/sootr/media/media_files/2025/08/08/11-thousand-acres-of-forest-land-in-chhattisgarh-is-occupied-the-sootr-2025-08-08-16-23-46.jpg)
रायपुर : छत्तीसगढ़ के वनों पर अतिक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य भर में करीब 11,000 एकड़ जंगल की जमीन पर अवैध कब्ज़े हैं। जंगल की जमीन पर अतिक्रमण जंगलों की हरियाली को निगल रहा हैं। इस सरकारी रिपोर्ट में एक बात हैरान करने वाली है।
नक्सलियों के इलाके में यानी बस्तर के जिलों में आने से अतिक्रमणकारी डरते हैं। बस्तर में ना के बराबर अतिक्रमण है। नक्सलियों का कोर एरिया बीजापुर में तो एक इंच जमीन पर भी किसी का कब्जा नहीं है। यानी अतिक्रमणकारियों के लिए कानून बेअसर है जबकि नक्सलियों का डर है।
ये खबर भी पढ़ें... अतिक्रमण, शिकार और उद्योग खा रहा है छत्तीसगढ़ के जंगल.. बाघ बस्ती में पहुंचा, जंगली सुअर पहुंचने वाला था शिकारियों के पास!
बस्तर के डर ने बचा ली हरियाली
छत्तीसगढ़ वो स्टेट है जहां घने जंगल हैँ, हरियाली है, हाथी हैं और हरी भरी खूबसूरती भी है। लेकिन इस खूबसूरती को नजर लग गई है। द सूत्र ने पड़ताल की तो एक सरकारी फाइल में दबी एक रिपोर्ट हाथ लगी। ये रिपोर्ट बहुत चौंकाने वाली है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ के जंगलों की 11 हजार एकड़ जमीन पर कब्जा है। यानी यह जमीन अतिक्रमण की चपेट में है। इसके अलावा डेढ़ हजार एकड़ जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने का दावा वन विभाग करता है। लेकिन इस 11 हजार एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने सरकार बुलडोजर नहीं पहुंच पा रहा है।
ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ के जंगल सुलग रहे, ढाई हजार मैदानी अमले की हड़ताल ने बढ़ाई परेशानी
इस रिपोर्ट में एक और हैरान करने वाली सच्चाई है। जहां कानून बेअसर है वहां बंदूक का डर है। हम बात कर रहे हैं बस्तर की। नक्सल हिंसा और सुरक्षा बलों की भारी मौजूदगी के चलते बस्तर को आम लोग भयभीत नजरों से देखते हैं। लेकिन वही डर जंगलों के लिए एक कवच बन गया है।
राज्य के अन्य जिलों में जंगलों को तेजी से साफ कर अतिक्रमण किया जा रहा है, लेकिन बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा जैसे नक्सल प्रभावित जिलों में अतिक्रमण नाम मात्र का है। नक्सलियों के कोर एरिया बीजापुर में तो एक इंच जमीन पर भी अतिक्रमण नहीं किया गया है।
ये खबर भी पढ़ें... बस्तर के चप्पे-चप्पे में जवान... बारिश में जंगल में डटी रहीं जवानों की 6 टुकड़ियां
बस्तर के जंगलों में अतिक्रमण
बस्तर - 42 हेक्टेयर
सुकमा - 2 हेक्टेयर
बीजापुर - 0 हेक्टेयर
दंतेवाड़ा - 94 हेक्टेयर
नारायणपुर - 15 हेक्टेयर
दूसरे शहरों के वनों में अतिक्रमण
महासमुंद - 414 हेक्टेयर
धमतरी - 545 हेक्टेयर
गरियाबंद - 445 हेक्टेयर
सूरजपुर - 215 हेक्टेयर
कवर्धा - 521 हेक्टेयर
बलरामपुर - 158 हेक्टेयर
बालोद - 122 हेक्टेयर
अतिक्रमण पर सरकार का एक्शन
सरकार कहती है कि प्रदेश के जंगल में अकूत संपदा है और उसकी अर्थव्यवस्था में इनकी बड़ी भूमिका है। इतना ही नहीं यहां की हरियाली लोगों के लिए जीवनदायिनी है। इसीलिए यहां के वनों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए मिशन मोड में काम किया जा रहा है।
सरकार के मुताबिक वनों की 594 हेक्टेयर जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। अतिक्रमण के 3975 प्रकरण बनाए गए हैं। इन पर कार्यवाही की जा रही है। वन क्षेत्र को बचाने के लिए 3416 बीट बनाई गई हैं। जहां पर लगातार गश्त लगाई जाती है। वन विहीन बीट की संख्या 97 है।
यह तो सरकारी एक्शन है लेकिन जो सवाल सबसे बड़ा है कि जहां पर विकास पहुंच रहा है वहां पर अतिक्रमण ज्यादा है और जहां पर बंदूक है वहां पर अतिक्रमण बेहद कम है। जहां सड़कें और योजनाएं पहुंचीं, वहां जंगल कटे। लेकिन जहां डर ने रास्ता रोक लिया, वहां पेड़ अब भी सांस ले रहे हैं। यह बहुत गंभीर और चिंता की बात है कि क्या जंगल को बचाने के लिए डर का सहारा लेना पड़ेगा।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- एजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
द सूत्र कीt खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃 🤝💬👩👦👨👩👧👧
छत्तीसगढ़ वन भूमि अतिक्रमण | नक्सल प्रभावित इलाकों में अतिक्रमण | बस्तर वन भूमि पर अवैध कब्जा | बीजापुर में जंगल की जमीन पर कब्जा | छत्तीसगढ़ में अवैध कब्जा | जंगल की जमीन पर कानून का डर