छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने कर्तव्य में लापरवाही और अनुशासनहीनता को लेकर पांच शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई शिक्षकों के अनाधिकृत अनुपस्थिति, नशे की हालत में विद्यालय आना, और समय से पहले स्कूल बंद कर देने जैसे गंभीर मामलों में की गई है।
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दो शिक्षकों पर गंभीर आरोप
कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, प्राथमिक शाला कहच्छेनार के सहायक शिक्षक एल.बी. गौतम कुमार वर्मा को बिना सूचना के लंबे समय से शाला से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने पर निलंबित किया गया है। जांच में पाया गया कि उन्होंने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 (1,2,3) का उल्लंघन किया है। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय लोहण्डीगुड़ा निर्धारित किया गया है।
वहीं प्राथमिक शाला छोटेमुरमा के प्रधान अध्यापक मोसू राम पर तो और भी गंभीर आरोप लगे हैं। उन्हें शाला समय में शराब पीकर आने, लगातार नशे में रहने, विद्यालय में अनुपस्थित रहने और समय से पहले विद्यालय बंद कर देने का दोषी पाया गया है। यह सब आचरण शिक्षक की गरिमा और शैक्षणिक व्यवस्था के खिलाफ माना गया। मोसू राम को भी नियम 3 के तहत दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है और उनका मुख्यालय खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय जगदलपुर नियत किया गया है।
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अन्य शिक्षकों पर भी कार्रवाई
बाकी तीन शिक्षकों के नाम और विवरण फिलहाल सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन डीईओ कार्यालय के अनुसार, उन्हें भी अनुशासनहीनता, कार्य में लापरवाही और शिक्षकीय कर्तव्यों के निर्वहन में असफलता के कारण निलंबित किया गया है।
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शिक्षा विभाग सख्त
बस्तर जिला शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि विद्यालयों में अनुशासन बनाए रखने और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए आगे भी इस तरह की सख्त कार्रवाइयां जारी रहेंगी। डीईओ ने शिक्षकों को चेतावनी दी है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या कदाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस कार्रवाई से साफ है कि राज्य सरकार और शिक्षा विभाग शैक्षणिक गुणवत्ता और अनुशासन को लेकर अब कोई समझौता नहीं करने के मूड में हैं। यह कदम अन्य शिक्षकों के लिए एक चेतावनी भी है, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करें।
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