LIC की तरह टिकेगी घोटाले की सजा, पीढ़ियों को भी करना होगा भुगतान
Chhattisgarh Govt : अब घोटाले की सजा एलआईसी की तरह टिकेगी। घोटाला करने वाले सरपंच, उप सरपंच और पंच की पीढ़ियों को भी गबन किए हुए पैसों का भुगतान करना होगा।
अब घोटाले की सजा एलआईसी की तरह टिकेगी। घोटाला करने वाले सरपंच, उप सरपंच और पंच की पीढ़ियों को भी गबन किए हुए पैसों का भुगतान करना होगा। ग्राम पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों में हेरा-फेरी और सरकारी धन का गबन करने वाले अब नहीं बक्शे जाएंगे। घोटालेबाजों के मौत के बाद सरकार उनके बच्चों से वसूली की जाएगी।
भिलाई के 45 गांवों के सरपंचों ने लाखों का घोटाला किया है। विकास कार्य के नाम पर सरपंचों ने 46 लाख रुपए गबन कर लिए। बता दें कि इनमें से करीब 26 लाख रुपए की वसूली हो चुकी है। वहीं 20 लाख रुपए अब भी बकाया है। इस घोटाला मामले में कई केस 20- 25 साल पुराने हैं। कई सरपंचों की तो मौत भी हो चुकी है लेकिन, प्रशासन उनके वारिसों से वसूली कर रही है।
दादा-पिता की काली कमाई का बोझ उनके वारिस उठा रहे हैं। सरपंचों द्वारा किए गए घोटाले का भुगतान उनके बच्चे कर रहे हैं। जिला प्रशासन पिता व दादा द्वारा किए गए घोटाले की रकम जमा करने उनके वारिसों को नोटिस भेज रहा है। कई को तो कुर्की वारंट भी जारी हो चुका है। खम्हरिया (पाटन) के सरपंच रहे राधेश्याम कुरें ने आंगनबाड़ी और गली सीमेंटीकरण में 1,16,264 रुपए की धांधली की थी।
1,59,154 रुपए प्रभार में नहीं दिया था। बाद में 52,000 रुपए ही शासन को लौटाए। शेष रकम के लिए उनके बेटे के नाम से कुर्की वारंट जारी किया गया है। धौराभाठा के पूर्व सरपंच डोरीलाल यादव ने 59,847 रुपए और 35 क्विंटल चावल अगले सरपंच को प्रभार में नहीं दिया था। 10 साल पुराने 2014-15 के मामले में जनपद पंचायत ने उनके वारिसों की अचल संपत्ति का विवरण पटवारी से मंगाया है। उससे वसूली की जाएगी।
सरपंचों और पंचों द्वारा किए गए घोटाले की वसूली किस प्रकार हो रही है?
घोटाला करने वाले सरपंचों, उप सरपंचों और पंचों के द्वारा गबन किए गए पैसे उनकी मौत के बाद उनके वारिसों से वसूले जा रहे हैं। प्रशासन उनके बच्चों और परिवारजनों को नोटिस भेज रहा है और अचल संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
घोटालों के मामले में कौन-कौन से गांव शामिल हैं?
भिलाई के 45 गांवों के सरपंचों ने विकास कार्यों के नाम पर 46 लाख रुपए का गबन किया। इनमें से 26 लाख रुपए की वसूली हो चुकी है, जबकि 20 लाख रुपए अब भी बकाया हैं। इनमें खम्हरिया (पाटन) और धौराभाठा जैसे गांव शामिल हैं, जहां पूर्व सरपंचों द्वारा सरकारी धन और संपत्तियों का दुरुपयोग किया गया।
क्या वारिस घोटाले की रकम चुकाने के लिए बाध्य हैं?
हां, वारिसों को गबन किए गए धन का भुगतान करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। प्रशासन ने दोषी सरपंचों के वारिसों को नोटिस जारी किया है। कुछ मामलों में कुर्की वारंट भी जारी किए गए हैं ताकि घोटाले की रकम वसूली जा सके। उदाहरण के लिए, खम्हरिया के पूर्व सरपंच के बेटे पर कुर्की वारंट जारी किया गया है।