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Photograph: (the sootr)
छत्तीसगढ़ में मानसून की विदाई से ठीक पहले, मौसम ने एक बार फिर करवट ली है, जिसके परिणामस्वरूप कई संभागों में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई है। बीते 24 घंटों में हुई इस वर्षा ने किसानों और आम नागरिकों दोनों का ध्यान खींचा है। राज्य में सबसे अधिक वर्षा बीजापुर जिले में 56 मिमी दर्ज की गई है, जो इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में और अधिक वर्षा हो सकती है। वहीं, दुर्ग में अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो वातावरण में नमी और गर्मी के मेल को दर्शाता है।
सक्रिय मौसम प्रणाली और वर्षा का कारण
मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने एक निम्न दबाव क्षेत्र (Low-Pressure Area) के कारण दक्षिण छत्तीसगढ़ में भारी से अति भारी वर्षा की प्रबल संभावना है। यह प्रणाली मुख्य रूप से बस्तर संभाग और उसके आस-पास के जिलों को प्रभावित करेगी। यह एक विशिष्ट मानसूनी परिघटना है, जहाँ विदाई से ठीक पहले समुद्री हवाएं नमी लाकर जोरदार वर्षा करती हैं।
छत्तीसगढ़ मानसून अपडेट: कहाँ कितनी हुई वर्षा?
पिछले दिनों जिन क्षेत्रों में उल्लेखनीय वर्षा दर्ज की गई है, उनमें बीजापुर (6 सेमी), दंतेवाड़ा बड़े बचेली, और गीदम में 5 सेमी शामिल हैं। इसके अलावा, भोपालपटनम, बास्तानार, और अम्बागढ़ चौकी में 4 सेमी वर्षा हुई है। यह आँकड़ा स्पष्ट करता है कि दक्षिण छत्तीसगढ़ इस सक्रिय मौसम प्रणाली से सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है।
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ऑरेंज और रेड अलर्ट: ज़िलों में विशेष चेतावनी
सक्रिय मौसम प्रणाली को देखते हुए, मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए ऑरेंज (Orange) और रेड अलर्ट (Red Alert) जारी किया है। यह अलर्ट इस बात का संकेत है कि नागरिकों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की आवश्यकता है।
रेड अलर्ट वाले क्षेत्र
सुकमा (Sukma) और बीजापुर (Bijapur) जैसे जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जो अति भारी वर्षा की संभावना को दर्शाता है। इन क्षेत्रों में बाढ़, जलभराव और आवागमन में बाधा जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
रेड अलर्ट छत्तीसगढ़
बीजापुर, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा बस्तर (Bastar), नारायणपुर कोंडागांव और उत्तर बस्तर कांकेर जैसे जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यहाँ मेघगर्जन, आकाशीय बिजली और 30-40 KMPH की गति से अचानक तेज़ हवाओं के साथ मध्यम वर्षा की संभावना है।
छत्तीसगढ़ में मानसून के अंतिम दौर की बारिश को ऐसे समझेंबंगाल की खाड़ी में सिस्टम सक्रिय: मानसून की विदाई से पहले, बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र (Low-Pressure System) के कारण छत्तीसगढ़ के दक्षिणी हिस्सों में भारी वर्षा की संभावना है। सबसे ज्यादा वर्षा बीजापुर में: पिछले 24 घंटों में बीजापुर जिले में सर्वाधिक 56 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि दुर्ग में सबसे ज्यादा तापमान (34.5 डिग्री सेल्सियस) रहा। छत्तीसगढ़ भारी बारिश अलर्ट: मौसम विभाग ने बस्तर संभाग समेत सुकमा और बीजापुर जैसे जिलों के लिए भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी देते हुए ऑरेंज (Orange) और रेड अलर्ट (Red Alert) जारी किया है। प्रभावित होने वाले मुख्य क्षेत्र: बस्तर संभाग और उससे सटे दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कोंडागांव, कांकेर, धमतरी, बालोद और राजनांदगांव जैसे जिलों में मेघगर्जन, आकाशीय बिजली और तेज़ हवाओं के साथ मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है। रायपुर का मौसम: राजधानी रायपुर में आज आसमान में बादल छाए रहने और गरज-चमक के साथ वर्षा होने की संभावना है, जहां तापमान 24 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। |
राजधानी रायपुर का मौसम
राजधानी रायपुर (Raipur) में आज आसमान में बादल छाए रहने और गरज-चमक के साथ वर्षा होने की संभावना है। तापमान 24 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अचानक होने वाली वर्षा के लिए तैयार रहें और बिजली गिरने की स्थिति में खुले स्थानों से बचें।
निष्कर्ष: छत्तीसगढ़ में यह भारी वर्षा का दौर मानसून की अंतिम महत्वपूर्ण गतिविधि हो सकती है। सभी नागरिकों को स्थानीय मौसम विभाग की चेतावनियों का गंभीरता से पालन करना चाहिए।
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क्या है निम्न दबाव क्षेत्र?
एक निम्न दबाव क्षेत्र (Low-Pressure Area) वायुमंडल का वह क्षेत्र है जहाँ हवा का दबाव आसपास के क्षेत्रों की तुलना में कम होता है। यह क्षेत्र अक्सर नमी को खींचता है और ऊपर उठाता है, जिससे घने बादल बनते हैं और भारी वर्षा होती है। बंगाल की खाड़ी में ऐसे सिस्टम मानसून के सक्रिय चरण के दौरान या विदाई के समय अक्सर बनते हैं।