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Bastar/Delhi. देश की राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट इलाके में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। प्रदर्शन कर रहे युवाओं के एक गुट ने अचानक कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए। इस अप्रत्याशित घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 12 से अधिक प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है, और मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है।
प्रदूषण विरोधी प्रदर्शन, निकला नक्सली समर्थन
दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार को युवाओं का एक समूह इंडिया गेट के पास राजधानी में फैले गंभीर प्रदूषण के विरोध में आवाज उठा रहा था। उनके हाथों में पोस्टर थे और वे केंद्र तथा दिल्ली सरकार से कड़े एक्शन की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान छात्रों के एक गुट ने अचानक विवादित नारे लगाने शुरू कर दिए। मीडिया से बातचीत और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे 4 मिनट के एक वीडियो में छात्र न सिर्फ हिड़मा का समर्थन में चर्चा करते दिख रहे हैं, बल्कि उन्होंने खुलेआम "कामरेड हिड़मा अमर रहे" और "जल जंगल जमीन की लड़ाई जिंदाबाद" के नारे भी लगाए।
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छात्रों ने माओवादी मॉडल का किया समर्थन
वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारी छात्रों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि दिल्ली में केवल प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है और सरकार जनता के हित में नहीं, बल्कि 'प्रॉफिट' के हित में काम कर रही है। छात्रों ने खुलकर हिड़मा और माओवादियों के मॉडल का समर्थन किया
"इस मॉडल को बदलने की जरूरत है। जनता के हित में मॉडल लाने की जरूरत है। उस मॉडल को लाने की जरूरत है, जिसे माओवादी बस्तर और बीजापुर में लेकर आए हैं। हमें वैसे ही चीज लेकर आनी है। हमको जल, जंगल, जमीन और माओवादी की लड़ाई को आगे लेकर जाना होगा और उनका साथ देना होगा।"
रोड जाम और पेपर स्प्रे का इस्तेमाल
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि प्रदर्शन में 50 से ज़्यादा लोग शामिल थे, जिनमें से लगभग 30 प्रदर्शनकारी रोड पर डटे रहे। प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दिया था, जिससे आम राहगीरों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा और यातायात प्रभावित हुआ। जब पुलिस ने उन्हें सड़क से हटाने की कोशिश की, तो प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों की आंखों में पेपर स्प्रे डाल दिया, जिससे कई पुलिसकर्मी चोटिल हो गए। पुलिस ने 'संदिग्ध गतिविधियों' और कानून व्यवस्था तोड़ने के आरोप में 12 से ज़्यादा छात्रों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
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यह विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ है जब कुछ ही दिन पहले 18 नवंबर को छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा और उसकी पत्नी सहित 7 नक्सलियों को ढेर कर दिया था। हिड़मा, जिसकी मौत पर प्रदर्शनकारी 'अमर रहे' के नारे लगा रहे थे, एक कुख्यात नक्सली लीडर था।
हिड़मा अपने 35 वर्षों के आपराधिक जीवन में 300 से अधिक लोगों की हत्या का मास्टरमाइंड था, जिनमें अधिकांश जवान शामिल थे। वह 2010 में हुए 76 CRPF जवानों की निर्मम हत्या का मुख्य षड्यंत्रकारी था। हिड़मा ने राहत शिविर में 31 लोगों को जिंदा जलाकर मारने की क्रूर वारदात को भी अंजाम दिया था। छत्तीसगढ़ पुलिस ने हिड़मा के एनकाउंटर को 'नक्सलवाद के ताबूत में आखिरी कील' बताया था। राष्ट्रीय राजधानी के हृदयस्थल पर ऐसे दुर्दांत अपराधी के समर्थन में नारे लगने से राष्ट्रीय सुरक्षा और युवा वर्ग के भटकाव पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
आगे की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इंडिया गेट एंटी पॉल्यूशन रैली के भीतर नक्सली तत्वों को किसने और किस इरादे से शामिल किया। प्रदर्शनकारी छात्रों के नक्सलवाद के प्रति समर्थन और उनके घोषित माओवादी मॉडल को लागू करने की मांग पर कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।
- Beta
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