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CG NEWS : कांग्रेस पार्टी ने जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए नया तरीका अपनाया है। अब जिला अध्यक्षों का चयन पार्टी नेताओं की सिफारिशों के बजाय इंटरव्यू प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। इस बदलाव की शुरुआत गुजरात में राहुल गांधी ने की है। वहां ऑब्जर्वर के जरिए उम्मीदवारों का इंटरव्यू लिया जा रहा है। चर्चा है कि इस प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी शामिल किया गया है, जिन्हें गुजरात में ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है।
और ताकतवर होंगे कांग्रेस के जिलाध्यक्ष
कांग्रेस के इस बदलाव के बाद, जिला अध्यक्षों को अब पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका दी जाएगी। पहले, जिला अध्यक्षों की नियुक्ति प्रदेश नेताओं की सिफारिश पर की जाती थी, लेकिन अब उनका चयन पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। गुजरात कांग्रेस ने इस बदलाव को 'संगठन सृजन अभियान' नाम दिया है, जिसमें AICC ने हर जिले के लिए ऑब्जर्वर नियुक्त किए हैं जो स्थानीय नेताओं से चर्चा करके दावेदारों का इंटरव्यू कर रहे हैं।
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जिला अध्यक्षों को मिलने वाले नए अधिकार
इस बदलाव के बाद, जिला अध्यक्षों को अब संगठन में अधिक ताकत दी जाएगी। उन्हें चुनावी टिकट वितरण में भी भूमिका दी जाएगी, जिससे पार्टी के निर्णयों में उनकी राय महत्वपूर्ण हो जाएगी। इसके अलावा, जिला अध्यक्षों को कई
अन्य जिम्मेदारियां दी जाएंगी, जिनमें शामिल हैं...
टिकट बंटवारे में भूमिका: जिला अध्यक्षों की राय अब उम्मीदवारों के चयन में भी अहम मानी जाएगी।
राजनीतिक पोस्ट में भागीदारी: जिला अध्यक्षों को राजनीतिक जिम्मेदारियों का निर्धारण करने का अधिकार मिलेगा।
आर्थिक फैसलों में भागीदारी: पार्टी के खर्चे और वित्तीय फैसलों में भी जिला अध्यक्षों की राय ली जाएगी।
कार्यक्रमों की कमान: AICC और PCC से आने वाले अभियानों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी भी अब जिला अध्यक्षों की होगी।
वोटर लिस्ट का काम: हर जिले में मतदाता सूची को अपडेट करना और सही आंकड़े रखना अब जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी होगी।
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काम अच्छा तो मिलेगा बड़ा पद
राहुल गांधी ने यह स्पष्ट किया है कि जो जिला अध्यक्ष अच्छा काम करेंगे, उन्हें भविष्य में मंत्री जैसे बड़े पद भी मिल सकते हैं। इस तरह, पार्टी अब जिला अध्यक्षों के काम का आकलन करेगी और प्रदर्शन के आधार पर उन्हें पदोन्नति दी जाएगी।
ऐसे होगा प्रदर्शन का आकलन?
वोटर लिस्ट अपडेट: जिला अध्यक्ष यह सुनिश्चित करेंगे कि जिले की मतदाता सूची में समय पर सुधार हो, नए मतदाता जुड़ें और पुराने अपडेट हों।
AICC और PCC के कार्यक्रमों में भागीदारी: जिला अध्यक्ष की सक्रिय भागीदारी इन कार्यक्रमों में अनिवार्य होगी, और इसकी रिपोर्ट AICC को भेजी जाएगी।
कार्यक्रमों का आयोजन: यह देखा जाएगा कि जिले में कौन-कौन से आयोजन किए गए और इनका मीडिया और जनता पर क्या प्रभाव पड़ा।
वोटिंग प्रतिशत में बदलाव: जिला अध्यक्ष को यह सुनिश्चित करना होगा कि चुनाव में पिछले बार की तुलना में वोटिंग प्रतिशत बढ़े।
संगठन विस्तार और बूथ मैनेजमेंट: जिला अध्यक्षों से यह उम्मीद की जाएगी कि वह जिले में बूथ स्तर तक संगठन खड़ा करें।
पार्टी की नीतियों का प्रचार और लोकल फीडबैक
जिला अध्यक्षों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे पार्टी के मुद्दों को स्थानीय स्तर पर प्रसारित करें और साथ ही जमीनी फीडबैक AICC और PCC तक पहुंचाएं, ताकि शीर्ष नेतृत्व को वास्तविक स्थिति का पता चल सके।