जिला अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर नसीम बर्खास्त: 11 साल पुराने रिश्वत केस में सरकार की सख्त कार्रवाई

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जिला अस्पताल में पदस्थ वरिष्ठ डॉक्टर एम.ए. नसीम को राज्य सरकार ने पद से बर्खास्त कर दिया है।

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Harrison Masih
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छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जिला अस्पताल में पदस्थ वरिष्ठ डॉक्टर एम.ए. नसीम को राज्य सरकार ने पद से बर्खास्त कर दिया है। यह फैसला 2014 में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए एक पुराने भ्रष्टाचार मामले को आधार बनाकर लिया गया है। इस कार्रवाई को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

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क्या है पूरा मामला?

वर्ष 2014 में लोकायुक्त (ACB) ने डॉक्टर एमए नसीम को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा था। इसके बाद मामला अदालत पहुंचा और 2018 में रायपुर की विशेष अदालत ने उन्हें 1 साल की सजा और ₹15,000 का जुर्माना सुनाया था।

डॉक्टर नसीम ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिससे मामला लंबित रहा। अब राज्य शासन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए, उन्हें सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

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सरकार का सख्त रुख

यह फैसला उस समय आया है, जब भ्रष्टाचार के मामलों में सरकार पर अक्सर कार्रवाई में देरी और नरमी के आरोप लगते रहे हैं। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी अधिकारी, कितना भी वरिष्ठ क्यों न हो, दोष सिद्ध होने पर बख्शा नहीं जाएगा। इस निर्णय को एक "नीति-निर्धारक कार्रवाई" के रूप में देखा जा रहा है, जिससे अन्य कर्मचारियों को भी चेतावनी मिले।

सख्ती का संकेत

यह मामला वर्षों से लटका हुआ था, लेकिन शासन ने दोषसिद्धि के आधार पर सेवा से हटाने की निर्णायक पहल की। इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि केवल अदालत से सजा मिलना ही नहीं, बल्कि नैतिक और प्रशासनिक दृष्टि से जवाबदेही भी अब लागू की जा रही है।

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  1. रिश्वत केस में दोषी – डॉक्टर एम.ए. नसीम को 2014 में ACB ने रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा था।

  2. कोर्ट से सजा – 2018 में रायपुर की अदालत ने उन्हें 1 साल की सजा और ₹15,000 का जुर्माना सुनाया था।

  3. हाईकोर्ट में चुनौती – डॉक्टर नसीम ने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, मामला अब भी लंबित है।

  4. शासन की सख्ती – शासन ने केस को संज्ञान में लेते हुए अब उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया।

  5. संदेश साफ – सरकार का संदेश है: भ्रष्टाचार के मामलों में कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी वरिष्ठ क्यों न हो।

 

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जनता और प्रशासनिक हलकों में संदेश

शासन की यह कार्रवाई आम जनता और सरकारी महकमे दोनों के लिए विश्वास बहाल करने वाली पहल मानी जा रही है। यह निर्णय यह भी दर्शाता है कि सरकारी सेवा में ईमानदारी ही दीर्घकालिक सुरक्षा है, भ्रष्टाचार नहीं।

डॉ. एम.ए. नसीम की बर्खास्तगी केवल एक विभागीय कार्रवाई नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ छत्तीसगढ़ शासन के बदलते रवैये का प्रतीक है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या इसी सख्ती के साथ अन्य लंबित भ्रष्टाचार मामलों पर भी निर्णय होंगे या यह सिर्फ एक अपवाद बनकर रह जाएगा।

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