छत्तीसगढ़ की इंजीनियरिंग शिक्षा में गीता, भारतीय संस्कृति और संविधान का पाठ्यक्रम

छत्तीसगढ़ की तकनीकी शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत हो रही है। नए शैक्षणिक सत्र से इंजीनियरिंग के छात्र न सिर्फ तकनीकी ज्ञान हासिल करेंगे, बल्कि श्रीमद्भगवद्गीता, प्राचीन भारतीय गणित, खगोल विज्ञान, संस्कृति और संविधान से भी रूबरू होंगे।

author-image
Krishna Kumar Sikander
New Update
Gita, Indian culture and constitution curriculum in engineering education of Chhattisgarh the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ की तकनीकी शिक्षा में एक क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत हो रही है। नए शैक्षणिक सत्र से इंजीनियरिंग के छात्र न सिर्फ तकनीकी ज्ञान हासिल करेंगे, बल्कि श्रीमद्भगवद्गीता, प्राचीन भारतीय गणित, खगोल विज्ञान, भारतीय संस्कृति और संविधान जैसे विषयों से भी रूबरू होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत लागू यह बदलाव छात्रों को न केवल तकनीकी विशेषज्ञता, बल्कि नैतिकता और नागरिक जिम्मेदारी का पाठ भी पढ़ाएगा।

ये खबर भी पढ़ें... सांसद भोजराज नाग बोले, ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं करते, बस कमीशन खाते हो

नया सिलेबस, नई दिशा

छत्तीसगढ़ के 28 इंजीनियरिंग कॉलेजों में लागू होने वाले इस नए पाठ्यक्रम में कई आधुनिक और पारंपरिक तत्वों का समावेश किया गया है। पुराने पाठ्यक्रम को अपडेट करने के साथ चार नए अनिवार्य विषय जोड़े गए हैं

पहला सेमेस्टर : प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली का परिचय - इसमें आर्यभट्ट, वराहमिहिर और ब्रह्मगुप्त जैसे महान गणितज्ञों के योगदान को शामिल किया गया है।  

दूसरा सेमेस्टर : श्रीमद्भगवद्गीता - जीवन और ब्रह्मांड के दार्शनिक सिद्धांतों पर आधारित यह कोर्स नैतिकता और जीवन मूल्यों पर जोर देगा।  

ये खबर भी पढ़ें... झीरम घाटी हमले में निशाने पर थे नंदकुमार पटेल

तीसरा सेमेस्टर : भारतीय पारंपरिक विज्ञान और प्रथाएं - खगोल विज्ञान और ज्योतिष जैसे विषयों को पढ़ाया जाएगा।  

चौथा सेमेस्टर : भारतीय संस्कृति और संविधान - इसमें कलिंग, मराठा, राजपूत और द्रविड़ स्थापत्य कला के साथ-साथ भारतीय संविधान की बारीकियां सिखाई जाएंगी।

ये विषय सभी ब्रांच के छात्रों चाहे वे सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे हों, के लिए अनिवार्य होंगे।

ये खबर भी पढ़ें... झीरम घाटी कांड के 12 साल बाद भी अधूरी जांच, पीड़ितों के परिजनों को न्याय का इंतजार

ब्रांच के हिसाब से फिजिक्स और स्किल-आधारित कोर्स

नए सिलेबस में फिजिक्स को ब्रांच के अनुसार अनुकूलित किया गया है। अब इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल या अन्य ब्रांच के छात्रों के लिए अलग-अलग फिजिक्स पाठ्यक्रम होंगे। इसके अलावा, स्किल-आधारित कोर्स जैसे मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग को भी शामिल किया गया है, जो छात्रों को उद्योग की मांगों के अनुरूप तैयार करेगा।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने EWS आरक्षण पर शासन से मांगा जवाब

लचीलापन, मल्टीपल एंट्री-एक्जिट सिस्टम

नई नीति के तहत बीटेक कोर्स में मल्टीपल एंट्री और एक्जिट की सुविधा दी गई है। छात्र पढ़ाई बीच में छोड़ने के बाद उसी स्तर से दोबारा शुरू कर सकेंगे। साथ ही 

1 साल पूरा करने पर सर्टिफिकेट  

2 साल पूरा करने पर डिप्लोमा  

4 साल पूरा करने पर बीटेक डिग्री

यह प्रणाली छात्रों को लचीलापन और बेहतर अवसर प्रदान करेगी।

भारतीय संस्कृति और मूल्यों पर जोर

नया पाठ्यक्रम भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। प्राचीन भारतीय गणितज्ञों और स्थापत्य कला की जानकारी के साथ-साथ श्रीमद्भगवद्गीता के जरिए नैतिक मूल्यों को सिखाया जाएगा। भारतीय संविधान का अध्ययन छात्रों को देश के कानूनी ढांचे और नागरिक कर्तव्यों से अवगत कराएगा।
यह पहल न केवल तकनीकी शिक्षा को समृद्ध करेगी, बल्कि छात्रों को भारतीय संस्कृति और जिम्मेदार नागरिकता के प्रति जागरूक बनाएगी।

 

 Gita | Indian culture | Constitution | Change in curriculum | engineering | education

नए पाठ्यक्रम संविधान भारतीय संस्कृति गीता इंजीनियरिंग छत्तीसगढ़ Chhattisgarh education engineering Change in curriculum Constitution Indian culture Gita