फर्जी पुलिस वाले नीली बत्ती लगी स्कॉर्पियो में पहुंचे, जमकर की वसूली
Fake police In Raipur : सावधान.... रायपुर में चोर भी खाकी वर्दी पहनकर घूम रहे हैं। यहां नकली पुलिस जबरन गाड़ियों को रोककर जेल भेजने का डर दिखाकर वसूली कर रहे हैं।
Fake police In Raipur : सावधान.... रायपुर में चोर भी खाकी वर्दी पहनकर घूम रहे हैं। यहां नकली पुलिस जबरन गाड़ियों को रोककर जेल भेजने का डर दिखाकर वसूली कर रहे हैं। ऐसा एक मामला रायपुर से लगे आरंग से सामने आया है। आरोपी पुलिस की खाकी वर्दी पहनकर लाल बत्ती वाली स्कॉर्पियो में पहुंचे थे। उन्होंने रेत से भारी हाईवा को रुकवाया, फिर हाईवा ड्राइवर से कागजात मांगे। इसके बाद उसे जेल भेजने का डर दिखाकर पैसे वसूल कर लिए। मामला आरंग थाना क्षेत्र का है।
आरंग पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, रमेश साहू निवासी बेमेतरा ने थाने में शिकायत दी। जिसमें बताया कि, 29 दिसंबर को वो हाईवा में रेत भरकर अपने साथी रवि शंकर रजक के साथ मोहकम घाट से निकला था। रात 2 बजे एक ढाबा के पास पहुंचे थे तभी एक स्कार्पियो ने उन्हें रुकवाया। स्कॉर्पियो में पुलिस लिखा हुआ था और लाल बत्ती लगी थी।
रमेश साहू ने हाईवा को रोका। स्कॉर्पियो से तीन व्यक्ति बाहर निकले। उन्होंने खुद को पुलिस वाला बताते हुए रॉयल्टी के कागज मांगे। कागज दिखाने के बावजूद उन्होंने ड्राइवर से 1000 रुपए मांग लिए। पैसे नहीं देने पर उन्होंने धमकी देते हुए जेल भेजने की बात कही। आरोपियों ने अपना नाम भागवत वैष्णव, प्रवीण चंद्राकर और निखिल कुमार बताया। फिलहाल इस मामले की आरंग पुलिस को शिकायत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज कर लिया है। हालांकि सभी आरोपी फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
रायपुर में नकली पुलिस द्वारा वसूली करने का मामला किस प्रकार सामने आया?
रायपुर के नजदीकी आरंग में नकली पुलिसकर्मियों द्वारा वसूली का मामला सामने आया है। आरोपियों ने खाकी वर्दी पहनी थी और लाल बत्ती वाली स्कॉर्पियो में यात्रा कर रहे थे। उन्होंने एक हाईवा चालक को रुकवाया और कागजात चेक करने के बाद उसे जेल भेजने की धमकी दी, साथ ही 1000 रुपये की वसूली की। जब ड्राइवर ने पैसे देने से मना किया, तो आरोपियों ने उसे जेल भेजने का डर दिखाया और पैसे ले लिए। इस घटना की शिकायत आरंग पुलिस को दी गई है और एफआईआर दर्ज किया गया है।
इस नकली पुलिस वसूली मामले में कौन से आरोपी शामिल हैं और उनकी गिरफ्तारी की स्थिति क्या है?
इस मामले में आरोपियों के नाम भागवत वैष्णव, प्रवीण चंद्राकर और निखिल कुमार बताए गए हैं। ये तीनों नकली पुलिसकर्मी बनकर वसूली कर रहे थे। फिलहाल, आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, लेकिन इस मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है और पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
अगर किसी को इस तरह के नकली पुलिस वसूली का सामना हो, तो उसे क्या करना चाहिए?
अगर कोई व्यक्ति नकली पुलिसकर्मियों द्वारा वसूली या धमकी का शिकार बनता है, तो उसे तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत करनी चाहिए। इसके अलावा, पुलिसकर्मियों को पहचानने के लिए उनके पहचान पत्र की मांग करें, और अगर वे सचमुच पुलिसकर्मी हैं, तो उनसे कानूनी कार्रवाई की जानकारी भी लें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट पुलिस को तुरंत करना चाहिए ताकि आरोपी पकड़ें जा सकें और इस प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके।