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न्यायधानी में पुलिस ने नशा कारोबारी की 2 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की है। नशे का कारोबार करने वाले आरोपी की संपत्ति जब्त करने के मामले में यह छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी कार्रवाई है। आरोपी सुच्चा सिंह उर्फ संजीव छाबड़ा ने नशे के कारोबार की कमाई को वैध करने के लिए कंस्ट्रक्शन कंपनी बना ली थी। इसमें वह नशीली दवाओं के पैसे को जमा कर वैध बनाता था। पुलिस ने उसके बैंक अकाउंट के पांच साल के लेनदेन की डिटेल के आधार पर यह कार्रवाई की है। अब संपत्ति को राजसात करने मुंबई स्थित सफेमा कोर्ट में केस ले जाया जाएगा।
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16 साल पहले छोड़ दिया था बिलासपुर
पुलिस की कार्रवाई के डर से सुच्चा सिंह ने करीब 16 साल पहले बिलासपुर छोड़ दिया, जिसके बाद वो महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में रहकर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर सहित अलग-अलग जिलों में नशीली दवाओं को कोरियर और बस से पार्सल से भेजता था, जिसे यहां उसके गिरोह के सदस्य लेकर सप्लाई करते थे। जांच में पता चला है कि स्थानीय तस्कर पैसों को उसके अकांउट पर जमा कराते थे। उसके खातों में करोड़ों का लेनदेन केवल प्रतिबंधित नशीली दवाओं का है।
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इस सख्ती की इसलिए पड़ी जरूरत
बिलासपुर एसपी रजनेश सिंह के अनुसार आमतौर पर नशे के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करती है, लेकिन केस दर्ज करने और गिरफ्तारी तक मामला सीमित रह जाता है। इसके चलते अवैध कारोबार में शामिल लोग जेल से छूटते ही फिर से अपना कारोबार शुरू कर देते हैं। इसे देखते हुए अब पुलिस ऐसे अपराधियों की संपत्ति भी जब्त कर रही है, ताकि अवैध कारोबारियों की कमर टूट सके।
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मध्य प्रदेश के जबलपुर में भी फैलाया जाल
पुलिस ने नशे का कारोबार करने वाले सुच्चा सिंह उर्फ संजीव छाबड़ा की संपत्ति की जानकारी जुटाई थी। इसमें पता चला था कि करीब 2 करोड़ 5 लाख रुपए की संपत्ति नशे के कारोबार से बनाई गई है। आरोपी ने बिलासपुर के साथ ही मध्य प्रदेश के जबलपुर, महाराष्ट्र के नागपुर, फरीदाबाद और हरियाणा में जमीन खरीद कर मकान, दुकान और कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया है।
संजीव छाबडा उर्फ सूच्चा के कई सालों से प्रतिबंधित नशीली दवाओं का अवैध कारोबार कर रहा है। पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी संजीव कुमार छाबडा के अलग-अलग बैंक अकाउंट थे, जिसमें वह तस्करी के पैसों को जमा कराता था।
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