कारोबारियों पर दोहरी मार...अब जीएसटी पर भी GST की तैयारी
अब जीएसटी पर भी जीएसटी लगने वाला है। जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए कोल्ड ड्रिंक, सिगरेट एवं तंबाकू जैसे हानिकारक उत्पादों पर कर की दर बढ़ सकती है।
अब कारोबारियों पर अब जीएसटी का बोझ बढ़ने वाला है। अब जीएसटी पर भी जीएसटी लगने वाला है। जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए कोल्ड ड्रिंक, सिगरेट एवं तंबाकू जैसे हानिकारक उत्पादों पर कर की दर बढ़ सकती है। बता दें कि अभी तक इन सामानों ने 28 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना पड़ता था। जल्द ही इनकी कीमतों में उपकर भी जोड़ा जाएगा। इससे इन सामानों पर 35% जीएसटी लग सकती है। इस बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी भी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि उपकर पर जल्द ही आदेश आ सकता है।
कर पर उपकार लगाने के लिए दिल्ली में मंत्रियों की बैठक हुई। इस दौरान अलग-अलग राज्यों के मंत्रियों ने कर पर उपकर को लेकर चर्चा की। सिगरेट और तम्बाकू जैसे हानिकारक पदार्थ पर कर बढ़ाने के साथ-साथ कपड़े पर भी कर बढ़ाने की चर्चा की गई। मंत्रियों ने सुझाव दिया कि सिगरेट एवं तंबाकू जैसे हानिकारक उत्पादों पर कर की दर को मौजूदा 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत तक करनी चाहिए।
दिल्ली में हुई इस बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी भी उपस्थित रहे। इसके साथ ही वित्त सचिव मुकेश बंसल उपस्थित रहे। बता दें कि इस बैठक में मंत्री समूह में असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के सदस्य शामिल हैं। इन राज्यों के मंत्री जीएसटी प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने के लिए अपने-अपने सुझाव देंगे।
जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने और हानिकारक उत्पादों (जैसे सिगरेट, तंबाकू, कोल्ड ड्रिंक) की खपत को हतोत्साहित करने के लिए उपकर लगाया जा रहा है। इसका उद्देश्य न केवल इन वस्तुओं की कीमतें बढ़ाकर उनकी मांग को कम करना है बल्कि अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करना भी है।
सिगरेट और तंबाकू पर जीएसटी दर में कितना इजाफा होने की संभावना है?
वर्तमान में सिगरेट और तंबाकू पर 28% जीएसटी लगता है। प्रस्तावित बदलाव के तहत इस पर उपकर जोड़कर कर की दर बढ़ाकर 35% की जा सकती है। इससे इन उत्पादों की कीमतें और अधिक बढ़ जाएंगी।
जीएसटी में इस बदलाव का निर्णय कौन लेगा?
जीएसटी परिषद, जो देश में अप्रत्यक्ष कराधान प्रणाली को एकरूपता और पारदर्शिता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है, इस पर अंतिम निर्णय लेगी। मंत्रियों का समूह (GoM) अपने सुझाव जीएसटी परिषद को देगा, जिसमें विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं।