RAIPUR. छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक अफसरों के तबादला (transfer) आदेश को चुनौती देने के बाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार, 15 मार्च को निरस्त कर दिया। अफसरों के तबादले को लेकर चुनाव आयोग ने कुछ समय पहले ही निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद हाईकोर्ट का फैसला आया है। राज्य सरकार के तबादले के खिलाफ अलग-अलग याचिकाएं दायर हुई हैं। राज्य सरकार ने 23 फरवरी के बाद से तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, जनपद पंचायत के सीईओ सहित 215 प्रशासनिक अफसरों का तबादला आदेश जारी किया था। जिसे प्रशासनिक अफसरों ने कोर्ट में चुनौती दी थी।
अफसरों के ये तर्क दिए
याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क दिया गया कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने 27 फरवरी को लोकसभा चुनाव में कार्यकाल और ट्रांसफर को लेकर नया स्पष्टीकरण दिया है। इसके मुताबिक, लोकसभा चुनाव में 3 साल के कार्यकाल का नियम केवल रिटर्निंग ऑफिसर और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर पर लागू होता है। राज्य सरकार ने आयोग के निर्देशों को आधार बनाकर तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख, सहायक अधीक्षक और जनपद पंचायतों के सीईओ का भी ट्रांसफर आदेश जारी कर दिया है, जिसे निरस्त किया जाना चाहिए। अफसरों की ओर से एडवोकेट प्रतीक शर्मा सहित अन्य वकीलों ने तर्क दिया। वहीं, राज्य शासन की तरफ से भी बताया गया कि चुनाव आयोग ने ट्रांसफर को लेकर नया दिशा-निर्देश जारी किया है। सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने रिटर्निंग ऑफिसर और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर का तबादला आदेश निरस्त कर दिया है।
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आयोग के 23 फरवरी के आदेश के बाद हुए थे ट्रांसफर
दरअसल, चुनाव आयोग ने 23 फरवरी को प्रशासनिक अफसरों के ट्रांसफर के संदर्भ में निर्देश दिए थे। इसी के आधार पर राज्य सरकार ने 49 तहसीलदार, 79 नायब तहसीलदार, 5 भू-अभिलेख अधीक्षक, 59 सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, 23 जनपद पंचायत सीईओ का ट्रांसफर किया। इस बीच चुनाव आयोग ने 27 फरवरी को नया दिशा-निर्देश जारी कर दिया।