बीज निगम की लापरवाही से किसानों को झटका, अमानक बीज बांटने के बाद अब सूची बनाने की कवायद

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के देवभोग में बीज निगम की लापरवाही ने किसानों को मुश्किल में डाल दिया है। समय पर बीज उपलब्ध कराने में नाकामी के बाद सहकारी समितियों ने किसानों को अमानक बीज थमा दिया।

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Krishna Kumar Sikander
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Shock to farmers due to negligence of Seed Corporation the sootr
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छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के देवभोग में बीज निगम की लापरवाही ने किसानों को मुश्किल में डाल दिया है। समय पर बीज उपलब्ध कराने में नाकामी के बाद सहकारी समितियों ने किसानों को अमानक बीज थमा दिया। अब इस गड़बड़ी के सामने आने पर समितियां उन किसानों की सूची तैयार कर रही हैं, जिन्हें अमानक बीज बांटा गया।

देवभोग तहसील में सहकारी समितियों के माध्यम से पंजीकृत किसानों को इस बार मांग के अनुसार बीज की आपूर्ति नहीं हो सकी। इसके अलावा, तीन समितियों द्वारा 200 क्विंटल से अधिक अमानक बीज वितरित किया गया। नियमों के अनुसार, बीज निगम को भंडारण के बाद बीज निरीक्षक द्वारा प्रत्येक समिति में बीज की जांच करना अनिवार्य है, लेकिन देवभोग क्षेत्र में इस प्रक्रिया को नजरअंदाज किया गया।

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जांच में खुलासा, 200 क्विंटल बीज अमानक

30 जून को क्षेत्र की समितियों से बीज के नमूने लिए गए थे। इसमें रोहानागुडा समिति के स्वर्णा (एमटीयू 7029) और एमटीयू 1156, गोहरा पदर समिति के स्वर्णा (एमटीयू 7029) और मैनेपुर ब्लॉक के विक्रम टीसीआर बीज के सैंपल फेल हो गए। जांच के समय समितियों में 162 क्विंटल बीज मौजूद था, लेकिन तब तक 50 से अधिक किसानों को अमानक बीज बांटा जा चुका था।

2 जुलाई को आई जांच रिपोर्ट के बाद अमानक बीज की बिक्री पर रोक लगाई गई और प्रभावित किसानों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए। हालांकि, अभी तक अंकुरण को लेकर किसानों से कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन बीज निगम और समितियों की लापरवाही उजागर हो गई है।

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कितने का बीज गोदामों में है पड़ा? 

तहसील की 8 सहकारी समितियों में 2742.30 क्विंटल बीज भंडारित किया गया था, जिसमें से केवल 1789 क्विंटल का ही वितरण हो सका। अब भी 961 क्विंटल बीज गोदामों में पड़ा है। बोनी का समय 15 जून तक था, लेकिन अब बीज की मांग लगभग खत्म हो चुकी है। पहली बार ऐसा हुआ है कि तहसील में बीज का उठाव इतना कम रहा।

जिला सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक अमर सिंह ध्रुव ने बताया कि समय से पहले बीज की मांग और मात्रा की जानकारी भेजी गई थी, लेकिन 40% भंडारण समय पर नहीं हो सका। अब समितियां बचे बीज की वापसी के लिए पत्राचार कर रही हैं, क्योंकि गोदामों में जगह की कमी के कारण भारी परेशानी हो रही है।

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किसानों की पसंद को किया नजरअंदाज

रिकॉर्ड्स के अनुसार, मई में मांग के अनुरूप केवल एक-तिहाई बीज की आपूर्ति हो सकी। किसानों की पसंदीदा किस्में जैसे एमटीयू 1001 और 1010 की मांग थी, लेकिन बीज निगम ने अपनी पसंद के बीज भेजे। प्री-मानसून के कारण इस बार बोनी 15 दिन पहले शुरू हो गई थी और जून के पहले सप्ताह तक पूरी हो चुकी थी। इसके बावजूद 25 जून के बाद भी बीज का भंडारण किया गया, जब रोपा-व्यासी शुरू हो चुका था।

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अधिकारी बोले- हैंडलिंग में गड़बड़ी

उपसंचालक कृषि चंदन रॉय ने बताया कि समितियों की मांग बीज निगम को भेजी जाती है, लेकिन आपूर्ति ऊपरी स्तर पर निर्भर करती है। अमानक बीज की बिक्री पर रोक लगा दी गई है और प्रभावित किसानों की सूची मांगी गई है।

उन्होंने कहा कि हैंडलिंग के दौरान गड़बड़ी से Erlang से बीज अमानक आ सकता है, लेकिन उपज पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है और अंकुरण सामान्य रहा है।इस मामले ने बीज निगम और सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

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