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एनआईटी चौपाटी विवाद एक बार फिर से गरमा गई है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी चौपाटी का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। अब साइंस कालेज मैदान के पास बनाई गई चौपाटी को आमानाका ओवरब्रिज के नीचे शिफ्ट किया जा रहा है। रायपुर स्मार्ट सिटी ने चौपाटी का ठेका लेने वाली एजेंसी को आज यानी (3 दिसंबर) रात तक साइंस कालेज मैदान के पास से हटाने के आदेश दिया है। आदेश मिलने के बाद कुछ वेंडरों को ओवरब्रिज के नीचे शिफ्ट किया गया था। वहीं बची दुकानों की शिफ्टिंग की तैयारी चर रही है।
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पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने किया था आंदोलन
बता दें कि एनआईटी चौपाटी को लेकर कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बीजेपी के पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने अनिश्चित कालीन हड़ताल किया था। इसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा था। मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने बीच का रास्ता निकालने का आदेश दिया था। इसके बाद तत्कालीन रायपुर पश्चिम के विधायक विकास उपाध्याय ने साइंस कालेज मैदान के पास चौपाटी निर्माण करने का आदेश दिया था।
राजेश मूणत ने क्यों किया था विरोध
जब छत्तीसगढ़ में रमन सरकार का शासन था तो उस समय के मंत्री राजेश मूणत ने इस जगह का निर्माण ओपन एजुकेशन हब बनवाने के लिए किया था। बता दें कि यह इलाका पढ़ाई-लिखाई माहौल वाला है। चौपाटी वाले इलाके के एक तरफ एनआईटी, साइंस कॉलेज, नालंदा परिसर(लाइब्रेरी), सेंट्रल लाइब्रेरी और राजकुमार कॉलेज है वहीं दूसरी तरफ पास में ही पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी है। इस वजह से राजेश मूणत इस जगह पर ओपन लाइब्रेरी बनवाना चाहते थे।
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ओपन लाइब्रेरी की कितनी है जरुरत
आमापारा और आमानाका में एजुकेशन की कई संस्थाएं हैं। इनमें प्राइवेट और सरकार संस्थाएं दोनों शामिल हैं। यहां कई लाइब्रेरी भी है। निजी लाइब्रेरी का फीस ज्यादा होने के कारण कई विद्यार्थियों को परेशानी होती थी। वहीं सरकार लाइब्रेरी नालंदा और सेंट्रल लाइब्रेरी में कई विद्यार्थी पहले से ही रजिस्टर हैं। बता दें कि नालंदा और सेंट्रल लाइब्रेरी में इच्छुक अभ्यार्थियों को रजिस्टर करवाने में लगभग सालभर का इंतजार करना पड़ता है। इस वजह से ओपन लाइब्रेरी की व्यवस्था अभ्यार्थियों के पढाई में मदद कर सकती थी।
चौपाटी वालों को क्यों है शिकायत
बीजेपी की सरकार आने के बाद अब निगम दुकानदारों को अपना ठेला आमानाका ओवरब्रिज के नीचे शिफ्ट करने का आदेश दी है लेकिन, ब्रिज के निचे कोई व्यवस्था नहीं की गई है। खाने-पिने की चौपाटी के लिए आमानाका ओवरब्रिज के नीचे न पानी की व्यवस्था है न ही बिजली की। इस वजह से दुकानदारों को परेशानी हो रही है। बता दें कि चौपाटी का ठेका कांग्रेस की सरकार में एजेंसी गुरु हरकिशन होटल एंड रिसार्ट को दिया गया था।
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