पूर्व मंत्री भगत की कमाई का रिकॉर्ड आया सामने, बढ़ी मुश्किलें

31 जनवरी से लेकर 5 दिन तक अमरजीत भगत और उनके करीबियों के घर आयकर विभाग ने छापा मार कार्रवाई की थी। भगत अपने करीबी सहयोगियों और कर्मचारी जिनके घर रेड पड़ी थी, उनके बयानों से कानूनी संकट में पड़ सकते हैं।

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Marut raj
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अमरजीत भगत
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रायपुर. आयकर विभाग की छापेमार कार्रवाई की जद में आए पूर्व मंत्री अमरजीत भगत(Former minister Bhagats) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।  पिछले दिनों यानी 31 जनवरी से लेकर 5 दिन तक अमरजीत भगत और उनके करीबियों के घर आयकर विभाग ने छापा मार कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई को लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी ने जानकारी सार्वजनिक की है। इस जानकारी के अनुसार ढाई करोड़ से ज्यादा की नगदी और ज्वेलरी बरामद की गई है। सीबीडीटी भगत के अनुसार करीबी सहयोगी और कर्मचारियों के बयान भी लिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भगत अपने करीबी सहयोगियों और कर्मचारी जिनके घर रेड पड़ी थी, उनके बयानों से कानूनी संकट में पड़ सकते हैं। आयकर विभाग ने अपने लिखित बयान में अमरजीत भगत का जिक्र पीईबी यानी पॉलिटिकली एक्सपोज्ड पर्सन के रूप में किया है। 

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रियल एस्टेट में करोड़ों का निवेश

आयकर विभाग की ओर से लिखित बयान में अमरजीत भगत के यहां रेड की पूरी कार्रवाई का जिक्र है। आयकर विभाग ने कहा है कि रायपुर सरगुजा सीतापुर और रायगढ़ के 25 से अधिक परिसरों पर छापा डाला गया। इस दौरान सामने आया कि भगत ने अपने करीबियों के यहां से गलत कमाई (नगद में) की थी, जिसकी प्रारंभिक राशि 13 करोड रुपए है। आयकर विभाग का कहना है कि सबूत से यह पता चलता है कि इस राशि से अमरजीत भगत में सहयोगियों के माध्यम से रियल एस्टेट में निवेश किया है। जमीन के निवेश में 3 करोड़ का भुगतान और 8 करोड़ से अधिक के बेहिसाब खर्च का सबूत मिला है।

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जमीन की खररीदी में दबाव

आयकर विभाग में अपने जारी बयान में कहा है की अमरजीत भगत के करीबियों के यहां से कई दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। इनमें अवैध रूप से जमीन हड़पने के दस्तावेज भी हैं। जिन किसानों और प्रभावित अन्य लोगों की जमीन ली गई है, उन्होंने आयकर विभाग में दिए बयान में स्वीकारा है कि जमीन के लेनदेन में अमरजीत भगत का दखल दबाव रहा है।

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कार्रवाई की जद में कलेक्टर भी आ सकते हैं

आयकर विभाग के बयान में दिन जमीन की अवैध खरीदी बिक्री की बात कही जा रही है, उनमें पुनर्वास पट्टा का उल्लेख है। यह ऐसी जमीन रही है जो बिना कलेक्टर के दखल के नहीं की जा सकती यानी इन जमीनों के खरीदी बिक्री में कलेक्टर को अनुमति का अधिकार होता है। जाहिर सी बात है कि इन जमीनों की खरीदी बिक्री हुई है तो एजेंसियों के रडार में कई कलेक्टर भी आगए हैं। इसी के साथ आयकर विभाग में जानकारी सार्वजनिक की है उसमें कर्मचारी, करीबीयों, सहयोगियों और प्रभावित व्यक्तियों के बयान का उल्लेख भी किया गया है।(पूर्व मंत्री भगत | बढ़ी मुश्किलें | problems increased not present in content)

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