GST2.0 बचत उत्सव: छत्तीसगढ़ में ग्राहकों को छूट या व्यापारियों की 'लूट'? जानें कैसे कर रही सरकार निगरानी

छत्तीसगढ़ के जीएसटी 2.0 बचत उत्सव ने नई जीएसटी दरों पर सवाल उठाए हैं। सरकारी टीमों द्वारा छूट की जाँच के लिए बाज़ारों का दौरा किया जा रहा है। सरकार इस लाभ को आम जनता तक पहुंचाना चाहती है। जिसके लिए निगरानी की जा रही है।

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Sanjay Dhiman
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GST feedback by Cm sai

Photograph: (the sootr)

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RAIPUR.छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत प्रमुख शहरों में GST 2.0 की अधिसूचना जारी होने के बाद से ही बाजारों में हलचल है। राज्य सरकार इसे GST 2.0 बचत उत्सव के रूप में प्रचारित कर रही है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संशोधित GST दरें (GST Rates) लागू होने के बाद ग्राहकों को उसका वास्तविक लाभ यानी 'छूट' मिले। लेकिन जमीनी हकीकत क्या है? क्या यह वास्तव में बचत का अवसर है या फिर 'लूट' की आशंका, जहां कुछ व्यापारी घटी हुई दरों का अनुचित लाभ उठा रहे हैं?

राज्य GST विभाग अब इन आशंकाओं को दूर करने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए कमर कस चुका है। जीएसटी की टीमें अब बाजारों में लगातार दस्तक दे रही हैं। नई जीएसटी दरों पर ग्राहकों को छूट मिल रही है या नहीं, इसकी गहन जाँच करने के लिए राज्य जीएसटी ने अपने अधिकारियों को अलग-अलग बाजारों और व्यापारिक क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी है। 

GST 2.0: बाजारों में अफसरों की सख्त निगरानी 

छत्तीसगढ़ GST विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेशभर के अलग-अलग डिवीजन के अधिकारी-कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे केवल दुकानों और शो-रूम की जाँच तक ही सीमित न रहें, बल्कि बाजारों में जाकर ग्राहकों से सीधे बात करें। उनका मुख्य सवाल यही है कि क्या आपको GST दरों में छूट का लाभ मिल रहा है?"

GST आयुक्त (GST Commissioner) पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने स्वयं इस अभियान की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव , रायगढ़, कोरबा, जगदलपुर, अंबिकापुर जैसे प्रमुख शहरों में विशेष टीमें लगाई गई हैं। इन टीमों का मुख्य फोकस रिटेल स्टोर, बड़े शो-रूम और स्थानीय बाजारों पर है, जहाँ ग्राहक खरीदारी करते हैं।  

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निगरानी के मुख्य बिंदु: उपभोक्ताओं से सीधा संवाद

अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ग्राहकों को GST 2.0 के तहत होने वाले बदलावों के बारे में जानकारी दें और यह भी सुनिश्चित करें कि विक्रेता नई एमआरपी को सही ढंग से प्रदर्शित कर रहे हैं या नहीं।

यह है अनिवार्य निर्देश- 

पुरानी-नई एमआरपी का प्रदर्शन: शो-रूम और दुकान संचालकों को अनिवार्य रूप से उत्पाद पर पुरानी और नई दोनों एमआरपी [MRP] का स्पष्ट उल्लेख करना होगा।
विस्तृत जानकारी के लिए पोस्टर: ग्राहकों को दरों में छूट की स्पष्ट जानकारी देने के लिए दुकानों और शो-रूम में बड़े पोस्टर लगाए जाने चाहिए।
इनवॉइस की जाँच: अधिकारी ग्राहकों द्वारा प्राप्त इनवॉइस की जाँच कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कर की गणना सही दरों पर की गई है।
शिकायत निवारण तंत्र: ग्राहकों को किसी भी विसंगति की स्थिति में तुरंत शिकायत दर्ज करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

