छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना में मुआवजा घोटाला मामले को लेकर EOW ने एक और बिल्डर के कार्यालय पर छापा मारा है। रायपुर के तेलीबांधा स्थित दशमेश बिल्डर्स के कार्यालय में EOW दस्तावेजों को खंगाल रही है। 220 करोड़ के इस घोटाले में दशमेश इन्स्टावेंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कई साझेदारों में भावना कुर्रे और हरमीत सिंह खनूजा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका हैं।
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दशमेश बिल्डर्स का कार्यालय सील
भारतमाला परियोजना में मुआवजा घोटाला मामले की आरोपी भावना कुर्रे अभनपुर के तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुर्रे की पत्नी हैं। EOW ने गत 25 अप्रैल को छापेमारी के बाद दशमेश बिल्डर्स के कार्यालय को सील कर दिया था। अब EOW उसी दस्तावेज को खंगाल रही है।
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रायपुर के 20 ठिकानों पर की थी छापेमारी
ACB और EOW ने गत 25 अप्रैल को प्रदेश के दुर्ग और राजधानी रायपुर के लगभग 20 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान रायपुर के दशमेश इन्स्टावेंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कार्यालय भी खंगाले गए थे। मगर, उस समय कार्यालय बंद होने के कारण ACB और EOW ने कार्यालय को सील कर दिया था. अब टीम फिर यहां पहुंची है। फिलहाल जांच कर कागजात खंगाल रही है।
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अधिकारियों और भू-माफिया की मिलीभगत
भारतमाला परियोजना के तहत सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण में अनियमितताएं हुई और धोखाधड़ी की गई। यह परियोजना रायपुर से विशाखापट्टनम तक 950 किमी लंबी फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्स-लेन सड़क के निर्माण से जुड़ी है। सरकारी अधिकारियों, भू-माफिया और प्रभावशाली व्यक्तियों ने मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मुआवजा राशि हासिल की। एक ही भूमि के लिए कई लोगों के नाम पर मुआवजा निकाला गया, और कुछ मामलों में सरकारी या मठ की जमीन को फर्जी वारिसों के नाम पर दिखाकर राशि हड़पी गई।
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