छत्तीसगढ़ के जल संसाधन एवं वन मंत्री केदार कश्यप के गृह क्षेत्र भानपुरी इलाके में वन विभाग द्वारा प्रस्तावित चिड़ियाघर (अभ्यारण) का क्षेत्र के ग्रामीणों ने विरोध किया है। ग्रामीणों का कहना है कि 1980 में सालेमेटा में बने कोसारटेडा बांध के चलते उन्हें उनके जमीन से बेदखल कर दूसरी जगह विस्थापित किया गया था। अब चिड़िया घर बनाने के नाम पर उस जमीन से भी बेदखल करने की साजिश की जा रही है।
खेती बाड़ी की जमीन छीनने का डर
ग्रामीणों को संदेह है कि चिड़ियाघर के बनाए जाने से उनकी खेती बाड़ी की जमीन छीन ली जाएगी, जिसे खुद सरकार ने विस्थापन के दौरान दिया था। खुद सरकार ने उन्हें वन अधिकार पट्टा भी दिया है, ऐसे में सभी ग्रामीणों ने तुरंत सर्वे का कार्य रुकवा कर अभ्यारण के लिए दूसरी जगह देखे जाने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने इस बावत बस्तर कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपा है।
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खेती ही आय का मुख्य स्रोत
किसानों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे नारायणपुर के पूर्व विधायक चंदन कश्यप का कहना है कि भानपुरी वन परिक्षेत्र के सालेमेटा खड़गा, छुरावण्ड, जामगांव और कमेला पंचायत के निवासियों की कृषि भूमि कोसारटेडा बांध के डुबान क्षेत्र में आने से क़रीब 940 परिवारों को विस्थापन किया गया है। इन ग्रामीणों को वन अधिकार पट्टा मिलने के बाद वहां खेती की जा रही है। खेती ही उनकी आय का मुख्य स्रोत है।
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चिड़ियाघर बनाने के लिए किया जा रहा सर्वे
चंदन कश्यप ने कहा कि पर्यटनस्थल के रूप में चिड़ियाघर बनाने के लिए करीब 350 हैक्टेयर में सर्वे का काम किया जा रहा है। जहां सर्वे किया जा रहा है उसी जमीन पर ग्रामीण किसान पिछले 45 सालों से खेती किसानी कर रहे हैं। अब इस जमीन से भी ग्रामीणों को बेदखल किया जाएगाा। उन्हें जमीन के बदले रोजगार देने का प्रलोभन दिया जा रहा है। ऐसे में उन्होंने इन किसानों के साथ जगदलपुर मुख्यालय पहुँच राज्यपाल के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौपा है और तत्काल इस प्रोजेक्ट को निरस्त करने की मांग की है।
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राज्यपाल के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन
राज्यपाल के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने पहुँचे ग्रामीणों से अपर कलेक्टर सीपी बघेल ने बात की। बघेल ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। वन विभाग से किस क्षेत्र में चिड़ियाघर बनाया जाना है, इसकी पूरी जानकारी ली जा रही है। फिलहाल राज्यपाल के नाम सौपे गए ज्ञापन को ले लिया गया है।
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बस्तर को पर्यटनस्थल के रूप में विकसित करने की योजना
बस्तर को पर्यटनस्थल के रूप में विकसित करने के लिए अलग-अलग इलाकों में सरकारी रिसॉर्ट बनाने के साथ होमस्टे भी बनाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में भानपुरी के कोसारटेडा बांध में पहले से ही रिसॉर्ट और पार्क बनाने का काम चल रहा है। इस इलाके से लगे वन क्षेत्र में चिड़ियाघर बनाने की भी योजना सरकार बना रही है। इसके लिए सर्वे का काम कर रही है।
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