सरकारी बैंक में बड़ा Scam...कर्मचारियों ने लिए लाखों के फर्जी लोन
सहकारी केंद्रीय बैंक में 50 लाख रुपये से अधिक का फर्जीवाड़ा हुआ है। इसमें आधा दर्जन गांवों के 50 से अधिक बैगा आदिवासियों के नाम पर केसीसी लोन निकाले गए।
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के सहकारी केंद्रीय बैंक बोड़ला में 50 लाख रुपये से अधिक का फर्जीवाड़ा हुआ है। इसमें आधा दर्जन गांवों के 50 से अधिक बैगा आदिवासियों के नाम पर केसीसी लोन निकाले गए, जबकि उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं थी। आरोप है कि बैंक कर्मचारियों और दलालों ने मिलकर यह घोटाला किया। बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले यह धोखाधड़ी की गई, जिसमें भरतपुर निवासी इंदल नामक व्यक्ति ने बैगा आदिवासियों से पासबुक लेकर यह गड़बड़ी अंजाम दी।
घोटाले के तहत इंदल और बैंक के कर्मचारियों ने बैगा आदिवासियों को धोखा देकर उनके नाम पर लाखों रुपये का केसीसी लोन लिया। भोले-भाले आदिवासियों को लोन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। आरोप है कि इंदल ने आदिवासियों से विभिन्न बहाने बनाकर उनके पासबुक और अन्य दस्तावेज मांगे, जिन्हें बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से इस्तेमाल किया गया। इस फर्जीवाड़े के कारण आदिवासी समुदाय अब परेशान हैं और लोन का भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं।
इस गंभीर मामले की शिकायत की गई थी, लेकिन जांच अधिकारी ने अब तक कोई ठोस रिपोर्ट या कार्रवाई नहीं की। इस लापरवाही से पीड़ित आदिवासी और अधिक परेशान हैं। आदिवासी समुदाय ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें इस घोटाले से राहत दी जाए। मामला उजागर होने के बाद राज्य प्रशासन और बैंक प्रबंधन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इस घोटाले में बैंक कर्मचारियों और दलालों ने मिलकर बैगा आदिवासियों के नाम पर फर्जी तरीके से केसीसी लोन लिया। भोले-भाले आदिवासियों से पासबुक और अन्य दस्तावेज लेकर उनकी जानकारी के बिना लाखों रुपये का लोन निकाला गया।
क्या इस मामले में कोई शिकायत दर्ज की गई है?
हां, इस मामले की शिकायत की गई थी, लेकिन जांच अधिकारी ने अब तक कोई ठोस रिपोर्ट या कार्रवाई नहीं की है। इससे पीड़ित आदिवासी समुदाय को राहत नहीं मिल पाई है।
प्रभावित आदिवासी समुदाय ने क्या मांग की है?
पीड़ित आदिवासियों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और घोटाले से राहत दिलाने की मांग की है। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस धोखाधड़ी में शामिल लोगों को सजा दी जाए और उनका लोन माफ किया जाए।