रानू साहू के कारनामों से 7000 पेज भर गए, DMF घोटाले में बड़ा माल बनाया

Chhattisgarh DMF scam : छत्तीसगढ़ के चर्चित  DMF घोटाला केस में ED की ओर से 7000 से ज्यादा पेज का चालान पेश कर दिया गया है। इस केस में निलंबित IAS रानू साहू को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था।

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Marut raj
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Chhattisgarh DMF scam : छत्तीसगढ़ के चर्चित  DMF घोटाला केस में ED की ओर से 7000 से ज्यादा पेज का चालान पेश कर दिया गया है। इस केस में निलंबित IAS रानू साहू को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद राज्य प्रशासनिक अधिकारी माया वारियर और NGO के सेक्रेटरी मनोज कुमार द्विवेदी को हिरासत में लिया गया है। ईडी के चालान में 16 आरोपियों के नाम शामिल हैं। इसमें कुछ कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है।

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जानिए क्या है DMF घोटाले में रानू साहू कनेक्शन 

जिला खनिज फंड यानी DMF की स्थापना खनन कार्यों से प्रभावित लोगों के लिए की गई है।
खनन कंपनियों से प्राप्त रॉयल्टी का एक प्रतिशत DMF में जमा होता है। इससे खनन प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास के साथ ही स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और आजीविका सहायता प्रदान करना है।

इसी फंड में घोटाला किया गया है। कोरबा कलेक्टर रहते हुए रानू साहू ने इसे अंजाम दिया। डिस्ट्रिक्ट माइनिंग कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितता पाई गई। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया।

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सरकारी अफसरों को 40% कमीशन मिला

ईडी की जांच रिपोर्ट के अनुसार टेंडर की राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में दिया गया है। प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने लिया है। ED ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि IAS अफसर रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया।

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ED के अनुसार टेंडर करने वाले संजय शिंदे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, ऋषभ सोनी और बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर नाम के लोगों के साथ मिलकर किसी चीज की असल कीमत से ज्यादा का बिल भुगतान कर दिया। इसके बाद आपस में मिलकर साजिश करते हुए पैसे कमाए गए।

 

FAQ

DMF फंड का उद्देश्य क्या है ?
DMF (जिला खनिज फंड) की स्थापना खनन कार्यों से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की सहायता के लिए की गई है। इसका उद्देश्य खनन कंपनियों से प्राप्त रॉयल्टी का एक हिस्सा उन क्षेत्रों में खर्च करना है, जहां खनन की वजह से प्रभाव पड़ा है। इसके तहत बुनियादी ढांचे का विकास, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, और आजीविका सहायता प्रदान की जाती है।
DMF घोटाले में IAS रानू साहू की क्या भूमिका थी ?
IAS रानू साहू, कोरबा कलेक्टर रहते हुए, DMF फंड के तहत टेंडर आवंटन में आर्थिक अनियमितताओं में शामिल थीं। ईडी की जांच में यह पाया गया कि टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया और टेंडर राशि का 40% कमीशन के रूप में अधिकारियों को दिया गया। रानू साहू और अन्य अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग कर फंड का दुरुपयोग किया।
ED की जांच में किन लोगों को आरोपी बनाया गया है ?
ईडी की जांच में 16 आरोपियों के नाम शामिल हैं। इनमें IAS रानू साहू, राज्य प्रशासनिक अधिकारी माया वारियर, एनजीओ के सेक्रेटरी मनोज कुमार द्विवेदी और अन्य टेंडर करने वाले संजय शिंदे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, ऋषभ सोनी, और बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर शामिल हैं। जांच में यह भी पाया गया कि प्राइवेट कंपनियों और अधिकारियों के बीच सांठगांठ से बिल की वास्तविक कीमत से अधिक भुगतान किया गया।

 

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