सामान की पुरानी और नई कीमतों का मुद्दा

बाजार में एक बड़ी समस्या पुराने स्टॉक (Old Stock) पर एमआरपी स्टीकर लगाने की है। कई उत्पाद पहले से ही पुरानी दरों पर बने हुए हैं, और उन पर नई जीएसटी दरें लागू करना और उसके अनुरूप दाम कम करना एक बड़ी logistical चुनौती है। लेकिन नियम स्पष्ट हैं: उपभोक्ताओं को GST 2.0 के तहत कम हुई दर का लाभ हर हाल में मिलना चाहिए। यदि दरों में कमी आई है, तो वस्तु की अंतिम कीमत भी कम होनी चाहिए। 

जीएसटी दरों में बदलाव और सरकार द्वारा निगरानी को ऐसे समझें

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छत्तीसगढ़ GST 2.0 का प्रभाव: छत्तीसगढ़ में जीएसटी 2.0 की नई दरों के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने "बचत उत्सव" मनाने का फैसला लिया है, जिससे ग्राहकों को छूट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

बाजारों में अधिकारियों की सख्त निगरानी: राज्य जीएसटी विभाग ने अधिकारियों को विभिन्न शहरों में भेजा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जीएसटी की नई दरों पर दुकानदार सही छूट दे रहे हैं।

टीमों का निरीक्षण कार्य: रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, और अन्य प्रमुख शहरों में सरकारी टीमें बाजारों का दौरा कर रही हैं, ग्राहकों से पूछताछ कर यह जानने के लिए कि उन्हें छूट मिल रही है या नहीं।

एमआरपी स्टीकर लगाने के निर्देश: दुकानदारों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने उत्पादों पर पुरानी और नई एमआरपी दोनों को स्पष्ट रूप से दर्शाएं, ताकि ग्राहकों को दरों में बदलाव का सही जानकारी मिल सके।

मुख्यमंत्री और मंत्री का सक्रिय सहयोग: मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री बाजारों का दौरा कर रहे हैं, ग्राहकों से सीधे संवाद कर उन्हें जीएसटी 2.0 की छूट के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री भी रख रहे बाजार पर नजर

इस पहल को जन-केंद्रित बनाने के लिए, राज्य सरकार ने एक राजनीतिक अभियान भी शुरू किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से लेकर मंत्री और विधायक स्वयं बाजारों का दौरा कर रहे हैं। वे न केवल खरीदारी कर रहे हैं, बल्कि ग्राहकों से रूबरू होकर उन्हें GST 2.0 के बारे में जागरूक भी कर रहे हैं। बल्कि ग्राहकों से भी मुलाकात कर उनकी राय ले रहे हैं। इस अभियान का उद्देश्य लोगों तक जीएसटी की नई दरों की जानकारी पहुंचाना और यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें सही लाभ मिल रहा है। 

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उपभोक्ताओं के लिए क्या है खास? 

GST बचत उत्सव ग्राहकों को सशक्त बनाने पर जोर देता है। यदि किसी उत्पाद पर कर की दर कम हुई है, और व्यापारी आपको घटी हुई दर का लाभ नहीं दे रहा है, तो आपके पास शिकायत करने का पूरा अधिकार है।

यह है उपभोक्ताओं के अधिकार

  1. इनवॉइस [Invoice] में GSTIN नंबर और कर की दरें स्पष्ट रूप से उल्लिखित हों।

  2. उत्पाद पर पुरानी और नई एमआरपी [MRP] दोनों अंकित हों (खासकर यदि वह पुराना स्टॉक है)।

  3. यदि आपको लगता है कि आप ठगे [Cheated] जा रहे हैं, तो तुरंत राज्य GST विभाग या राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (National Anti-Profiteering Authority - NAA) में शिकायत दर्ज करें। 

यह सावधानियां भी बरतें

हमेशा खरीद का पूरा बिल (इनवॉइस) लें। दरों की तुलना करें, पिछली GST दरों से नई दरों की तुलना करें।एमआरपी देखें उत्पाद पर लगाई गई एमआरपी की जांच करें।

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