छत्तीसगढ़ में खाद की कमी से मुश्किल में किसान, कर्ज के बोझ तले दबा अन्नदाता

छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन के लिए किसानों ने लगभग 1200 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर धान और अन्य फसलें लगाई हैं। हालांकि, राज्य में यूरिया और डीएपी खाद की कमी से किसान मुश्किल में हैं। किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से बहुत कम खाद मिल रही है।

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Krishna Kumar Sikander
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Farmers in trouble due to shortage of fertilizers in Chhattisgarh the sootr
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छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन के लिए किसानों ने करीब 1200 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर धान और अन्य फसलों की बुआई की, लेकिन यूरिया और डीएपी खाद की कमी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बारिश के इस महत्वपूर्ण समय में खाद की अनुपलब्धता से फसल उत्पादन पर असर पड़ने का खतरा मंडरा रहा है। किसानों को जरूरत का आधा या उससे भी कम खाद मिल पा रहा है, जिससे उनकी मेहनत और लागत पर संकट छा गया है।

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सहकारी समितियों में खाद का टोटा, निजी दुकानों में लूट

खरीफ सीजन की शुरुआत से ही जिले की अधिकतर सहकारी समितियों में यूरिया और डीएपी का पर्याप्त भंडारण नहीं किया जा सका। इसी का फायदा निजी दुकानदारों ने उठाया। किसानों को 266.50 रुपये वाला यूरिया 1000 रुपये में और 1350 रुपये प्रति बैग वाली डीएपी 2000 रुपये तक में खरीदनी पड़ रही है। इस कालाबाजारी ने किसानों की परेशानी को और बढ़ा दिया है।

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फसलों पर मंडराया खतरा

किसानों का कहना है कि बुआई के बाद फसलों को बढ़ने के लिए पोषक तत्वों की जरूरत होती है। समय पर खाद न मिलने से पौधों का विकास रुक सकता है। इतना ही नहीं फसल की पैदावार भी कम हो सकती है। इस सीजन में किसान धान के अलावा दलहन और तिलहन की फसलें खेतों में लगा रखी है। मानसून में मौसम अनुकूल होने के बावजूद खाद की कमी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।

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कृषि विभाग का दावा, जल्द सुधरेगी स्थिति

जिला कृषि विभाग के उप निदेशक टीकम सिंह ठाकुर ने बताया कि खाद की आपूर्ति के लिए उच्च अधिकारियों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। निजी दुकानों पर कालाबाजारी रोकने के लिए टीमें सक्रिय हैं और जल्द ही स्थिति सामान्य करने का प्रयास किया जा रहा है। 

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किसानों की आस, समय पर हो समाधान

कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि अगले एक सप्ताह में खाद की आपूर्ति सामान्य नहीं हुई, तो जिले की फसलों की पैदावार पर गंभीर असर पड़ सकता है। कर्ज के बोझ तले दबे किसान सरकार और प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की उम्मीद लगाए बैठे हैं, ताकि उनकी मेहनत और फसलें बच सकें।

FAQ

छत्तीसगढ़ में किसानों को खाद की कमी से क्या समस्याएं हो रही हैं?
छत्तीसगढ़ में खाद की कमी के कारण किसानों को समय पर यूरिया और डीएपी नहीं मिल पा रही है, जिससे फसलों की वृद्धि रुकने और उत्पादन घटने का खतरा है। इससे किसानों की मेहनत और लागत पर संकट गहरा गया है।
खाद की कालाबाजारी से किसानों को कितनी कीमत चुकानी पड़ रही है?
सहकारी समितियों में खाद की कमी का फायदा उठाकर निजी दुकानदार यूरिया की कीमत ₹266.50 से बढ़ाकर ₹1000 तक और डीएपी की कीमत ₹1350 से बढ़ाकर ₹2000 प्रति बैग तक वसूल रहे हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
खाद संकट से निपटने के लिए कृषि विभाग क्या प्रयास कर रहा है?
कृषि विभाग के अनुसार, खाद की आपूर्ति सामान्य करने के लिए उच्च अधिकारियों से लगातार संपर्क किया जा रहा है और कालाबाजारी रोकने के लिए टीमें सक्रिय हैं। विभाग का दावा है कि जल्द स्थिति में सुधार किया जाएगा।

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