MBBS पीजी एडमिशन की काउंसलिंग पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लगाई रोक
High court bans counseling for MBBS PG admission : एडमिशन की प्रक्रिया में 3 साल की सेवा पूरी करने के नियमों को दरकिनार कर दिया गया है, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है।
High court bans counseling for MBBS PG admission : छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में MBBS पीजी एडमिशन में गड़बड़ियों को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने एडमिशन के लिए होने वाली काउंसलिंग पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने पाया कि निजी उम्मीदवार को कटऑफ तारीख के बाद सीट आवंटित की गई।
हाईकोर्ट ने कहा है कि यह आदेश समान परिस्थितियों वाले सभी सभी छात्रों पर लागू होगा। साथ ही महाधिवक्ता को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित अधिकारियों को इस आदेश की जानकारी दें। अब मामले की सुनवाई 25 फरवरी को होगी।
जानकारी के अनुसार एडमिशन की प्रक्रिया में 3 साल की सेवा पूरी करने के नियमों को दरकिनार कर दिया गया है, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। डॉ. यशवंत राव और डॉ. पी राजशेखर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिका में बताया गया है कि मेडिकल पीजी में प्रवेश के लिए होने वाली काउंसिलिंग के दौरान अपात्र उम्मीदवारों को गलत तरीके से सेवारत श्रेणी का लाभ दिया गया। अधिकारियों ने सेवा अवधि की गणना कटऑफ तारीख से आगे बढ़ा दी है, जिससे अयोग्य उम्मीदवारों को भी पात्र मान लिया गया है।
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने गड़बड़ी की शिकायत विभाग के अफसरों से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिम्मेदार अधिकारियों ने एक निजी उम्मीदवार को सेवारत श्रेणी में प्रमाणित किया है।जांच में पता चला कि सेवा अवधि की गणना 31 जनवरी 2024 के बाद तक बढ़ा दी गई।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि अगर कटऑफ तारीख का पालन किया जाता, तो वह उम्मीदवार पात्र नहीं होता। याचिका में कहा गया है कि इस तरह की गड़बड़ियों से योग्य और अनुभवी चिकित्सक पीजी में एडमिशन से वंचित हो गए हैं। मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन. भारत ने भी माना कि शिकायत सही लग रही है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में MBBS पीजी एडमिशन पर क्या आदेश दिया है ?
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने MBBS पीजी एडमिशन के लिए होने वाली काउंसलिंग पर रोक लगा दी है, क्योंकि निजी उम्मीदवार को कटऑफ तारीख के बाद सीट आवंटित की गई थी।
याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में किस मामले को लेकर याचिका दायर की थी ?
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि मेडिकल पीजी में प्रवेश के लिए होने वाली काउंसलिंग में अपात्र उम्मीदवारों को गलत तरीके से सेवारत श्रेणी का लाभ दिया गया, और सेवा अवधि की गणना कटऑफ तारीख से आगे बढ़ा दी गई।
याचिकाकर्ताओं ने शिकायत करने के बावजूद अधिकारियों ने क्या कदम नहीं उठाए थे ?
याचिकाकर्ताओं ने विभाग के अफसरों से गड़बड़ी की शिकायत की थी, लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की और एक निजी उम्मीदवार को सेवारत श्रेणी में प्रमाणित कर दिया।