जांजगीर के पुलिस विभाग में पदस्थ आरक्षक शशिकांत कश्यप का नाम इन दिनों अपराधियों की फेहरिस्त में दर्ज हो गया है। तीन अलग-अलग चोरी के मामलों में आरोपी पाए जाने के बाद, उसे 23 मई को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। अब जांजगीर-चांपा के पुलिस अधीक्षक विजय पांडेय ने उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया है। आरक्षक द्वारा संगठित रूप से चोरी की घटनाओं को अंजाम देने को गंभीर सेवा दोष मानते हुए यह कार्रवाई की गई।
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ऐसे खुला चोरी का राज
18–19 मई की रात चांपा के घटोली चौक में स्थित हनी अग्रवाल की बिल्डिंग मटेरियल दुकान से चोरी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी विश्लेषण की मदद से एक संगठित चोर गिरोह का पर्दाफाश हुआ। आश्चर्य की बात यह रही कि इस गिरोह का सरगना कोई और नहीं, बल्कि खुद पुलिस विभाग में कार्यरत आरक्षक शशिकांत कश्यप था।
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रात में करता था चोरी की प्लानिंग
शशिकांत कश्यप उम्र 32 वर्ष, जांजगीर पुलिस लाइन में पदस्थ था। नाइट ड्यूटी से छूट होने का फायदा उठाकर वह रात के समय अपने गिरोह के साथ मिलकर चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था। उसका मकसद था – अपने निजी मकान के निर्माण के लिए मुफ्त में सामग्री जुटाना। इसके लिए उसने चार नाबालिगों सहित कुल 8 लोगों को साथ लेकर चोरी की योजना बनाई। ये लोग सुनियोजित तरीके से विभिन्न दुकानों से सीमेंट, छड़, टाइल्स, ग्रेनाइट पत्थर जैसे बिल्डिंग मटेरियल चोरी करते थे।
चोरी की गई सामग्री का एक हिस्सा वह अपने घर के निर्माण में लगाता था और कुछ हिस्सा अपने साथियों में बांटता था।
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कई थानों में दर्ज हैं केस
शशिकांत कश्यप के खिलाफ चांपा थाने में दो और कोतवाली थाने में एक प्रकरण पहले से दर्ज है। इन सभी मामलों में उसकी संलिप्तता प्रमाणित हो चुकी है। चोरी में प्रयुक्त सामग्री को जब्त कर, सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
एसपी ने क्या कहा?
एसपी विजय पांडेय ने कहा "आरक्षक जैसे जिम्मेदार पद पर रहते हुए शशिकांत द्वारा अपराध को अंजाम देना बेहद निंदनीय है। यह न सिर्फ विभागीय नियमों का उल्लंघन है बल्कि पुलिस विभाग की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है।"
उन्होंने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि पुलिस विभाग में रहकर चोरी जैसी गंभीर घटना को गिरोह बनाकर अंजाम देना स्वीकार योग्य नहीं है। इसलिए शशिकांत को पुलिस सेवा से पदच्युत किया गया है।
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