/sootr/media/media_files/2025/09/09/durg-hemchand-yadav-university-website-hacked-pakistani-hackers-the-sootr-2025-09-09-11-50-28.jpg)
Durg University website hacked: हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग की आधिकारिक वेबसाइट सोमवार को एक बार फिर हैक कर ली गई। पाकिस्तानी हैकर्स ने वेबसाइट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों वाला पोस्टर अपलोड कर दिया। यही नहीं, वेबसाइट पर “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे भी चिपका दिए गए। घटना सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की साइबर सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
हैकर्स का पोस्टर वायरल,प्रशासन को नहीं लगी भनक
सोमवार को जैसे ही छात्रों ने विश्वविद्यालय की वेबसाइट ओपन की, उन्हें पाकिस्तान समर्थक नारे और पोस्टर नजर आए। यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई।
हर बार की तरह इस बार भी न तो विश्वविद्यालय प्रशासन और न ही वेबसाइट की जिम्मेदारी संभालने वाली निजी एजेंसी को इस हैकिंग की भनक लगी। छात्रों के माध्यम से ही वेबसाइट हैकिंग का खुलासा हुआ।
तीन महीने में तीसरी बार हैकिंग
हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की वेबसाइट पिछले तीन महीनों में तीसरी बार हैक हुई है:
- पहली बार: 7 जुलाई 2025
- दूसरी बार: 7 सितंबर 2025
- तीसरी बार: 8 सितंबर 2025
लगातार हैकिंग से विश्वविद्यालय की साइबर सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
छात्रों का कामकाज ठप, नाराजगी बढ़ी
विश्वविद्यालय की परीक्षा परिणाम, एडमिशन और अन्य महत्वपूर्ण सेवाएं इसी वेबसाइट पर निर्भर हैं। बार-बार वेबसाइट हैक होने से छात्रों का कामकाज ठप हो गया है। सोमवार शाम तक वेबसाइट हैकर्स के कब्जे में रही। बाद में इसे बहाल किया गया, लेकिन इस दौरान वेबसाइट के स्क्रीनशॉट तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। छात्रों का कहना है कि यह सिर्फ पढ़ाई का मुद्दा नहीं, बल्कि देश की साइबर सुरक्षा का भी बड़ा सवाल है।
पहले भी मिला था चेतावनी का मौका
यह तीसरी हैकिंग है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है। पहली बार वेबसाइट हैक होने पर प्रबंधन ने कहा था कि एनआईसी (NIC) से वेबसाइट का ऑडिट कराया जाएगा, लेकिन प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई।
निजी एजेंसी पर सवाल
विश्वविद्यालय की वेबसाइट एक निजी एजेंसी द्वारा संचालित होती है। यह एजेंसी हर बार वेबसाइट हैकिंग को रोकने में विफल रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि वेबसाइट का सर्वर सिक्योरिटी सिस्टम और बैकअप सिस्टम तत्काल बदला जाना चाहिए। एजेंसी की लापरवाही अब बड़ी चिंता का कारण बन गई है।
दुर्ग यूनिवर्सिटी वेबसाइट हैक: ऐसे समझें पूरा मामला
|
प्रशासन का दावा: अब होगी सख्ती
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इस बार वेबसाइट को मजबूत और सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, छात्रों और साइबर विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक वेबसाइट की जिम्मेदारी किसी सरकारी एजेंसी जैसे एनआईसी को नहीं सौंपी जाती, तब तक हैकिंग की घटनाएं जारी रहेंगी।