प्रदेश में बीजेपी की साय सरकार बनने के बाद सांय सांय बदलाव जारी है। इन 9 महीनों में मंत्रियों के स्टॉफ के साथ प्रशासनिक बदलाव भी खूब हो रहे हैं। 9 महीने में चार मंत्री अपना स्टाफ हटा चुके हैं। किसी ने ओएसडी तो किसी ने पीए को बाहर का रास्ता दिखा दिया। वहीं सीएम विष्णुदेव साय ने प्रशासनिक अधिकारी भी सारे बदल डाले। सभी जिलों के कलेक्टर इधर से उधर हो गए। वहीं तीन जिलों के एसपी_कलेक्टर को तो जोड़ी से हटाया गया। सीएम सरकार के 9 महीने के बदलाव की पड़ताल करती ये रिपोर्ट।
9 महीने में 4 मंत्रियों ने बदला स्टाफ
दिसंबर में बीजेपी को बहुमत मिला और विष्णुदेव साय को सरकार मुखिया बनाकर सीएम का ताज पहना दिया गया। इसके बाद मंत्रिमंडल का गठन हुआ। मंत्रिमंडल के गठन के बाद मंत्रियों के निजी स्थापना में भी पदस्थापना की गई। लेकिन 9 माह में ही चार मंत्रियों की निजी स्थापना से स्टाफ को हटाया जा चुका है। डिप्टी सीएम अरुण साव के स्टाफ से गोपाल पटवा, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के स्टाफ से ओमप्रकाश देवांगन, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल के स्टाफ से अजय यादव और वन मंत्री केदार कश्यप के ओएसडी सुनील तिवारी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इनको हटाने की वजह इनके खिलाफ शिकायतें थीं। इन शिकायतों में पैसा कमाने का फीडबैक भी शामिल था।
तीन जोड़ी कलेक्टर-एसपी हटाए गए
सीएम साय ने अपनी छवि को कठोर बनाने के लिए कुछ कड़ी कार्रवाई भी की। उन्होंने लापरवाही मानते हुए तीन जिलों से कलेक्टर_एसपी को जोड़ी से हटा दिया। कलेक्टर और एसपी बदलने की पहली कार्रवाई बलौदाबाजार में हुई हिंसा के बाद की गई थी। कलेक्टर कुमार लाल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को हटाया इसके बाद दोनों को निलंबित भी कर दिया गया। सितंबर में कवर्धा के लोहारीडीह हिंसा मामले में मुख्यमंत्री साय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कलेक्टर-एसपी को हटा दिया था।
कवर्धा के कलेक्टर जन्मेजय महोबे के स्थान पर गोपाल वर्मा को कलेक्टर नियुक्त किया गया था। इसी तरह पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव को हटाकर उनके स्थान पर राजेश कुमार अग्रवाल को पुलिस अधीक्षक पदस्थ किया गया था। इतना ही नहीं, यहां के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ आईपीएस विकास कुमार को निलंबित किया गया था। हाल ही में सूरजपुर में प्रधान आरक्षक की पत्नी-पुत्री के हत्याकांड के बाद राज्य सरकार ने सूरजपुर के कलेक्टर रोहित व्यास और एसपी एसपी एमआर आहिरे को हटा दिया।
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सारे घर के बदल डाले
सीएम ने सारे जिलों के कलेक्टर बदल दिए हैं। हालांकि नई सरकार के बनने के बाद नए सीएम अपनी तरह से प्रशासनिक जमावट करते हैं। यह हर सरकार में होता है। लेकिन साय ने आधे कलेक्टरों को रुटीन प्रक्रिया के तहत तो आधे कलेक्टरों को लापरवाही के चलते हटाया। मुख्यमंत्री बनने के बाद साय ने थोकबंद तबादले किए।
जनवरी में 88 आईएएस_आईपीएस के तबादलों की सूची जारी हुई जिसमें 19 जिलों के कलेक्टरों को बदल डाला। इनमें रायपुर, महेंद्रगढ़_चिरमिरी_भरतपुर, कांकेर, कोरबा, राजनांदगांव, बेमेतरा, कोंडागांव, दुर्ग, सूरजपुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सरगुजा, जांजगीर चांपा, बालोद, धमतरी,सारंगढ़, खैरागढ़ और गरियाबंद के कलेक्टरों को बदल दिया गया।
ये कलेक्टर हटाए गए
कलेक्टर-एपी कांफ्रेस में मुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजन कम होने पर बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम पर नाराजगी जताई थी। बाद में उन्हें हटा दिया गया। गोरेला पेंड्रा मरवाही की कलेक्टर रही प्रियंका ऋषि महोबिया को नायब तहसीलदार रमेश कुमार के साथ हुए विवाद के बाद हटाया गया। हाल ही में मोहला मानपुर और सूरजपुर के कलेक्टर्स का भी ट्रांसफर किया गया ।
सूरजपुर कलेक्टर रोहित व्यास को जशपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आईएएस अधिकारी एस जयवर्धन को सूरजपुर का कलेक्टर का दायित्व दिया गया है। महासमुंद से कलेक्टर प्रभात मलिक,कोरिया से कलेक्टर विनय कुमार लंगेह को हटाया गया। उनकी जगह पर चंदन त्रिपाठी को कोरिया कलेक्टर बनाया गया। संबित मित्रा को बीजापुर और तूलिका प्रजापति को मोहला मानपुर का कलेक्टर बनाया गया।
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जशपुर कलेक्टर को बनाया सीपीआर
हाल ही में हुए बदलाव में जशपुर कलेक्टर को कमिशनर जनसंपर्क बनाया गया। जनसंपर्क विभाग के आयुक्त मयंक श्रीवास्तव की जिम्मेदारी में भी बदलाव किया गया है। अब उन्हें गृह विभाग में स्थानांतरित किया गया है। जशपुर के कलेक्टर रवि मित्तल को जनसंपर्क आयुक्त बनाया गया है। मित्तल के पास मुख्य कार्यपालन अधिकारी, संवाद और प्रोजेक्ट डायरेक्टर, चिराग परियोजना का अतिरिक्त प्रभार होगा।
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