करोड़पति बनने का दिखाया था सपना... लूट लिया लाखों रुपए

CG Cyber Crime: इंडिया मार्ट नामक प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर शेयर ट्रेडिंग के बहाने 42 लाख रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का मास्टर माइंड गुजरात में पकड़ा गया।

Advertisment
author-image
Kanak Durga Jha
New Update
cyber fraud 42 lakh rupees in the name of share trading
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

इंडिया मार्ट नामक प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर शेयर ट्रेडिंग के बहाने 42 लाख रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का मास्टर माइंड गुजरात में पकड़ा गया। साइबर रेंज थाने की टीम को आरोपी तक पहुंचने के लिए गुजरात में पांच दिन गुजारनी पड़ी। जिसके बाद गिरोह के मास्टरमाइंड चिराग ठाकोर को गिरफ्तार कर लिया। वह फर्जी सिम और बैंक खाते के जरिए लोगों के रुपए ठगी करता था। आरोपी को पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया है।

दरअसल, धरमजयगढ़ निवासी आनंद अग्रवाल (45) को स्टॉक एक्सचेंज में शेयर खरीदने पर मार्केट मूल्य 3 करोड़ 48 लाख रुपए कमाने का झांसा देकर शिकार बनाया था। ठगों ने आनंद से कुल 42 लाख रुपए ठग लिए थे। आनंद की रिपोर्ट पर पुलिस ने रकम जमा कराए गए खातों की जांच शुरू की।

मिसेज यूनिवर्स बनी छत्तीसगढ़ की सुजैन, 121 देश की सुंदरियों को पछाड़ा

तकनीकी जांच के बाद मास्टरमाइंड तक पहुंची पुलिस

पुलिस ने मोबाइल नंबर के सीडीआर खंगाले। इससे पुलिस को आरोपियों के गुजरात में होने के सुराग मिले। इसके बाद टीम गुजरात रवाना हुई। गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ा। लेकिन, मास्टर माइंड फरार हो गया। उसे पकड़ने के लिए रेंज साइबर की टीम फिर से रवाना हुई। दिनों तक गुजरात के महेसाणा जिले में आरोपी चिरागजी ठाकोर (21) को ट्रेस किया। उसके घर ठाकोर वास से पकड़ कर उसे बिलासपुर लाया गया। पूछताछ में उसने पूरे गिरोह को ऑपरेट करने की बात स्वीकार की। उसने बताया कि फर्जी सिम और बैंक खाते की मदद से शेयर ट्रेडिंग करने वालों को वे अपना शिकार बनाते थे।

शराब घोटाला केस में ED ने कवासी लखमा और उनके बेटे को फिर बैठाया


प्रीमियम बल्क वेबसाइट से लेते थे डेटा

आरोपियों ने बताया कि प्रीमियम बल्क नाम के वेबसाइट से शेयर ट्रेडिंग करने वालों का डेटा खरीदते थे। तीन कैटेगरी में नंबर उन्हें वेबसाइट मुहैया कराती थी। पहली कैटेगरी में हाल ही में ट्रेडिंग शुरू करने वालों का डेटा 10 रुपए के हिसाब से खरीदते थे। वहीं ट्रेडिंग में निवेश कर चुके लोगों के नंबर 5 रुपए और लंबे समय से ट्रेडिंग करने वालों के नंबर 1 रुपए के हिसाब से खरीदते थे। इसके बाद इन्हें कॉल कर दोगुना फायदा बताकर अपना शिकार बनाते थे। पुलिस इस गिरोह के अन्य लोगों की तलाश कर रही है।

1200 करोड़ कमाने वाले डिस्टलरीज मालिकों को बचा रही ED , कोर्ट में बहस


जहां ठगी के ज्यादा मौके, उनके नंबर अधिक कीमती

पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि ठगी करने वाले आनलाइन वेबसाइड से शेयर ट्रेडिंग करने वालों का नंबर खरीदते थे। वेबसाइड पर तीन श्रेणियों में नंबर उपलब्ध कराया जाता है। जिन लोगों ने हाल में ट्रेडिंग करना शुरू किया है उनका नंबर 10 रुपये प्रति नंबर के हिसाब से उपलब्ध होता है। दूसरे श्रेणी में उन लोगों को रखा गया है जो कुछ महीनों से ट्रेडिंग कर हैं। उनके प्रति नंबर को पांच रुपये के हिसाब से उपलब्ध कराया गया। 

तीसरे श्रेणी में लंबे समय से ट्रेडिंग करने वालों को रखा गया। उनका नंबर एक रुपये में उपलब्ध कराया गया। हाल में ट्रेडिंग शुरू करने वालों को शेयर मार्केट से अनजान मानते हुए ठगी करने वालों को रुपये मिलने की उम्मीद रहती है। इसके कारण ऐसे लोगों का नंबर ज्यादा रुपये देकर खरीदा गया। इनके फंसने के चांस भी अधिक होते हैं। 

पांच बैंकों की ब्रांच सील , एक रिकवरी एजेंट को भेजा जेल, 6 पर FIR

Cyber ​​crime CG News chhattisgarh cyber crime chhattisgarh cyber crime news CG Cyber Crime CG Cyber Crime news