पिता दलित, मां गैर-दलित, बच्चों के सर्टिफिकेट पर SC का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने दलित पिता और गैर-दलित मां के बच्चों को अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र के मामले में बड़ा फैसला दिया है। मामला तलाक का होने के कारण यह महत्वपूर्ण हो जाता है…

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Marut raj
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सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 (Article 142) के तहत दलित पुरुष और गैर-दलित महिला की शादी और फिर इनके तलाक के केस में एक ऐतिहासिक फैसला दिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि विवाह के जरिए जाति नहीं बदली जा सकती। हालांकि, दलित पिता के बच्चों को अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करने का अधिकार रहेगा।

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बच्चों को अनुसूचित जाति का लाभ

मामले में 11 वर्षीय बेटे और 6 साल की बेटी को अनुसूचित जाति (SC) का प्रमाणपत्र मिलेगा। कोर्ट ने कहा कि यह प्रमाणपत्र बच्चों को सरकारी शिक्षा और रोजगार योजनाओं में लाभ सुनिश्चित करेगा।

बच्चों का पालन-पोषण पिछले छह वर्षों से रायपुर में उनकी गैर-दलित मां के साथ हो रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने पिता को आदेश दिया कि वे छह महीनों के भीतर बच्चों के लिए SC प्रमाणपत्र प्राप्त करें। साथ ही, उनकी शिक्षा (पोस्ट-ग्रेजुएशन तक) और अन्य खर्चों की जिम्मेदारी उठाने का निर्देश दिया गया।

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तलाक और संपत्ति का बंटवारा


पति ने पत्नी और बच्चों के लिए 42 लाख रुपए का एकमुश्त भुगतान किया। इसके अलावा रायपुर में स्थित अपनी जमीन पत्नी को सौंपने का भी आदेश दिया गया। कोर्ट ने पति को बच्चों की शिक्षा और अन्य आवश्यक खर्च उठाने का निर्देश देते हुए दोनों पक्षों के बीच दायर क्रॉस-एफआईआर को भी खारिज कर दिया।

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बच्चों और पिता के रिश्तों में सुधार

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि बच्चों और उनके पिता के बीच संबंध सुधारने में मां सहयोग करे। छुट्टियों के दौरान बच्चों को पिता से मिलने की अनुमति दी जाए।

 

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सुप्रीम कोर्ट का दृष्टिकोण

यह फैसला न केवल वैवाहिक विवाद को हल करता है, बल्कि बच्चों के अधिकार और उनके भविष्य को सुरक्षित रखने की एक महत्वपूर्ण मिसाल है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जन्म के आधार पर जाति तय होती है और विवाह जाति को प्रभावित नहीं कर सकता।

 

FAQ

क्या गैर दलित मां के बच्चों को अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र मिलेगा ?
हां, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि दलित पिता के बच्चों को अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
तलाक के बाद बच्चों की शिक्षा का खर्च कौन उठाएगा ?
पिता को बच्चों की शिक्षा और अन्य खर्चों की पूरी जिम्मेदारी उठाने का निर्देश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मां को क्या निर्देश दिए ?
कोर्ट ने मां से कहा कि वह बच्चों और उनके पिता के बीच संबंध सुधारने में सहयोग करे।
क्या बच्चों को सरकारी लाभ मिलेगा ?
हां, अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र मिलने के बाद बच्चों को शिक्षा और रोजगार में आरक्षण का लाभ मिलेगा।
क्या इस फैसले से अन्य मामलों में भी मदद मिलेगी ?
यह फैसला अन्य मामलों में मिसाल के तौर पर उपयोग हो सकता है, खासकर बच्चों के अधिकारों और तलाक से जुड़े विवादों में।

 

 

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