देशभर में बढ़ते साइबर फ्रॉड के मामलों के बीच छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से सामने आए एक हाई-प्रोफाइल डिजिटल अरेस्ट ठगी केस में दुर्ग पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। मामले में पुलिस ने मुंबई से दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरोपी डिजिटल टैक्स रिफंड और सरकारी लाभ का झांसा देकर भिलाई निवासी पीड़ित से 54 लाख 90 हजार रुपए की ठगी में शामिल थे।
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क्या है मामला?
पीड़ित को एक वीडियो कॉल आया, जिसमें फर्जी पुलिस और अफसर बनकर उसे धमकाया गया। उसे बताया गया कि उसके खिलाफ केस है और डिजिटल अरेस्ट किया जा सकता है। डर के मारे पीड़ित ने आरोपियों के कहे अनुसार उनके बताए खातों में किस्तों में 54.90 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए।
इस मामले में पुलिस पहले ही लखनऊ से 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी थी। अब जांच में मिले सुरागों के आधार पर मुंबई से 2 और आरोपी पकड़े गए हैं।
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मुंबई से गिरफ्तार आरोपी:
रूषिकेस जोशी, उम्र 37 वर्ष, निवासी – ठाणे, महाराष्ट्र
चंदन बालकरण सरोज, उम्र 30 वर्ष, निवासी – ठाणे, महाराष्ट्र
पुलिस ने इनके पास से घटना में इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन और आधार कार्ड जब्त किया है।
कैसे होता है यह साइबर फ्रॉड?
यह गिरोह "डिजिटल अरेस्ट" या "डिजिटल टैक्स रिफंड" जैसे बहानों से आम लोगों को कॉल करता है। वीडियो कॉल पर नकली सेटअप दिखाया जाता है – जैसे कोई पुलिस थाने या सरकारी दफ्तर हो। फिर लोगों को डराकर उनसे बैंक डिटेल लेकर धीरे-धीरे लाखों की रकम ट्रांसफर करवा ली जाती है।
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अब तक कुल 6 आरोपी गिरफ्तार
पहले पकड़े गए (लखनऊ से): दीपक गुप्ता, राजेश विश्वकर्मा, कृष्ण कुमार, शुभम श्रीवास्तव
अब पकड़े गए (मुंबई से): रूषिकेस जोशी और चंदन सरोज
सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
पुलिस और साइबर टीम की सतर्कता
दुर्ग पुलिस और साइबर सेल की तकनीकी टीम इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि यह गैंग कई राज्यों में फैला हुआ है और देशभर में आम लोगों को निशाना बना रहा है। अन्य संलिप्त व्यक्तियों की तलाश जारी है और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
प्रशासन की अपील
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी अनजान कॉल या वीडियो कॉल पर डरें नहीं, और किसी भी तरह की धमकी या ठगी की सूचना तुरंत साइबर सेल या नजदीकी थाने में दें। सरकारी प्रक्रिया में किसी भी भुगतान की मांग वीडियो कॉल पर नहीं की जाती है।
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