अपनी पसंद के कॉलेज और कोर्स के लिए दूसरी या तीसरी लिस्ट का इंतजार करते हैं। इसके अलावा, कई छात्र निजी विश्वविद्यालयों या अन्य राज्यों के कॉलेजों में प्रवेश लेने की योजना बनाते हैं, जिससे स्थानीय कॉलेजों में सीटें खाली रह जाती हैं। 

ये खबर भी पढ़ें... सिर्फ इंटरव्यू से होंगे पीजी में एडमिशन, परखा जाएगा स्टूडेंट्स का माइनर विषयों में नॉलेज लेवल

निर्देशों और जमीनी हकीकत के बीच अंतर

उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों और जमीनी हकीकत के बीच का यह अंतर नया नहीं है। हर साल की तरह इस बार भी कॉलेज 20 जुलाई के बाद ही कक्षाएं शुरू करने की तैयारी में हैं। जानकारों का सुझाव है कि विभाग को एकेडमिक कैलेंडर को और व्यवहारिक बनाने की जरूरत है। प्रवेश प्रक्रिया को तेज करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल को और प्रभावी करना होगा, ताकि छात्रों को समय पर जानकारी मिले और वे जल्द से जल्द नामांकन करा सकें।

ये खबर भी पढ़ें... RTE एडमिशन घोटाला: वेबसाइट हैक होने से गरीब बच्चों का एडमिशन रुका,हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

इसके साथ ही, कॉलेजों को भी प्रवेश प्रक्रिया को सुचारू करने के लिए अतिरिक्त संसाधन और कर्मचारियों की जरूरत है। अगर विभाग और कॉलेज प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय हो, तो शैक्षणिक सत्र को समय पर शुरू करना संभव हो सकता है। फिलहाल, छात्र और अभिभावक इस इंतजार में हैं कि कब कॉलेजों में पढ़ाई का माहौल बनेगा और नया सत्र वास्तव में शुरू होगा। 

विभाग और कॉलेज मिलकर निकालें समाधान 

उच्च शिक्षा विभाग का एक जुलाई से कक्षाएं शुरू करने का निर्देश भले ही कागजों में आकर्षक लगे, लेकिन हकीकत में यह अव्यवहारिक साबित हो रहा है। जब तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं होगी, कक्षाएं शुरू करना असंभव है। जरूरत है कि विभाग और कॉलेज मिलकर इस समस्या का समाधान निकालें, ताकि शैक्षणिक सत्र समय पर और सुचारू रूप से शुरू हो सके।

thesootr links

 सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

 

उच्च शिक्षा छत्तीसगढ़ | कॉलेज एडमिशन 2025 | शैक्षणिक सत्र छत्तीसगढ़ | यूजी फर्स्ट ईयर एडमिशन | अकादमिक कैलेंडर उच्च शिक्षा | छात्र नामांकन | कक्षाएं शुरू होने की तारीख | Higher Education Chhattisgarh | college admission 2025 | academic session chhattisgarh | UG first year admission | Academic Calendar Higher Education | admission process college | student enrollment | Start date of classes

 

उच्च शिक्षा छत्तीसगढ़ कॉलेज एडमिशन 2025 शैक्षणिक सत्र छत्तीसगढ़ यूजी फर्स्ट ईयर एडमिशन अकादमिक कैलेंडर उच्च शिक्षा छात्र नामांकन कक्षाएं शुरू होने की तारीख Higher Education Chhattisgarh college admission 2025 academic session chhattisgarh UG first year admission Academic Calendar Higher Education admission process college student enrollment Start date of classes