शराब घोटाले में अब नए चेहरे, ED के छापे में हुआ बड़ा खुलासा

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ताबड़तोड़ छापेमारी से ईडी बड़े खुलासे कर रही है। छापेमार की इस कार्रवाई में ईडी अनवर ढेबर के रिश्तेदारों के घरों पर भी रेड मारा है।

Advertisment
author-image
Kanak Durga Jha
New Update
ED raid: action on properties related to liquor scam the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ताबड़तोड़ छापेमारी से ईडी बड़े खुलासे कर रही है। छापेमार की इस कार्रवाई में ईडी अनवर ढेबर के रिश्तेदारों के घरों पर भी रेड मारा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गरियाबंद जिले के मैनपुर और रायपुर में ताबड़तोड़ छापेमारी की है।

इस दौरान ईडी ने कारोबारी इकबाल मेमन के घर पर छापा मारा, जो शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर के रिश्तेदार (मौसा) माने जाते हैं। इसके अलावा, रायपुर के मौदहापारा में स्थित चावल कारोबारी रफीक मेमन के घर पर भी ईडी ने दबिश दी है। इन छापों के दौरान ईडी की टीम ने संपत्तियों से जुड़े दस्तावेजों की तलाशी ली और जांच के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।

SBI के 4 ब्रांच ऑफिसर गिरफ्तार, सभी ने मिलकर कर दिया बड़ा कांड

गरियाबंद और रायपुर में छापेमारी

ईडी की टीम ने आज यानी बुधवार सुबह करीब 6 बजे मैनपुर में इकबाल मेमन के घर पहुंची। इस दौरान 10 से ज्यादा गाड़ियों में अधिकारी पहुंचे थे। टीम ने घर में चल रही संपत्तियों से संबंधित दस्तावेजों की जांच की और उनकी वैधता पर सवाल उठाए। इकबाल मेमन का नाम पहले इस घोटाले में सामने आया था जब यह आरोप लगाए गए थे कि उसने शराब सिंडिकेट के पैसों से अवैध संपत्ति खरीदी है।

मैनपुर में इकबाल के बेटे गुलाम मेमन द्वारा बनाए जा रहे एक राइस मिल को लेकर भी कुछ समय पहले गांववालों ने विरोध जताया था और आरोप लगाया था कि इस मिल में शराब घोटाले के पैसे का निवेश किया गया है।

ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर ईडी में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप था कि गुलाम मेमन ने पिछले डेढ़ साल में मैनपुर में 2 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति खरीदी है। इस शिकायत के आधार पर ईडी ने कार्रवाई की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि यह संपत्ति शराब सिंडिकेट के पैसों से खरीदी गई है। इसके बाद ईडी की जांच में आरोपों की पुष्टि हुई और टीम ने छापेमारी की।

RSS हर घर से मांग रही एक थाली, 1 लाख की है जरुरत

शराब सिंडिकेट के 2100 करोड़ रुपये का घोटाला

ईडी के अनुसार, शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को 2100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा के अलावा, शराब सिंडिकेट से जुड़े कारोबारी अरविंद सिंह और त्रिलोक सिंह ढिल्लो को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। यह सभी आरोपी जेल में हैं और उनकी संपत्तियों को भी जब्त किया गया है। ईडी ने अब तक 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को जब्त किया है, जिनकी कुल कीमत लगभग 205 करोड़ 49 लाख रुपये है।

ईडी की कार्रवाई

ईडी की कार्रवाई अब तेजी से आगे बढ़ रही है। इन छापों के बाद यह साफ हो गया है कि शराब घोटाला सिर्फ राज्य के खजाने के लिए नहीं बल्कि स्थानीय कारोबारियों और नेताओं के लिए भी बड़ा संकट बन सकता है। आगे की जांच में कई और नाम सामने आ सकते हैं।

कांग्रेस MLA ने कलेक्ट्रेट में तोड़-फोड़ करने को उकसाया...Video वायरल

FAQ

छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के मुख्य आरोपी कौन हैं, और इस घोटाले में क्या गड़बड़ी की गई थी?
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर और आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा हैं। उन्होंने 2019 से 2022 के बीच शराब सिंडिकेट के जरिए सरकारी दुकानों में अवैध और कच्ची शराब बेची। नकली होलोग्राम के इस्तेमाल से यह बिक्री की गई, जिससे राज्य के खजाने को 2100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
ईडी ने शराब घोटाले में कौन-कौन से लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है और अब तक क्या कदम उठाए गए हैं?
ईडी ने घोटाले में अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, और त्रिलोक सिंह ढिल्लो जैसे प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को जब्त किया गया है, जिनकी कुल कीमत लगभग 205 करोड़ 49 लाख रुपये है। इसके अलावा, मैनपुर और रायपुर में कई छापेमारी की गई और संपत्तियों से जुड़े दस्तावेजों की जांच की गई।

 

आईएएस सुबोध सिंह की छत्तीसगढ़ होगी वापसी, प्रमुख सचिव बनाए जाएंगे

 

छापेमारी Enforcement Directorate raipur news in hindi ED cg news update छत्तीसगढ़ न्यूज CG ED raids शराब घोटाला cg news in hindi रायपुर न्यूज IAS छत्तीसगढ़ न्यूज इन हिंदी अनवर ढेबर Raipur News CG News cg news today raid Chhattisgarh News