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छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र 2025 के चौथे दिन खाद और बीज की कमी का मुद्दा सदन में छाया रहा। विपक्षी दल कांग्रेस ने खाद संकट को लेकर कृषि मंत्री रामविचार नेताम पर तीखा हमला बोला। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने 'खाद की कालाबाजारी बंद करो' और 'कृषि मंत्री इस्तीफा दो' के नारे लगाए, जिसके बाद हंगामा इतना बढ़ा कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को प्रश्नकाल और फिर पूरे दिन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। हंगामे के बीच 23 कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया गया, हालांकि बाद में निलंबन वापस ले लिया गया।
खाद संकट पर विपक्ष का हंगामा
सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खाद और बीज की कमी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने प्रश्नकाल में सवाल किया कि जून तक खाद का केवल आधा भंडारण हुआ है, जबकि खरीफ सीजन में किसानों को डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) और अन्य उर्वरकों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से पूछा कि आपूर्ति का क्या प्लान है और कालाबाजारी को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
विपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य के 40.10 लाख किसान परिवारों, जिनमें से 80% लघु और सीमांत किसान हैं, को सहकारी समितियों में खाद की कमी के कारण निजी दुकानों से 1300 रुपये की डीएपी 2100 रुपये तक में खरीदनी पड़ रही है। भूपेश बघेल ने दावा किया कि सरकार ने जानबूझकर डीएपी का लक्ष्य 3.10 लाख मीट्रिक टन से घटाकर 1.03 लाख मीट्रिक टन कर दिया, जिससे धान की पैदावार कम करने की साजिश रची जा रही है।
कृषि मंत्री का जवाब और विपक्ष की नाराजगी
कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि 1.72 लाख मीट्रिक टन डीएपी पहले ही उपलब्ध कराया गया है और अगले पांच दिनों में 18,850 मीट्रिक टन और खाद की आपूर्ति होगी। इसके अलावा, वैकल्पिक उर्वरकों जैसे एनपीके, एसएसपी, और नैनो डीएपी का पर्याप्त भंडारण किया गया है। नेताम ने यह भी कहा कि वैश्विक कारणों से फॉस्फेटिक खाद की आपूर्ति प्रभावित हुई, लेकिन सरकार ने पहले से ही वैकल्पिक व्यवस्था शुरू कर दी थी और किसानों को नैनो उर्वरकों के उपयोग के लिए जागरूक किया जा रहा है।
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी विधायकों ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने इसे अग्राह्य करार दे दिया। इससे नाराज कांग्रेस विधायकों ने गर्भगृह में पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी। 'खाद की कालाबाजारी बंद करो' और 'कृषि मंत्री इस्तीफा दो' के नारों से सदन गूंज उठा। हंगामा बढ़ता देख, स्पीकर ने पहले प्रश्नकाल और फिर पूरे दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
23 विधायकों का निलंबन और वापसी
हंगामे के दौरान विपक्षी विधायकों के गर्भगृह में पहुंचने और लगातार नारेबाजी करने पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल को बाधित करना छत्तीसगढ़ विधानसभा के 25 साल के इतिहास में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इसके बाद, उन्होंने 23 कांग्रेस विधायकों को पूरे दिन के लिए निलंबित करने की घोषणा की। निलंबित विधायकों में भूपेश बघेल, चरणदास महंत, उमेश पटेल, दलेश्वर साहू, और संगीता सिन्हा शामिल थे।
हालांकि, कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर स्पीकर ने निलंबन वापस ले लिया। इसके बावजूद, कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया और विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए। उन्होंने सरकार को 'किसान-विरोधी' करार देते हुए प्रदर्शन किया।
संसदीय कार्यमंत्री का पलटवार
संसदीय कार्यमंत्री केदार कश्यप ने विपक्ष के व्यवहार को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने संसदीय परंपराओं का अपमान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विपक्षी विधायकों को उकसाने में मुख्य भूमिका निभा रहे थे। कश्यप ने कहा, "कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि इस हंगामे के पीछे कौन था? यह छत्तीसगढ़ की संसदीय परंपरा के लिए शर्मनाक है।"
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विपक्ष की रणनीति और सरकार का जवाब
कांग्रेस ने इस सत्र में सरकार को घेरने की पूरी रणनीति बनाई थी। गत रविवार को राजीव भवन में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने खाद संकट, बिजली दरों में वृद्धि, शराब घोटाला, और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को उठाने का फैसला किया था। भूपेश बघेल ने सदन में कहा कि सरकार किसानों को राहत देने में पूरी तरह विफल रही है और कालाबाजारी के कारण किसान दोगुने दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देने को तैयार है। उन्होंने डीएपी की कमी को स्वीकार करते हुए कहा कि यह समस्या पूरे देश में है और कृषि विभाग वैकल्पिक खाद को बढ़ावा दे रहा है।
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सदन में अन्य मुद्दे
खाद संकट के अलावा, विपक्ष ने राजस्व निरीक्षक (RI) भर्ती घोटाले, अवैध रेत खनन, और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाओं को बंद करने जैसे मुद्दों पर भी सरकार को घेरा। भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि सरकार भ्रष्टाचारियों को बचा रही है और EOW की जांच पर सवाल उठाए।
सदन का माहौल और भविष्य
इस सत्र में 996 सवाल दाखिल किए गए हैं, जिनमें सत्ताधारी और विपक्षी विधायकों के सवाल शामिल हैं। खाद संकट, बिजली दरों में वृद्धि, और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सत्र के बाकी दिन भी हंगामे की संभावना है। कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सड़क से लेकर सदन तक सरकार को जवाबदेह बनाने की रणनीति पर काम करेगी।
तीखी सियासी जंग का गवाह बना सदन
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र 2025 खाद संकट को लेकर तीखी सियासी जंग का गवाह बना। विपक्ष के हंगामे, नारेबाजी, और वॉकआउट ने साफ कर दिया कि यह सत्र तूफानी रहेगा। सरकार ने खाद की कमी से इनकार किया, लेकिन विपक्ष का दावा है कि किसान संकट में हैं और सरकार की नीतियां किसान-विरोधी हैं। इस सत्र में आगे भी किसानों की समस्याओं और प्रशासनिक नीतियों पर तीखी बहस की उम्मीद है।
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